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Hindi NewsLocalDelhi ncrDelhi Gets 490 MT Of Oxygen, Not Supply And Will Act In Contempt; 8 Lost Due To Lack Of Oxygen At Batra Hospital During The Hearing
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नई दिल्ली4 घंटे पहले
हाईकाेर्ट ने कहा- ‘दिल्ली को 20 अप्रैल से 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आवंटित है। जिसे बढ़ाकर 490 मीट्रिक टन किया गया। लेकिन सब कागजाें में ही है। किसी भी दिन काेटे का पूरा आवंटन नहीं हुआ।’
काेराेना महामारी के बीच दिल्ली के अस्पतालाें में ऑक्सीजन की कमी काे लेकर शनिवार काे छुट्टी के दिन भी दिल्ली हाईकाेर्ट में सुनवाई हुई। इस दाैरान ही बत्रा अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हाेने से आठ मरीजाें की माैत हाे गई। इस पर खफा काेर्ट ने केंद्र से कहा, ‘बहुत हुआ। अब पानी सिर से ऊपर पहुंच गया है। किसी भी हाल में आज दिल्ली काे 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाए। अगर आपूर्ति नहीं हुई ताे इसे काेर्ट की अवमानना मानकर कार्रवाई की जाएगी।
हाईकाेर्ट ने कहा- ‘दिल्ली को 20 अप्रैल से 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आवंटित है। जिसे बढ़ाकर 490 मीट्रिक टन किया गया। लेकिन सब कागजाें में ही है। किसी भी दिन काेटे का पूरा आवंटन नहीं हुआ।’ करीब चार घंटे चली सुनवाई के दाैरान हाईकाेर्ट ने केंद्र से पूछा कि उसके आदेश के बावजूद राजस्थान ने दिल्ली के लिए बने चार क्रायाेजेनिक टैंकराें काे क्यों नहीं छाेड़ा?
जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली ने कहा कि 26 अप्रैल काे साॅलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आश्वासन दिया था। कहा था कि इन टैंकराें काे छाेड़ा जाएगा। लेकिन इस पर अब तक अमल क्याें नहीं हुआ? इसके साथ ही काेर्ट ने तीन मई तक इस आदेश के पालन काे लेकर केंद्र को रिपाेर्ट देने का निर्देश भी जारी किया।
मरीजाें की संख्या, बिस्तर और दवाओ की जानकारी दें अस्पताल
काेर्ट ने केंद्र, राज्य और सभी निजी अस्पतालाें काे एक अप्रैल से अभी तक काेराेना मरीजाें की संख्या, बिस्तर, ऑक्सीजन आपूर्ति और जरूरी दवाओं की जानकारी देने काे कहा है। इससे पहले दिल्ली सरकार के वकील ने हाईकाेर्ट काे बताया कि कुछ अस्पताल मरीजाें काे स्वस्थ हाेने के बावजूद अस्पताल से छुट्टी देने में देरी कर रहे हैं। रिकवरी दर 95 फीसदी है। लेकिन बिस्तर उपलब्ध नहीं हाे पा रहे हैं।
पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से ऑक्सीजन टैंकर लेकर दूसरी एक्सप्रेस रवाना
दिल्ली के लिए दूसरी ऑक्सीजन एक्सप्रेस पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से रवाना हुई है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को यह जानकारी दी। ऐसी पहली ट्रेन 70 टन ऑक्सीजन लेकर छत्तीसगढ़ से दिल्ली पहुंची थी। रेलवे ने शुक्रवार तक 664 टन से अधिक मेडिकल ऑक्सीजन महाराष्ट्र (174 टन), उत्तर प्रदेश (356.47 टन), मध्य प्रदेश (47.37 टन) और दिल्ली (70 टन) को वितरित की है।
सुनवाई चल रही थी, तभी माैत की खबर
ऑक्सीजन की कमी काे लेकर हाईकाेर्ट में सुनवाई के दाैरान ही खबर आई कि बत्रा अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हाे गई। इससे आठ मरीजाें की माैत हाे गई। अस्पताल प्रबंधन ने हाईकाेर्ट काे बताया, “हमें समय से ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं की गई।
दोपहर 12 बजे ऑक्सीजन खत्म हो गई थी। हमें डेढ़ बजे सप्लाई मिली। हमने आठ जिंदगी गंवा दी हैं। इसमें हमारे एक डॉक्टर भी थे।’ काेर्ट में बत्रा अस्पताल के डाॅक्टर एससीएल गुप्ता काफी अशांत और गुस्से में दिखे। इस पर हाईकाेर्ट ने उन्हें शांत रहने काे कहा।
अनुभव से सीखें, अस्पतालों में ऑक्सीजन संयंत्र जरूरी
हाईकाेर्ट ने यह भी कहा कि अस्पतालाें काे इस संकट से सीख लेना चाहिए। अस्पताल में ऑक्सीजन संयंत्र आवश्यक हैं। अस्पतालाें में ऑक्सीजन संयंत्र न हाेना गैर-जिम्मेदाराना है। अस्पतालों को काेराेना महामारी के दौरान ऑक्सीजन की कमी के संबंध में अपने अनुभवों से सीखना चाहिए। ऑक्सीजन संयंत्र लगाना चाहिए।
दिल्ली सरकार ने सेना से मदद क्यों नहीं मांगी?
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा, ‘सरकार राजधानी में बिस्तराें की संख्या 1,50,000 तक बढ़ाने जा रही है। हम 15 हजार अतिरिक्त बिस्तर की व्यवस्था कर रहे हैं। लेकिन हमारे पास इन बिस्तर के लिए ऑक्सीजन नहीं है।’ इस पर कोर्ट ने पूछा कि दिल्ली सरकार ने अब तक सेना, नाैसेना और वायुसेना की मदद क्याें नहीं मांगी है?
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