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- National Education Policy 2020| Same Rules Will Be Applicable In Government And Private Schools, Bag Burden Will Be Reduced, Focus On Practical And Problem Solving
2 दिन पहले
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- बच्चों की फिजिकल और मेंटल हेल्थ स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए होगा एनुअल हेल्थ चेकअप
- फेल या अच्छा प्रदर्शन न करने पर स्टूडेंट को मिलेंगे दो या दो से ज्यादा मौके
केंद्रीय सरकार द्वारा मंजूर नई शिक्षा नीति 2020 के बाद अब देश की शिक्षा प्रणाली में कई तरह के बदलाव किए गए हैं। इसका मकसद सभी बच्चों को साल 2030 स्कूली शिक्षा से जोड़ना या हर बच्चे तक शिक्षा पहुंचाना है। इसके लिए केंद्र सरकार ने कई बड़े बदलाव करते हुए पहली बार सरकारी और निजी स्कूलों में एक नियम लागू करने का फैसला किया है। अब राज्य स्कूल मानक प्राधिकरण में अब सभी सरकारी और निजी स्कूल शामिल होंगे। इससे प्राइवेट स्कूलों की फीस, पाठ्यक्रम तथा वेतन आदि पर लगाम लगेगी।
सरकार द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति के लक्ष्य
- ECCE (Early childhood care and education) से सेकंडरी सभी तक पहुँचना।
- सभी बच्चों के लिए निष्पक्षता और समावेशन सुनिश्चित करना।
- स्कूल छोड़ चुके 2 करोड़ बच्चों को वापस स्कूल लाना।
- माध्यमिक शिक्षा पूरी होने तक सभी बच्चों के लिए SDG लक्ष्यों को प्राप्त करना।
- सीखने के परिणामों की गुणवत्ता और उपलब्धि में सुधार करना।
- टीचिंग,लर्निंग और असेसमेंट में 21वीं सदी की स्किल्स पर फोकस करना।
- स्कूल परिसर में संसाधनों का साझाकरण
- सीखने की प्रक्रिया में भाषा की बाधा को पार करना
- सरकारी और प्राईवेट स्कूलों में शिक्षा के लिए सामान्य मानक तय करना।
फेल होने पर मिलेंगे दो से ज्यादा मौके
नई शिक्षा नीति में बोर्ड परीक्षा को पहले आसान बनाया गया है। अब 10वीं- 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि 24 से ज्यादा विषय न हों। फेल या अच्छा प्रदर्शन न करने पर स्टूडेंट को दो या दो से ज्यादा मौके मिलेंगे। साथ ही अब स्टूडेंट्स 9वीं के बाद से ही विषय का चुनाव कर सकते हैं। इसके लिए NCERT अगले साल तक नेशनल कैरिकुलम फ्रेमवर्क 2020 तैयार करेगी। वर्तमान में स्कूली शिक्षा नेशनल कैरिकुलम फ्रेमवर्क 2005 के तहत चल रही है।
स्टूडेंट्स का होगा एजुअल हेल्थ चेकअप
पढ़ाई के साथ ही बच्चों की फिजिकल और मेंटल हेल्थ स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए हर साल हेल्थ चेकअप किया जाएगा। बच्चों को शारीरिक जांच के आधार पर हेल्थ कोर्ड भी मिलेगा। इसके अलावा स्वास्थ्य की देखभाल के अलावा बुनियादी प्रशिक्षण में, मेंटल हेल्थ, प्राथमिक चिकित्सा, व्यक्तिगत और सार्वजनिक स्वच्छता को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
स्कूल बैग का बोझ होगा कम
पाठ्यक्रम और शिक्षाशास्त्र में उपयुक्त परिवर्तन के जरिए स्कूल बैग का वजन भी कम किया जाएगा। अब बच्चों को मोटी-मोटी किताबें नहीं पढ़नी पड़ेंगी। नई नीति के बाद बच्चों को हर विषय के कोर कंसेप्ट को आसान तरीकों से समझाया जाएगा। पढ़ाई का फोकस और कांस्पेट्स, आइडिया, एप्लिकेशन, प्रैक्टिकल, प्राब्लम साल्विंग पर रहेगा।
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