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QR कोड से होने वाले फ्रॉड से सावधान: फेक ID से खुद को आर्मी ऑफिसर बताकर भरोसा जीतते हैं, फिर अकाउंट से उड़ा देते हैं लाखों रुपए

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Hindi NewsTech autoUPI Qr Code Payment Fraud; What Risks And How To Avoid It? All You Need To Know|QR Code Scams

नई दिल्ली7 मिनट पहले

आजकल UPI से पेमेंट के लिए ज्यादातर दुकानों में स्पीकर का इस्तेमाल होने लगा है। जब जेब में नगद पैसे न हो तो QR कोड बहुत काम में आता है। जैसे ही स्कैन किया, पेमेंट हुआ और आवाज सुनाई दी। QR कोड सिर्फ पेमेंट तक सीमित नहीं है। इसका इस्तेमाल डेली यूज प्रोडक्ट से लेकर घर की बिजली बिल, रेल टिकट,आधार कार्ड तक में होता है। जिसे आसानी से स्कैन करके बिल बना सकते हैं। कुल मिलाकर इससे बिना कुछ टाइप किए आसानी से जरूरत की चीजें कर सकते हैं।

QR कोड को स्कैन करने के लिए यूजर्स को सिर्फ स्कैनर ऐप खोलना होता है। इसे स्कैन करने से पहले पढ़ा नहीं जा सकता है। यहां तक कि खुद का QR कोड आप नहीं पढ़ सकते हैं। ऐसे में बिना जानकारी स्कैन करना खतरनाक हो सकता है।

साइबर एक्सपर्ट सनी वाधवानी का कहना है कि QR कोड से ज्यादातर फ्रॉड तब होते हैं जब खरीदार कुछ खरीदना चाहता है और इसके बदले में पैसा ट्रांसफर करता है। आइए समझते हैं कि ये फ्रॉड किस तरह से हो रहे हैं…

olx और ebay जैसे प्लेटफॉर्म में हो रहे फ्रॉड

ज्यादातर QR फ्रॉड e- कॉमर्स और पुराने सामान बेचने वाली वेबसाइट पर होते हैं। इसमें olx, ebay और अन्य वेबसाइट शामिल हैं। फ्रॉड करने वाला वेबसाइट पर प्रोडक्ट देखता है और उसे खरीदने के लिए कॉल करता है। साथ ही सामान की पूरी रकम देने के लिए तैयार हो जाता है। इसके बाद वह 10 या 20 रुपए और ज्यादा यकीन दिलाने के लिए 500 रुपए तक का पेमेंट करता है। फिर पेमेंट अमाउंट ज्यादा होने का बहाना कर एक QR कोड भेजता है, ताकि सामान बेचने वाले को कोड स्कैन करते ही पेमेंट मिल जाए। लेकिन होता इसके उलट है और ग्राहक फ्रॉड के जाल में फंस जाता है। मतलब उसके अकाउंट से पैसे कट जाते हैं।

सोशल मीडिया से शेयर करते हैं QR कोडQR कोड को वॉट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे कई सोशल मीडिया में शेयर किया जाता है। फ्रॉड करने वाले पैसे मिलने या किसी ऑफर का लालच देकर QR स्कैन करने के लिए कहते हैं। लेकिन यहां लोगों को पैसा मिलने के बजाय उनके बैंक अकाउंट से पैसे कट जाते हैं।

ऐप को डाउनलोड करने को कहा जाता हैफ्रॉड करने वाले कई बार QR कोड के नाम पर किसी अनजान ऐप को डाउनलोड करने को कहते हैं। जब ये फेक ऐप डाउनलोड हो जाता है तो हैकर यानी फॉड करने वाले के पास आपके मोबाइल या डिवाइस का एक्सेस मिल जाता है। इसके बाद वे आपके मोबाइल की सभी एक्टिविटी को कंट्रोल कर सकते हैं, जिसमें पेटीएम, गूगल पे, फोन पे, बैंक से रिलेटेड और दूसरे ऐप भी शामिल हैं। फ्रॉड करने वाले एक्सेस मिलने के बाद वे आपके OTP तक को जान सकते हैं। नतीजतन, आपकी महत्वपूर्ण जानकारी और डेटा से हाथ धोना पड़ सकता है।

स्कैमर खुद को आर्मी ऑफिसर बताते हैंयहां गौर करने वाली बात यह है कि इस तरह के फ्रॉड करने के लिए वह भरोसेमंद लोगों की तरह सामने आते हैं। ज्यादातर ये स्कैमर खुद को आर्मी ऑफिसर की पहचान के साथ खुद को पेश करते हैं। इसके अलावा खुद को पुलिस या सरकारी ऑफिसर भी बताते हैं। इसके लिए वे बकायदा फेक ID बनाते हैं। इससे लोग इनकी कही गई हर बात पर आसानी से भरोसा कर लेते हैं और जाल में फंस जाते हैं।

मेकअप आर्टिस्ट भी घेरे मेंहैकर फोटोग्राफी सर्विस देने वाले, मेकअप आर्टिस्ट और दूसरी सर्विस इंडस्ट्री प्रोफेशन को भी शिकार बनाते हैं। इसके लिए वह उन्हें 50% एडवॉन्स में पे करते हैं और बाकी मनी QR कोड से देने को कहते हैं।

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