अमेरिकी सेना के काबुल एयरपोर्ट से निकलने के बाद तालिबान के नेताओं ने एयरपोर्ट पर फ़ौजी लिबास पहने अपने लड़ाकों को संबोधित करते हुए उन्हें “आज़ादी” के लिए बधाई दी.
तालिबान प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने उनसे कहा, हमें आपकी क़ुर्बानियों पर नाज़ है. ये आपके और आपके नेताओं ने जो मुश्किलें सही हैं उसी की बदौलत हो सका है. ये हमारे नेताओं की ईमानदारी और सब्र का नतीजा है कि आज हम आज़ाद हैं.
उन्होंने कहा, “मैं आपको और अफ़ग़ानिस्तान को बधाई देता हूँ. हम मनाते हैं कि हमारे देश पर फिर कोई हमला ना हो. हम सुख, समृद्धि और सच्ची इस्लामी व्यवस्था चाहते हैं.”
उन्होंने साथ ही तालिबान लड़ाकों से कहा कि वो अफ़ग़ानिस्तान के लोगों के साथ “शराफ़त से पेश आएँ”.
ज़बीहुल्लाह ने कहा, “मैं आपसे ये भी चाहता हूँ कि आप लोगों के साथ अपने बर्ताव को लेकर सावधानी बरतें. इस मुल्क़ ने काफ़ी कुछ सहा है. अफ़ग़ान लोग प्यार और सहानुभूति के हक़दार हैं. तो उनके साथ शराफ़त से पेश आएँ. हम उनके सेवक हैं. हमने उनके ऊपर ख़ुद को थोपा नहीं है.”
वहीं एयरपोर्ट पर तालिबान के एक और बड़े नेता हनस हक़्क़ानी ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान के “लोग ख़ुश हैं” हालाँकि “कई तत्व शांति नहीं चाहते थे, वो चाहते थे कि अमेरिकी क़ब्ज़ा क़ायम रहे”.
तालिबान के साथ रहे हक़्क़ानी नेटवर्क के नेता ने वहाँ एक रिपोर्टर से बात की जिसकी क्लिप तालिबान के एक मीडिया प्रभारी तारिक़ ग़ज़नीवाला ने ट्वीट की है.
हक़्क़ानी ने कहा, “मैं एक डॉक्टर से बात कर रहा था, उसने कहा- “पहले अस्पताल घायलों और मृतकों से भरे होते थे, अब ऐसा नहीं है.”
वो साथ ही कहते हैं, “जब भी कोई सत्ता बदलती है तो ये स्वाभाविक है कि पहले कुछ चुनौतियाँ भी आएँगी…आप जब घर बदलते हैं तो भी कुछ नुक़सान होता है. ये तो सत्ता का परिवर्तन था.”