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Hindi NewsNationalDelta Variant Changed To More Dangerous Delta+ Not Affected By Cocktail Of Monoclonal Antibodies
3 मिनट पहले
कोरोना की दूसरी लहर में देश में तबाही मचाने वाला डेल्टा वैरिएंट अब और ज्यादा खतरनाक डेल्टा+ में बदल गया है। वैज्ञानिकों को आशंका है कि कोरोना मरीजों को दी जा रही मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज कॉकटेल इस वैरिएंट पर बेअसर हो सकती है। अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया ने यह रिपोर्ट दी है। बता दें कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज कॉकटेल को देश में मई की शुरुआत में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी।
टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटेन की स्वास्थ्य संस्था पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (PHE) के मुताबिक डेल्टा वैरिएंट के 63 जीनोम नए K417N म्यूटेशन के साथ सामने आए हैं। PHE के मुताबिक डेल्टा वैरिएंट में बदलावों की रुटीन जांच के दौरान डेल्टा+ का पता चला है। कोविड वैरिएंट्स पर PHE की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 7 जून तक डेल्टा+ वैरिएंट के 6 केस सामने आ चुके थे।
दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटिग्रेटिव बायोलॉजी के डॉ. विनोद स्केरिया का कहना है कि K417N म्यूटेशन को लेकर अहम चिंता ये है कि इसके एंटीबॉडीज कॉकटेल के खिलाफ रेजिस्टेंट होने के सबूत मिले हैं। हालांकि उनका ये भी कहना है कि भारत में K417N म्यूटेशन की फ्रीक्वेंसी बहुत ज्यादा नहीं है।
मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज कॉकटेल क्या है?मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज कॉकटेल कैसिरिविमैब (Casirivimab) और इम्डेविमैब (Imdevimab) से बना है। इसे फार्मा कंपनी सिप्ला और रोश (Roche) इंडिया ने मिलकर बनाया है। भारत में इसे कोरोना के इलाज के इमरजेंसी यूज के लिए मई में मंजूरी मिली थी। इसे अमेरिका और यूरोपियन यूनियन में इमरजेंसी यूज के लिए दिए गए डेटा के आधार पर सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) से अप्रूवल मिला था।
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