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- CPI(M) MP Filed A Petition In The Supreme Court, Demanding A Court monitored Investigation, Said In The Petition Against The Court’s Decision In The Matter Of Espionage Privacy
नई दिल्ली8 घंटे पहले
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पेगासस जासूसी मामले की जांच की मांग करते हुए सुप्रीम काेर्ट में एक और याचिका दायर की गई है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्यसभा सदस्य जाॅन ब्रिटास ने यह याचिका लगाई है। याचिका में काेर्ट की निगरानी में इस मामले की जांच कराने की मांग की गई है। ब्रिटास ने कहा है कि जासूसी मामला चिंताजनक है। यह जासूसी निजता के मामले में अदालती फैसले और मौलिक अधिकारों के विरुद्ध है। इससे अभिव्यक्ति और बातचीत की आजादी प्रभावित हाेगी।
ब्रिटास ने रविवार काे कहा कि बेहद गंभीर प्रकृति के बावजूद केंद्र सरकार जासूसी के आरोपों की जांच कराने काे तैयार नहीं है। इसलिए इस मामले में संसद में प्रश्न उठाए गए थे। लेकिन सरकार ने पेगासस द्वारा जासूसी से न तो इंकार किया और न इसे स्वीकार किया है।
वहीं, मीडिया रिपोर्टों का दावा है कि इजराइली सॉफ्टवेयर पेगासस से मंत्रियों, राजनेताओं, सरकारी अफसरों, पत्रकारों आदि की जासूसी हुई है। देश में करीब 300 लोगों फोन नंबरों की जानकारी अब तक सामने आ चुकी है। सरकार ने कहा है कि देश में निगरानी की व्यवस्था पहले से है। सूचना प्राैद्याेगिकी मंत्री वैष्णव ने लाेकसभा में जासूसी से जुड़ी मीडिया रिपाेर्टाें काे आधारहीन बताया है।
सरकार को जेपीसी या सुप्रीम कोर्ट के नियमित जज से जांच करानी चाहिए : चिदंबरम
पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम ने पेगासस मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार को जेपीसी जांच की सिफारिश करनी चाहिए। जेपीसी की जांच विभागीय समिति की पड़ताल की तुलना में अधिक प्रभावी होगी। उनके मुताबिक सरकार सुप्रीम कोर्ट से भी आग्रह कर सकती है कि वह अपने नियमित जज को इस मामले की जांच के लिए नियुक्त करे। इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद में बयान देना चाहिए। स्पष्ट करना चाहिए कि सॉफ्टवेयर के जरिए जासूसी हुई या नहीं।
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