April 27, 2024 : 11:47 PM
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अंटार्कटिका में हलचल: ब्रिटेन के रिसर्च स्टेशन के पास बर्फ का बड़ा हिस्सा टूटकर अलग हुआ, इसका साइज न्यूयॉर्क से भी बड़ा

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लंदन18 मिनट पहले

कॉपी लिंकब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे ने आइसबर्ग का वीडियो जारी किया है। इसमें बर्फ की परत में लंबी दरार दिखाई दे रही है। - Dainik Bhaskar

ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे ने आइसबर्ग का वीडियो जारी किया है। इसमें बर्फ की परत में लंबी दरार दिखाई दे रही है।

अंटार्कटिका में ब्रंट आइस शेल्फ से बर्फ को बड़ा हिस्सा शुक्रवार को टूटकर अलग हो गया। यह जगह ब्रिटेन की साइंटिफिक आउटपोस्ट से बहुत दूर नहीं है। ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे (BAS) के मुताबिक, आइसबर्ग का टूटा हुआ हिस्सा 490 वर्ग मील (1270 वर्ग किलोमीटर) का है। यह साइज में न्यूयॉर्क शहर से भी बड़ा है।

BAS के मुताबिक, यहां बर्फ की मोटाई करीब 150 मीटर है। इसमें बड़ी दरारें पड़ने के कारण वैज्ञानिक काफी समय से एक बड़े आइसबर्ग के टूटने की आशंका जता रहे थे। अभी इस जगह एक खाई सी तैयार हो गई है। नवंबर में यहां एक बड़ी दरार दिखाई दी थी। जनवरी में यह एक किलोमीटर तक आगे बढ़ गई।

कई सौ मीटर चौड़ी हुई दरार

BAS ने कुछ दिन पहले बनाया इसका वीडियो जारी किया है। इसमें आइसबर्ग की लंबी दरार दिखाई दे रही है। यह दरार शुक्रवार सुबह कई सौ मीटर तक चौड़ी हो गई। इस वजह से यह हिस्सा अलग हो गया। BAS के डायरेक्टर जेन फ्रांसिस का कहना है कि हमारी टीमें कई साल से इस स्थिति के लिए तैयार हैं। सैटेलाइट इमेज और उनके नेटवर्क के जरिए इस जगह का हर रोज का अपडेट मिलता है। इस डेटा को एनालिसिस के लिए कैंब्रिज में भेज दिया जाता है। इसलिए हम जानते हैं कि अंटार्कटिक में क्या हो रहा है।

सर्दी की वजह से बंद है रिसर्च स्टेशनBAS का हैली रिसर्च स्टेशन इस समय सर्दियों की वजह से बंद है। इसमें रहने वाला 12 लोगों का स्टाफ इस महीने की शुरुआत में यहां से निकल गया था। 1956 से ब्रंट आइस शेल्फ पर कई जगह 6 हैली रिसर्च स्टेशन बने हैं। सर्दियों में यहां कोई स्टाफ नहीं रहता। इस दौरान यहां का तापमान माइनस 50 डिग्री सेल्सियस तक नीचे गिर जाता है।

BAS ने एहतियात के तौर पर 2016 में हैली रिसर्च स्टेशन की जगह बदल दी थी। 2017 के बाद से स्टाफ यहां सिर्फ गर्मियों में काम कर रहा है, क्योंकि सर्दियों के दौरान उनका निकलना मुश्किल हो जाता है। BAS ने कहा कि 4 साल पहले हमने रिसर्च स्टेशन को दूर ले जाने का फैसला लिया था। हमें पता था कि जब आइसबर्ग टूटेगा तो फिर ऐसा नहीं कर पाएंगे। यह समझदारी भरा फैसला था।

हर साल 2 किमी खिसक जाती है बर्फ की परतबर्फ की शेल्फ हर साल लगभग 2 किलोमीटर समुद्र की ओर बहती है। इसी के कुछ हिस्से टूट जाते हैं। BAS के मुताबिक, यह एक नेचुरल प्रोसेस है। 2017 में लार्सन सी आइस शेल्फ से भी बड़ा आइसबर्ग टूट गया था। पिछले साल के आखिर तक यह समुद्र में तैरने लगा था। लार्सन सी आइस शेल्फ पर देखी गई घटनाओं का इससे कोई संबंध नहीं है। इस बात का भी कोई सबूत नहीं है कि आइसबर्ग के अलग होने के पीछे क्लाइमेट चेंज है।

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