May 3, 2024 : 12:06 AM
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एक देश, एक वैक्सीन: तीन दाम, निजी अस्पताल में एक डोज 700 रुपए तक पड़ेगी, जिन 45 पार वालों ने प्राइवेट में डोज 250 में लगवाई, उनकी भी दूसरी डोज महंगी

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नई दिल्ली3 घंटे पहले

कॉपी लिंकजो वैक्सीन केंद्र को 150 रुपए प्रती डोज में दी वो राज्यों को 400 में देगा। - Dainik Bhaskar

जो वैक्सीन केंद्र को 150 रुपए प्रती डोज में दी वो राज्यों को 400 में देगा।

एक मई से 18 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों के लिए वैक्सीनेशन खुलने से पहले केंद्र सरकार के निर्देश के मुताबिक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने अपनी कोविशील्ड वैक्सीन के रेट जारी कर दिए। कंपनी राज्य सरकारों को 400 रुपए और निजी अस्पतालों को 600 रुपए प्रति डोज की दर पर वैक्सीन देगी।

कंपनी की इस घोषणा के बाद से ही वैक्सीन के दाम पर बवाल मच गया। दरअसल, सीरम अब तक केंद्र सरकार को 150 रुपए प्रति डोज की दर पर वैक्सीन दे रही और समझौते के मुताबिक जुलाई तक इसी रेट पर देती रहेगी। राज्य सरकारों के लिए ज्यादा दाम रखने पर विपक्षी दल केंद्र सरकार पर हमलावर हो गए हैं।

यही नहीं, निजी अस्पतालों के लिए नए रेट जारी होने से अब प्राइवेट में टीका लगवाने वाले 45 पार के लोगों व फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी ज्यादा दाम चुकाने होंगे। अब तक इन सभी को प्राइवेट अस्पतालों में 250 रुपए प्रति डोज पर वैक्सीन लग रही थी। इसमें 150 रुपए वैक्सीन की कीमत और 100 रुपए लॉजिस्टिक चार्ज था।

कंपनी के नए रेट हू-ब-हू लागू हुए तो लॉजिस्टिक चार्ज के साथ एक डोज 700 रुपए की पड़ेगी। 45 पार के जो लोग निजी अस्पताल में पहली डोज 250 रुपए में लगवा चुके हैं उनकी दूसरी डोज भी अब बढ़ी हुई कीमत पर लगेगी। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से सरकारी अस्पतालों और सरकारी टीकाकरण केंद्रों में 45+ के लोगों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को मुफ्त में ही वैक्सीन लगाई जाएगी।

मप्र, यूपी, छत्तीसगढ़ व केरल में सबको मुफ्त टीका, राजस्थान बोला-केंद्र दे पैसा

कोविशील्ड वैक्सीन के दाम पर अभी तक ज्यादातर राज्य सरकारें मंथन में ही जुटी हैं। बिहार और महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि लोगों को वैक्सीन की कमी नहीं होने दी जाएगी। महाराष्ट्र सरकार ने वैक्सीन के आयात के भी संकेत दिए हैं।

मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ व केरल सरकार 18+ के सभी लोगों को टीके मुफ्त लगाएंगे। हालांकि, छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री ने प्रक्रिया पर आपत्ति जताई और कहा कि केंद्र के पास जनता के 30 हजार करोड़ रुपए हैं। इन्हें इस काम में खर्च किया जाए।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य की 4 करोड़ की आबादी के टीकों के लिए 3200 करोड़ रुपए चाहिए। ये राशि राज्य सरकार कैसे जुटा सकती है। केंद्र सरकार को 18+ लोगों के मुफ्त टीकाकरण की घोषणा करनी चाहिए।

राज्यों के पास अभी मोल-भाव का विकल्प

राज्यों के पास यह अधिकार होगा कि वह अभी भी सीरम इंस्टीट्यूट के साथ वैक्सीन की कीमत को लेकर मोलभाव करें। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ने अपने रेट जारी किए हैं। अब यह राज्यों पर निर्भर करेगा कि किस कीमत पर वैक्सीन उपलब्ध कराए। राज्य चाहें तो सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण फ्री कर सकते हैं और निजी में भी सब्सिडी दे सकते हैं।

बायोलॉजिकल ई ट्रायल के थर्ड फेज में, वैक्सीन जल्द

इस बीच, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ.वी.के.पॉल का कहना है कि देश की कंपनी बायोलॉजिकल ई के टीके का भी दूसरे फेज का ट्रायल पूरा हो चुका है। जल्द इस कंपनी की वैक्सीन भी आने की संभावना है। इस कंपनी की प्रति माह सात करोड़ डोज बनाने की क्षमता है। इससे बाजार में प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी। उधर, भारत बायोटेक ने अभी तक कोवैक्सीन के रेट जारी नहीं किए हैं।

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