[ad_1]
मेरठ20 मिनट पहले
कॉपी लिंक
मेडिकल कालेज में पीडियाट्रिक आइसीयू बनाने का काम तेज हो गया है। यहां 22 वेंटिलेटरों का वार्ड रहेगा।- प्रतीकात्मक फोटो
वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना की तीसरी लहर आने पर सबसे अधिक बच्चे प्रभावित होंगे। इस कड़ी में मेरठ में प्रशासन स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने पर जोर दे रहा है। यहां कोरोना संक्रमितों का इलाज कर रहे 31 प्राइवेट अस्पतालों में पीडियाट्रिक आईसीयू बनेगा। मेडिकल कॉलेज में कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिए इंटरनेशनल लेवल के इंतजाम किए जा रहे हैं। जिस पर 15 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
5 से 10 वार्ड के होंगे PICU
प्रदेश सरकार ने सभी 31 कोविड अस्पतालों में बच्चों के आइसीयू बनाने का निर्देश दिया है। निजी अस्पताल पांच से दस बेड का पीआईसीयू बना रहे हैं। निजी अस्पतालाें में बाल रोग विशेषज्ञों की नियुक्ति अनिवार्य की जाएगी। मेडिकल कालेज की ओर से कैंप लगाकर पैरा मेडिकल स्टाफ को बच्चों के इलाज पर काम का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
वेंटिलेटर, बाइपेप से लैस होंगे वार्डपीकू में वेंटिलेटर, बाइपेप, हाई फ्लो नेजल केनुला का प्रबंध रहेगा। मेडिकल कॉलेज में बाल रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डा. विजय जायसवाल के अनुसार बच्चों की आईसीयू में लगाए जाने वाले उपकरणों की मांग प्रदेश सरकार को भेजी है। बच्चों के इलाज के लिए वेंटिलेटर एवं वाईपैप दोनों ही छोटे आकार के लगाए जाएंगे। बच्चों की साइज के हिसाब से नए मास्क भी मंगाए जाएंगे। बच्चों को जरूरत होने पर 20 लीटर प्रति मिनट की दर से बच्चों को आक्सीजन दी जा सके यह व्यवस्था रहेगी।
मेडिकल में 15 करोड़ की लागत से बनेगा PICUमेडिकल कालेज में पीडियाट्रिक आइसीयू बनाने का काम तेज हो गया है। यहां 22 वेंटिलेटरों का वार्ड रहेगा। इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर की चिकित्सा व्यवस्था होगी। गंभीर मरीजों के लिए 50 बेडों के वार्ड में 22 वेंटिलेटर लगाए जाएंगे।
खबरें और भी हैं…
[ad_2]