वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन Published by: Jeet Kumar Updated Mon, 26 Jul 2021 02:03 AM IST
सार
चीन ने कुछ महीने पहले ही इस द्वीप के नजदीक एक बड़ा नौसैनिक अभ्यास भी किया था। इसके बाद ही अब चीन ने दक्षिण चीन सागर के कृत्रिम द्वीपों पर सैन्य क्षमतओं में विस्तार की योजना बनाई है।
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विस्तार
चीन की ऐसी हरकतों की वजह से कुछ देश खासा नाराज हैं इनमें ताइवान, वियतनाम, जापान, मलेशिया, इंडोनेशिया, ब्रुनेई और फिलीपींस हैं। चीन का इन देशों से विवाद बढ़ता जा रहै और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अन्य बड़े देश चीन के खिलाफ आने को तैयार हैं।
क्षेत्र पर अपनी पकड़ करना चाहता है मजबूत
उन्होंने कहा कि यह तैनाती दर्शाता है कि पीएलए ने उन हवाई क्षेत्रों से नियमित हवाई संचालन शुरू किया है। ऐसे में उस द्वीप के आसपास से गुजरने वाली दूसरे देश की नौसेनाओं के लिए खतरा बढ़ जाएगा। जापानी सरकार ने देश के रक्षा श्वेत पत्र 2020 में कहा था कि चीन स्थानीय समुद्रों में क्षेत्रीय दावे करने की पुरजोर कोशिश कर रहा है। चीन अपने प्रभाव का विस्तार करने और सामरिक वर्चस्व कायम करने के लिए कोरोनो वायरस महामारी का भी उपयोग कर रहा है।
द्वीप पर सैन्य अड्डा बनाकर तैनात किए ये विमान
एक मीडिया समूह ने सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर बताया है कि मई और जून में स्प्रैटली द्वीप समूह में बनाए गए सैन्य अड्डे पर चीन ने केजे-500 एयरबॉर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट को तैनात किया है। दूसरी सैटेलाइट तस्वीरों में सूबी रीफ पर बने एयरबेस पर वाई-9 ट्रांसपोर्ट विमान और जेड-8 हैवी ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर खड़े दिखाई दिए। चीन ने कुछ महीने पहले ही इस द्वीप के नजदीक एक बड़ा नौसैनिक अभ्यास भी किया था। जिसमें चीन के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर लियाओनिंग के साथ उसके कैरियर स्ट्राइक ग्रुप ने भी हिस्सा लिया था।