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Hindi NewsLocalDelhi ncrFour Of The Same Family Died Due To Suffocation, The Dead Included The Woman, Her Daughter And Two Sons
नई दिल्ली5 घंटे पहले
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सिलिंडर ब्लास्ट मामले में दुकान मालिक के खिलाफ केस दर्ज किया है साथ ही पुलिस ने पुछताछ शुरु कर दी है। इनसेट में मकान के अंदर की तस्वीर।
फर्श बाज़ार इलाके का मामला, घर के दरवाजे पर गिरा मलबाबाहर नहीं निकल सका पूरा परिवार,एक युवक ने खिड़की के सहारे सांस लेकर बचाई अपनी जानमकान मालिक के भांजा की सिलेंडर रिफिलिंग दुकान में हुआ था धमाका
फर्श बाजार इलाके में भीकम सिंह कालोनी में एलपीजी रिसाव की वजह से सिलिंडर ब्लास्ट हो गया। इस घटना में एक परिवार के चार लोगों की मौत हो गई, जबकि एक घायल हो गया। यह हादसा मंगलवार देर रात का है। मृतकों की पहचान मुन्नी देवी (48), उनकी बेटी सुमन (24) और दो बेटे नरेश (22) और ओमप्रकाश (19) के रूप में हुई।
घायल एक अन्य बेटे का नाम लालचंद (29) है। वह 25 फीसदी झुलस गया। हादसे वाले घर के आगे एक दुकान में अवैध रूप से बड़े से छोटे एलपीजी सिलिंडर में गैस भरी जाती थी। दुकान में रिसाव के बाद आग लगने से सिलेंडर फट गया। धमाके से दुकान की दीवार इस परिवार के दरवाजे के आगे गिर गई, जिस वजह से वे बाहर नहीं निकल सके।
आखिर में कमरे के अंदर धुआं भर जाने से दम घुटने के चलते चारों की मौत हो गई। लालचंद ने एक छोटी सी खिड़की के जरिए सांस लेकर अपनी जान बचाई। इस मामले में दुकान मालिक के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया मुन्नी देवी गली नंबर-16, भीकम सिंह कालोनी, फर्श बाजार में किराए पर एक कमरे में रहती थीं। उसके परिवार में तीन बेटे लालचंद, नरेश, ओम प्रकाश व एक बेटी सुमन थे।
यह परिवार छोले-कुचले बेचता था। मुन्नी देवी के घर के कोने पर मकान मालिक गीता राम का भांजा मन्नू दुकान में छोटे एलपीजी सिलेंडरों में गैस भरने का काम करता था। दुकान के पीछे एक कमरे में मुन्नी देवी का परिवार रहता था। मंगलवार रात मन्नू दुकान बंद कर राम नगर शाहदरा अपने घर चला गया।
रात करीब 12 बजे मन्नू की दुकान में आग लगने के साथ तेज धमाका हुआ। जिस वजह से दुकान की दीवार मुन्नी के दरवाजे के सामने वाले गई। मुन्नी देवी का परिवार कमरे में फंस गया क्योंकि दरवाजे पर मलबा पड़ा था। मामले की सूचना पर पुलिस दमकल विभाग की नौ गाड़ियों ने आग पर काबू पाया।
दमकल विभाग निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कमरे से पांचों लोगों को निकाला गया। घायलों को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां मुन्नी देवी, सुमन, नरेश और ओम प्रकाश को मृत घोषित कर दिया गया। वहीं मुन्नी देवी का एक बेटा पच्चीस फीसदी झुलस गया, जिसे प्राथमिक उपचार के बाद हॉस्पिटल से छुट्टी मिल गई।
इकलौते बचे लालचंद ने दस महीने में दो हादसे में खो दिए 8 लोग
इस हादसे ने लालचंद का सबकुछ छीन लिया। भाई, मां और बहन पल भर में उसे अकेला छोड़ गए। वह खुद भी मौत के मुंह से बाहर निकल कर आया। घायल लालचंद ने बताया घटना के वक्त क्या हुआ था। रात करीब 12 बजे वह मोबाइल देख रहा था। उसकी मां ने सोने के लिए बोला। फोन रख वह सोने की कोशिश कर रहा था, तभी एक तेज धमाका हो गया।
आग का गुब्बार कमरे की तरफ़ आया। उसने देखा आगे दुकान में आग लगी हुई थी। घर में धुआं भरने लगा। सबको सांस लेने में परेशानी होने लगी। बाहर नहीं निकल सके, क्योंकि दरवाजा खुल नहीं सका। ऐसे में उसने कमरे की खिड़की तोड़ने की कोशिश की, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। अपने छोटे भाई नरेश को सांस के लिए तड़पता देख वह उसे खिड़की के पास ले आया।
इस बीच वह अचेत होकर गिर गया। कमरे में धुंए से अंधेरा हो गया था। लाल चंद को लगा शायद वह अब भी बचेगा। लेकिन पड़ोसियों ने गली में बनी खिड़की को किसी तरह तोड़ उसे बाहर निकाला। इसके बाद उसे हॉस्पिटल भेजा गया। लालचंद का परिवार 30 साल से अधिक समय से दिल्ली में रह रहा था। इस घर में वे आठ सालों से रह रहे थे।
मकान में कोने पर मन्नू की दुकान थी। पीछे और ऊपर पांच कमरे बने हुए थे। ऊपर एक ही किराएदार रह रहा था। करीब दस माह के दौरान लालचंद के परिवार के आठ सदस्यों की मौत हो गई। पिछले साल 25 अगस्त को यूपी के बांदा जिले में हुए सड़क हादसे में लालचंद के पिता रविशंकर सिंह, चाचा सुनायक सिंह, दो ताऊ लक्ष्मी सिंह व नारायण सिंह की मौत हो गई थी। ये सभी दिल्ली से बोलेरो गाड़ी किराए पर लेकर गांव जा रहे थे। गांव से करीब 12 किलोमीटर पहले इनकी गाड़ी हादसे का शिकार हो गई।
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