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- Subhendu Adhikari Tushar Mehta | Solicitor General Mehta Dismissed Meeting Reports
10 घंटे पहले
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- शुभेंदु अधिकारी नारदा और शारदा घोटालों में आरोपी हैं
- सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता CBI की तरफ से पैरवी कर रहे
बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी से मुलाकात के विवाद को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने गलत बताया है। मेहता ने शुभेंदु से मीटिंग की बात से शुक्रवार को इनकार कर दिया। मेहता को सफाई इसलिए देनी पड़ी, क्योंकि ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर सॉलिसिटर जनरल को हटाने की मांग की है।
तुषार मेहता ने कहा, ‘शुभेंदु अधिकारी गुरुवार को बिना बताए मेरे घर पहुंचे थे। मैं पहले से तय मीटिंग में था, इसलिए मेरे स्टाफ ने शुभेंदु को इंतजार करने को कहा। मेरी मीटिंग खत्म होने के बाद स्टाफ ने शुभेंदु को बताया कि मैं उनसे नहीं मिल सकता। वे भी मीटिंग के लिए जोर दिए बगैर वहां से चले गए। इसलिए उनसे मेरी मुलाकात का सवाल ही नहीं उठता।
तृणमूल का आरोप- केस को प्रभावित करने के लिए मीटिंग हुई
इस मामले में तृणमूल सांसद डेरेक ओ’ ब्रायन और सुखेंदु शेखर रॉय ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर तुषार मेहता को पद से हटाने की मांग की है। उनका आरोप है कि यह मीटिंग नारदा और शारदा केस के फैसले को प्रभावित करने के लिए की गई है।
तृणमूल का कहना है कि शुभेंदु अधिकारी बंगाल के नारदा और शारदा घोटालों में आरोपी हैं। जबकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता नारदा मामले में सुप्रीम कोर्ट में CBI की तरफ से पैरवी कर रहे हैं। वहीं शारदा चिट फंड घोटाले में CBI के सलाहकार भी हैं। ऐसे में सॉलिसिटर जनरल का शुभेंदु से मिलना गलत है। यह देश के दूसरे बड़े कानून अधिकारी के पद को कलंकित करता है।