May 14, 2024 : 8:40 PM
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विश्वास ने दिया दगा: रिलीजिंग ऑर्डर मिलने पर सवा तीन लाख देकर युवक घर ले आया सीज ट्रैक्टर, कुछ दिन बाद यार्ड से आया कॉल – ऑर्डर फर्जी, ट्रैक्टर जमा करवा दो नहीं तो करेंगे केस

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इंदौर5 मिनट पहले

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सेकंड हैंड ट्रैक्टर दिलाने व फर्जी तरीके से रिलीजिंग ऑर्डर देकर सवा तीन लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। इंदौर के युवक ने परिचित के माध्यम से पिपलिया मंडी (मंदसौर) निवासी युवक से सेकंड हैंड ट्रैक्टर लेने की बात कही थी। आरोपी ने सीज करने कंपनी का कर्मचारी बताते हुए बैंक के माध्यम से सीज किए हुए ट्रैक्टर दिलाने की बात कही। उसने सवा तीन लाख रुपए लेकर रिलीजिंग ऑर्डर जारी कर दिए और फरियादी ट्रैक्टर लेकर भी चला गया। बाद में पता चला कि उक्त रिलीजिंग ऑर्डर किसी बैंक ने जारी नहीं किया और वह फर्जी है। फरियादी उक्त ट्रैक्टर को पुन: कंपनी में जमा कराने के बाद आरोपी से संपर्क किया तो उसका मोबाइल बंद मिला।

जानकारी के अनुसार इंदौर के मालीपुरा निवासी जितेंद्र पिता बाबूलाल केथवास को पुराने ट्रैक्टर की आवश्यकता थी। उसके रिश्तेदार पिपलिया मंडी (मंदसौर) में निवास करते हैं। रिश्तेदार के घर के पास में किराये से रहने वाले सौरभ पिता देवेंद्र यादव ने वाहनों की सीज करने वाली कंपनी का कर्मचारी बताते हुए ऑनलाइन काम करने की बात कही और ट्रैक्टर दिलाने का आश्वासन दिया। उसने 4 जनवरी को महू रोड स्थित पटवा यार्ड में खड़ा ट्रैक्टर दिखाया। जितेंद्र को ट्रैक्टर पसंद आ गया और 3.25 लाख रुपए में सौदा तय हो गया। जितेंद्र ने 5 हजार रुपए नकद व 15 हजार गुगल पे पर डाल दिए। 24 जनवरी का रिलीजिंग ऑर्डर मेल पर भेजने की बात कहते हुए सौरभ ने शेष राशि बैंक अकाउंट में डालने के लिए कहा। जितेंद्र ने शेष राशि उसके बैंक अकाउंट में डाल दी। 24 जनवरी को मुहूर्त नहीं होने पर जितेंद्र 28 जनवरी को जब पटवा यार्ड में पहुंचता को ट्रैक्टर नहीं था। पूछने पर सौरभ ने बताया कि हो सकता है ट्रैक्टर बिक गया होगा में दूसरा ट्रैक्टर दिलवाता हूं।

दूसरे रिलीजिंग ऑर्डर में पता चला कि यह फर्जीइस घटनाक्रम के बाद दूसरा रिलीजिंग ऑर्डर प्रेम पार्किंग यार्ड धार के नाम से इश्यू किया। इस पर जितेंद्र ने 24 फरवरी को उक्त ऑर्डर दिखाकर ट्रैक्टर लेकर इंदौर चला गया। जहां ट्रैक्टर के माध्यम से काम कर रहा था तभी 3 मार्च को प्रेम पार्किंग यार्ड से फोन आया कि जो रिलीजिंग ऑर्डर आपके द्वारा दिया गया है वह फर्जी है। इस प्रकार का रिलीजिंग ऑर्डर किसी भी बैंक द्वारा रिलीज नहीं किया गया है। अगर आप ट्रैक्टर जमा नहीं करवाते हैं तो आपके खिलाफ पुलिस में प्रकरण दर्ज कराया जाएगा। इस पर जितेंद्र ने उक्त ट्रैक्टर यार्ड में जमा करवा दिया। इधर जब सौरभ को तलाश किया तो पता चला कि वह पिपलिया मंडी से मकान खाली करके चला गया और यह कह गया कि उसका रतलाम ट्रांसफर हो गया है। जब रतलाम में तलाश किया तो उसका पता नहीं चला और ना ही मोबाइल लग रहा था। इस पर जितेंद्र ने सालाखेड़ी चौकी पहुंच कर शिकायत दर्ज करवाई।

धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कियाजांच अधिकारी चौकी प्रभारी एसआई मुकेश सस्तिया ने बताया फरियादी जितेंद्र की रिपोर्ट पर आरोपी सौरभ के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया है। मोबाइल लोकेशन के आधार पर उसकी तलाश की जा रही है। आखिरी लोकेशन उत्तरप्रदेश आई है। उस आधार पर उसे तलाश किया जा रहा है। वहीं संबंधित कंपनी में भी तलाश किया गया तो पता चला कि इस नाम का कोई व्यक्ति नहीं है। उसने अपने आपको ऑनलाइन काम कर कर्मचारी होने की झूठी जानकारी दी।

रुपए जमा होने के बाद बैंक जारी करती है रिलीजिंग ऑर्डरबैंक अधिकारियों के अनुसार बैंक यदि कोई वाहन सीज करवाती है और उसकी नीलामी करती है इसके बाद ग्राहक से रुपए जमा कराने के बाद रिलीजिंग ऑर्डर जारी करती है। इस आधार जहां वाहन खड़ा रहता वहां ऑर्डर देखने के बाद ग्राहक को वाहन सुपुर्द कर दिया जाता है, लेकिन इस मामले में संबंधित व्यक्ति ने अपने आपको बैंक का कर्मचारी बताते हुए फर्जी रिलीजिंग ऑर्डर जारी कर दिया और रुपए हड़प लिए।

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