जवाहर लाल नेहरु कृषि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने रावे के अंतर्गत पनागर विकासखंड के बीरनेर गांव में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रावे यानी रूरल एग्रीकल्चर वर्क एक्सपीरियंस से विद्यार्थियों को ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य का अनुभव कराया जाता है। विश्वविद्यालय का प्रयास है कि विद्यार्थी ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ें और वहां की समस्याओं को जाने व समझें। ग्रामीण क्षेत्रों के सामाजिक परिवेश के साथ ही कृषि व्यवस्था को समझने में भी विद्यार्थियों को रावे के माध्यम से आसानी होगी। कार्यक्रम के अंतर्गत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने बच्चाें को संपूर्ण आहार और स्वच्छता के बारे में जानकारी दी। सभी को बताया कि स्वच्छता का क्या महत्व है। विद्यार्थियों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर गांव में स्वच्छता अभियान चलाया। बताया कि कचरे को यहां-वहां न फेंक कर कूड़ादान में ही डालें। हर घर में कूड़ादान रखने की व्यवस्था की बात कही। इसके साथ ही ग्रामीणों को बताया कि खाने के पहले और बाद में हाथ धोना आवश्यक है। हाथ धाे कर खाना खाने से कई संक्रामक बीमारियों से बचा जा सकता है। यह भी समझाया गया कि यदि आसपास के वातावरण में गंदगी होगी तो भी संक्रामक बीमारियों का खतरा बना रहेगा। इसलिए सफाई रहना जरूरी है।