अफगानिस्तान संकट के बीच 8 सितंबर को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और रूस के एनएसए (NSA) निकोलाई पेत्रुशेव (Nikolai Patrushev) की मुलाकात है। माना जा रहा है कि इस बैठक में अफगानिस्तान के हालातों को लेकर चर्चा हो सकती है। 15 अगस्त से अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से सभी देशों में उथल-पुथल हो गई हैपिछले दिनों तालिबान ने दावा किया था कि पंजशीर पर भी कब्जा कर लिया गया गया। हालांकि, इन दावों को गलत बताया गया है। अफगानिस्तान में अब तालिबान शासन का गठन कर नई सरकार स्थापित हो सकती है। इस संबंध में तालिबान ने छह देशों को न्योता भी भेज दिया है, जिसमें रूस, चीन, पाकिस्तान, तुर्की, ईरान और कतर जैसे देश शामिल हैं। तालिबान के निमंत्रण में रूस का तो नाम है, लेकिन भारत का नाम शामिल नहीं है। ऐसे में कल होने वाली अजित डोभाल और निकोलाई पेत्रुशेव की बैठक काफी अहम मानी जा रही है। देखना होगा कि दोनों देश के एनएसए मिलकर अफगानिस्तान को लेकर क्या योजना बनाएंगे। क्योंकि तालिबान से दोनों देश के नागरिक भी प्रभावित हुए हैं।
अफगानिस्तान में भारत-रूस के लोगों की सुरक्षा पर भी बोले निकोले कुदाशेव
भारत में रूसी राजदूत निकोले कुदाशेव ने कहा कि अफगानिस्तान में हम दोनों देशों (भारत और रूस) को सुरक्षा, और समावेशी सरकार की जरूरत है, जो अफगान लोगों की जरूरतों को पूरा करे। अफगानिस्तान में चल रहे हालात पर राजदूत ने कहा थाी कि अफगानिस्तान और देश के लोगों को आत्मनिरीक्षण के लिए समय चाहिए।