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चातुर्मास 20 जुलाई से 15 नवंबर तक: तिथियों की घट-बढ़ होने से इस बार 3 महीने 26 दिन तक रहेगा देवशयन

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Hindi NewsJeevan mantraDharmDevshayani Ekadashi Chaturmas Date 20 July 2021 | Shubh Karya Muhurat, Hindu Marriage, Griha Pravesh Dates With Muhurat Or Shubh Timings

6 घंटे पहले

कॉपी लिंकइस दौरान योग निद्रा में रहेंगे भगवान विष्णु; इन दिनों नहीं होंगी शादियां, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कामों पर भी रोक रहेगी

20 जुलाई को देवशयनी एकादशी से ही चातुर्मास शुरू हो जाएंगे। इसके साथ ही चार महीने तक शादी, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक काम नहीं किए जाएंगे। हालांकि इन दिनों में खरीदारी, लेन-देन, निवेश, नौकरी और बिजनेस जैसे नए कामों की शुरुआत के लिए शुभ मुहूर्त रहेंगे। इस साल भगवान विष्णु 118 दिन योग निद्रा में रहेंगे। इस दौरान संत और आम लोग धर्म-कर्म, पूजा-पाठ और आराधना में समय बीताएंगे।

पिछले साल अधिकमास होने से भगवान विष्णु ने 148 दिन क्षीरसागर में आराम किया था। इस बार वे 20 जुलाई से 14 नवंबर तक योग निद्रा की अवस्था में रहेंगे। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस अवधि में सृष्टि को संभालने और कामकाज संचालन का जिम्मा भगवान भोलेनाथ के पास रहेगा। इस दौरान धार्मिक अनुष्ठान किए जा सकेंगे पर विवाह समेत मांगलिक काम नहीं होंगे।

खास होता है आषाढ़ महीनाहिंदू कैलेंडर में आषाढ़ साल का चौथा माह है। आषाढ़ सनातन धर्म में धार्मिक माह भी माना गया है। इस माह में भगवान विष्णु, भगवान शिव व मां दुर्गा की गुप्त नवरात्र के दौरान पूजा की जाती है। माना जाता है कि इसी महीने में सभी देवी देवता विश्राम के लिए जाते हैं। वहीं भारत में इस समय काफी बारिश होने के कारण इस माह को वर्षा ऋतु का महीना भी कहा जाता है।

चातुर्मास में कौन-कौन से महीनेपुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि चतुर्मास की शुरुआत हिंदू कैलेंडर के आषाढ़ माह से होती है। चातुर्मास आषाढ़ महीने के शुक्लपक्ष की एकादशी यानि इस बार मंगलवार, 20 जुलाई 2021 से शुरू होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलेगा। जो कि 15 नवंबर को है। यानि इसकी अवधि 4 महीने की होगी।

चातुर्मास के चार महीने -श्रावण: आषाढ़ महीने के शुक्लपक्ष की एकादशी से श्रावण शुक्ल एकादशी तक (20 जुलाई से 18 अगस्त)भाद्रपद: श्रावण शुक्लपक्ष की एकादशी से भाद्रपद शुक्लपक्ष की एकादशी तक (18 अगस्त से 17 सितंबर)आश्विन: भाद्रपद शुक्लपक्ष की एकादशी से आश्विन शुक्लपक्ष की एकादशी तक (17 सितंबर से 16 अक्टूबर)कार्तिक: आश्विन शुक्लपक्ष की एकादशी से कार्तिक शुक्लपक्ष की एकादशी तक (16 अक्टूबर से 15 नवंबर)

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