May 27, 2024 : 7:28 AM
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मानसून सत्र: अध्यादेश से जुड़े विधेयकों के नाम होगा अगला हफ्ता, विपक्ष दिखा रहा कड़े तेवर

सोमवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र के तीसरे सप्ताह में सरकार का एजेंडा अध्यादेश से जुड़े विधेयक होंगे। बीते दो सप्ताह में अध्यादेश से जुड़े छह विधेयकों में से महज एक को ही दोनों सदनों की मंजूरी मिलने से सरकार की चिंता बढ़ गई है।

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अगले सप्ताह राज्यसभा में ऐसे विधेयकों को पारित कराने के लिए सरकार रणनीति बनाने में जुट गई है। विपक्ष के पुराने तेवर बरकरार रहने पर सरकार हंगामे के बीच ही इन विधेयकों को पारित करा सकती है।

सरकार को अब तक आवश्यक सेवा रक्षा विधेयक को ही दोनों सदनों में पारित कराने में सफलता हासिल हुई है। लोकसभा में इस विधेयक के साथ दिवाला-दिवालियापन संहिता संशोधन विधेयक को मंजूरी मिली है।

जबकि शुक्रवार को सरकार ने अध्यादेश से जुड़े राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एवं आसपास में वायु गुणवत्ता प्रबंध के लिए आयोग विधेयक को पेश किया है। इस हिसाब से सरकार को अब राज्यसभा में अध्यादेश से जुड़े पांच तो लोकसभा में चार विधेयकों को पारित कराना है।

नाकाम हो रहे विपक्ष को साधने की कोशिश
सरकार के एक मंत्री के मुताबिक सरकार की मुख्य चिंता राज्यसभा है। राज्यसभा में विपक्ष से सहयोग हासिल करने के लिए अब तक सदन के नेता पीयूष गोयल ने विपक्षी नेताओं के साथ तीन बैठकें की हैं। हालांकि इस बैठक से कोई नतीजा नहीं निकला।

उक्त मंत्री के मुताबिक अब इस सत्र में महज दस बैठकें बची हैं और सरकार को अध्यादेश से जुड़े पांच बिलों को पारित कराना है। ऐसे में सरकार सोमवार को एक बार फिर से विपक्षी नेताओं से संपर्क साधेगी।

विपक्ष को मनाने में सफलता नहीं मिलने पर सरकार के पास हंगामे के बीच इन विधेयकों को पारित कराने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।

पेगासस मामले में नहीं झुकेगी सरकार
मानसून सत्र में अगर विपक्ष अपने पुराने रुख पर अडिग रहा तो बीच का रास्ता निकलने की संभावना कम है। सरकार पेगासस जासूसी मामले में किसी भी सूरत में चर्चा के लिए तैयार नहीं है। हालांकि सरकार की निगाहें अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पर टिकी है।

शीर्ष अदालत ने अगले हफ्ते इस मामले में सुनवाई करने का निर्णय लिया है। दूसरी ओर विपक्ष बीते दो हफ्ते से साफ संदेश दे रहा है कि वह पेगासस जासूसी मामले पर अपना रुख नरम नहीं करेगा।

समय से पहले खत्म हो सकता है सत्र
मानसून सत्र के समय से पहले खत्म होने के आसार बन रहे हैं। सरकार का अब सारा ध्यान अध्यादेश से जुड़े विधेयकों पर है। सरकार की योजना अगले हफ्ते की पांच बैठकों में बाकी बचे पांचों विधेयकों पर दोनों सदनों की मुहर लगवाने पर है।

अगर सरकार अपनी योजना में सफल होती है तो सत्र की बाकी बैठकों में विधायी कामकाज की संभावना ना के बराबर है। ऐसे में सत्र के समय से पहले खत्म होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

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