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मुंबई14 घंटे पहले
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सरकार ने IDBI बैंक में हिस्सेदारी बेचने के लिए ट्रांजैक्शन एडवाइजर्स को अर्जी देने की समय सीमा बढ़ा दी है। अब 23 जुलाई तक अर्जी दे सकतें है। पहले यह समय सीमा 13 जुलाई तक थी। यह जानकारी DIPAM ने दी है। सरकार और LIC आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में अपना 100% हिस्सा बेचने जा रही है। साथ ही मैनेजमेंट कंट्रोल भी ट्रांसफर करने की भी तैयारी है। इसकी पूरी भी हो गई है और आर्थिक मामलों की कैबिनेट से इसे मंजूरी भी मिल गई है। इसकी जानकारी डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) ने दी है।
किसकी कितनी हिस्सेदारी?
- सरकार की 45.48% हिस्सेदारी है।
- IDBI बैंक में LIC की अभी 49.24% हिस्सेदारी है।
- इसके अलावा 5.29% हिस्सेदारी गैर-प्रमोटर्स की है।
DIPAM ने जानकारी दी
IDBI बैंक में भारत सरकार और LIC की हिस्सेदारी बेची जाएगी। इसके साथ ही मैनेजमेंट कंट्रोल भी ट्रांसफर किया जाएगा। DIPAM के मुताबिक IDBI कैपिटल मार्केट्स भी ट्रांजेक्शन एडवाइजर्स बनने के लिए बोली नहीं लगा सकेगी. इसके अलावा मर्चेंट बैंकर में 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी या नियंत्रण योग्य हिस्सेदारी रखने वाले व्यक्ति या कंपनी को भी IDBI बैंक के लिए बोली लगाने की इजाजत नहीं होगी। इसके अलावा DIPAM ने सरकारी बैंकों को IDBI बैंक के लिए बोली लगाने से रोक दिया है।
पिछले महीने बोलियां मंगाई थीं
DIPAM ने पिछले महीने IDBI बैंक में रणनीतिक हिस्सा बिक्री और मैनेजमेंट कंट्रोल के ट्रांसफर पर प्रबंधन और सलाह के लिए बोलियां मंगवाई थीं।
खाता धारकों पर क्या असर होगा?
बैंक में सरकार और LIC के हिस्सा बेचने से खाता धारकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उनकी जमा पूंजी पहले की तरह की बैंक में सुरक्षित रहेगी। उन्हें उसी दर से ब्याज, एफडी पर इंटरेस्ट मिलता रहेगा।