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- Shivraj Singh Chouhan | Madhya Pradesh Chief Minister Shivraj Singh Chouhan On Mandsaur Liquor Death
मध्यप्रदेशएक घंटा पहले
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इसी साल जनवरी माह में मुरैना में 26 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था, मुरैना जैसी घटना अब हुई, तो जिम्मेदार का करियर तबाह कर दूंगा। अवैध शराब बिकी तो कलेक्टर, एसपी और आबकारी अधिकारी जिम्मेदार होंगे। यही नहीं, डिवीजनल कमिश्नर और आईजी भी जवाबदेह होंगे। माफियाओं की जड़ों में प्रहार करो।
अब मंदसौर के खकराई गांव में 25 जुलाई को जहरीली शराब से 3 लोगों की मौत हो गई। घटना के लिए मंदसौर के पिपलिया मंडी थाना प्रभारी, एसआई और आबकारी निरीक्षक को निलंबित किया गया। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तंज कसा है, मुरैना कांड के बाद एसपी-आईजी पर कार्रवाई नहीं हुई। खास है, मध्य प्रदेश में 15 महीने में जहरीली शराब से 51 लोगों की मौत हो चुकी है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, शिवराज सरकार में प्रदेश के उज्जैन, मुरैना, भिंड, ग्वालियर के बाद अब मंदसौर में मौतें सामने आई हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- आबकारी मंत्री के क्षेत्र की यह स्थिति? पता नहीं, शिवराज सरकार में माफिया कब गढ़ेंगे, कब टगेंगे व कब लटकेंगे? उन्होंने शिवराज की पूर्व की घोषणा अनुसार दोषियों व ज़िम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई हो।
कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा है, घटना के लिए जिम्मेदार अफसरों को बचाया जा रहा है। जांच के लिए कांग्रेस ने मंदसौर कांग्रेस जिलाध्यक्ष नवकृष्ण पाटिल, वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजकुमार अहीर व उमाराव सिंह गुर्जर जिम्मेदारी सौंपी है।
कागजों पर राजौरा कमेटी की रिपोर्ट
मुरैना कांड के बाद अपर मुख्य सचिव गृह डाॅ. राजेश राजौरा की अध्यक्षता में बनी एसआईटी ने रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें कहा गया था, वर्तमान आबकारी कानून के प्रावधान को सख्त करने की जरुरत है। रिपोर्ट में कहा गया है, अवैध शराब का कारोबार करने वालों पर धारा 134 में कार्रवाई की जाती है, जिसमें तत्काल जमानत हो जाती है। इस पर विचार तक नहीं किया गया। यही वजह है, एक-एक व्यक्ति पर 30.40 तक केस हैं, लेकिन वे अवैध कारोबार जारी रखे हैं।
SIT ने यह दिए थे सुझाव
- मध्य प्रदेश के आबकारी कानून को उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों की तरह सख्त बनाया जाए।
- वर्तमान आबकारी नीति में बड़े ठेकेदारों को 2 से 3 जिलों के ठेके दिए हैं। ऐसे में वे लोग मोनोपॉली बनाकर ज्यादा रेट पर शराब बेच रहे हैं।
- शराब महंगी होने का फायदा अवैध शराब का कारोबार करने वाले उठा रहे हैं। वे अवैध शराब बनाकर गरीबों को सस्ते दाम पर दे रहे हैं।
- आबकारी नीति में ज्यादा टैक्स लगाए जाने के कारण प्रदेश में अन्य राज्यों की तुलना में शराब महंगी है।