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Hindi NewsLocalMpCBSE 12th Board Exam 2021 Date: Central Government Cancels 12th Exams, Students Asked What Will Happen To The Future
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भोपाल6 घंटे पहलेलेखक: अनूप दुबे
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12वीं की परीक्षा रद्द होने से छात्रों के मन में अब भविष्य को लेकर सवाल खड़ हो गए हैं। – प्रतीकात्मक फोटो
बच्चों के सवाल की किस आधार पर होगा अस्सिमेंट
CBSE बोर्ड ने 12वीं की परीक्षाएं भी रद्द कर दी हैं। इसके बाद सवाल उठने लगा है कि आखिर बच्चों के भविष्य का क्या होगा। इस बारे में शिक्षक और एक्सपर्ट का कहना है कि ज्यादा असर बच्चों के भविष्य पर नहीं पड़ेगा, क्योंकि 12वीं के परीक्षा परिणाम के बाद किसी भी प्रमुख प्रोफेशन को चुनने के लिए कॉम्पिटिटिव एग्जाम देना जरूरी होता है।
हां उन बच्चों को मायूसी हो सकती है, जो 12वीं की मार्कशीट के आधार पर किसी कॉलेज में एडमिशन लेना चाहते हैं। क्योंकि बच्चों का अस्सिमेंट उनके पिछले साल के रिजल्ट को देखते हुए ही लिया जाएगा। हालांकि ऐसे में बच्चों का फोकस अब आने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं पर होना चाहिए।
जिसमें आईआईटी, जेईई मेंस समेत अन्य परीक्षाएं हैं। बच्चों के पास अभी जून और जुलाई का महीना का समय है। ऐसे में वे इसके लिए अच्छे से तैयारी कर सकते हैं। बच्चों के सवालों के बारे में एक्सपर्ट की राय…
बच्चों के सवाल एक्सपर्ट के जवाब
सवाल : 12वीं की परीक्षा नहीं देने से आगे मुझे क्या परेशानी हो सकती हैं?
जवाब : 12वीं की परीक्षा नहीं देना एक परीक्षा का अवसर गंवाने जैसा है, लेकिन क्योंकि परीक्षा परिणाम पिछले वर्षों के रिकॉर्ड को देखते हुए बनाया जाएगा। इसलिए इससे ग्रेड पर कोई असर नहीं पड़ेगा। ऐसे में आप का परिणाम आपकी आशा के अनुरूप रहेगा। हालांकि वह कुछ कम या ज्यादा हो सकता है, लेकिन आपकी योग्यता के अनुसार ही रहेगा।
सवाल : कॉलेज में एडमिशन किस आधार पर मिलेगा?
जवाब : अभी CBSE बोर्ड के लिखित आदेश जारी नहीं किए हैं। इसलिए यह कहना मुश्किल है कि कॉलेज में एडमिशन किस आधार पर मिलेगा। क्योंकि आपकी मार्कशीट आपके पिछले परिणाम को देखते हुए ही बनाई जाएगी, इसलिए कॉलेज में एडमिशन भी उसी आधार पर मिलेगा।
सवाल : कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी पर इसका क्या असर होगा?
जवाब : कॉम्पिटिटिव एग्जाम के लिए 12वीं के परीक्षा परिणाम में सिर्फ क्वालीफाई होना जरूरी होता है। इसलिए परीक्षा नहीं होने का कोई फर्क इस पर नहीं पड़ेगा।
सवाल : मैंने इस बार तैयारी बहुत अच्छे से की थी। मुझे विश्वास था कि बहुत अच्छे रिजल्ट होंगे, लेकिन परीक्षा नहीं होने के कारण मानसिक तनाव है?
जवाब : परीक्षा होना जरूरी होता है, लेकिन परीक्षा ही सब कुछ नहीं होती। आपने तैयारी की इसलिए आपको विषय का नॉलेज अच्छे से हुआ। यही आपकी पूंजी है, जो आपको आने वाले भविष्य में काम आएगी। इसलिए मानसिक तनाव लेने की जरूरत नहीं है।
सवाल : परीक्षा रद्द होने से हमने अपने को साबित करने का एक अवसर खो दिया। अब ऐसे में हमें आगे क्या करना चाहिए?
जवाब : परीक्षा देने से तैयारियों का पता चलता है। 12वीं की परीक्षा महत्वपूर्ण होती है, लेकिन अभी के हालातों में परीक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण सावधानी बरतना है। वैसे भी 12वीं कक्षा में की गई तैयारी हमेशा आने वाले भविष्य के लिए होती है। इसलिए यह मायने नहीं रखता कि आप ने परीक्षा दी है या नहीं दी है। मायने यह रखता है कि आपने कितने अच्छे से तैयारी की है। अगर आपने 12वीं के सभी सब्जैक्ट अच्छे से पढ़े हैं, तो आने वाले भविष्य में आपको किसी तरह की कोई समस्या नहीं होगी।
एक्सपर्ट की सलाह
जहां तक बच्चों के भविष्य का सवाल है, तो बच्चे अपनी तैयारी करते रहें और आने वाले समय में जो भी एग्जाम होते हैं उन्हें दे। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि वह लगातार तैयारी करते रहे। सरकार ने सभी परिस्थितियों को देखते हुए यह निर्णय लिया है, जो स्वागत योग्य है। क्योंकि बच्चों की जिंदगी ज्यादा महत्वपूर्ण है।
-सूर्यकांत पाठक, प्राचार्य केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-2 भोपाल
वर्तमान में अधिकांश बच्चे कंपटीशन एग्जाम को ध्यान में रखते हुए आगे की तैयारी करते हैं। कई बच्चे इसके लिए पहले से ट्यूशन भी लेने लगते हैं। कक्षा 12वीं का परिणाम एक तरह से आने वाले भविष्य का प्रवेश का द्वार होता है। अगर बच्चे ने अच्छे से पढ़ाई की है, तो वह आने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर कर सकता है। इसलिए 12वीं का परिणाम महत्वपूर्ण तो है, लेकिन उससे ज्यादा जरूरी यह है आने वाली परिस्थितियों के लिए तैयार रहें और उसी के अनुसार अपनी तैयारी करें।
-सुधाकर पाराशर, शिक्षक
12वीं का परीक्षा परिणाम हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है, क्योंकि यह आने वाले भविष्य को बनाता है। CBSE में दसवीं की परीक्षाएं जब रद्द की थी। इंटरनल अस्सिमेंट के आधार पर एक विस्तृत गाइड लाइन भी जारी की थी। उसमें जो सर्वश्रेष्ठ था, उसी रिजल्ट के आधार पर बच्चे का अस्सिमेंट किया गया था। इससे बच्चों को फायदा ही हुआ था। इसलिए बच्चों को निराश नहीं होना चाहिए और उन्हें अगली चुनौतियों के लिए खुद को तैयार करना चाहिए।
-आशीष जैन, पीजीटी हिंदी, केंद्रीय विद्यालय भोपाल
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