May 17, 2024 : 2:44 PM
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औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर रखने के विरोध में कांग्रेस: बालासाहेब थोरात

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महाराष्ट्र में एक बार फिर औरंगाबाद का नाम बदलने की राजनीति शुरू हो गई है। लेकिन जिले के नामकरण की इस राजनीति में महाविकास आघाड़ी सरकार की प्रमुख घटक दल कांग्रेस रोड़ा बनकर खड़ी हो गई है। इससे नामकरण को लेकर शिवसेना और कांग्रेस फिर से आमने-सामने आ गई है।

नामकरण को लेकर महाविकास आघाड़ी में खींचतानबीते सप्ताह औरंगाबाद के लिए 7500 के निवेश के प्रस्ताव मिले थे। इसके बाद राज्य के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने औरंगाबाद का नामकरण कर सुपर संभाजी नगर ट्वीट किया था। इसके बाद से औरंगाबाद के नामकरण की राजनीति शुरू हुई तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने इसका कड़ा विरोध किया। राजस्व मंत्री थोरात ने शिवसेना को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कोई औरंगाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव लाता है तो कांग्रेस इसका विरोध करेगी।

1653 में हुआ था शहर का नामकरणमुगल सम्राट औरंगजेब ने सन 1653 में इस शहर का नाम बदलकर औरंगाबाद रख दिया था। सन् 1689 में यही पर औरंगजेब के इशारे पर छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र छत्रपति संभाजी महाराज को मौत की सजा दी गई थी। इसलिए यहां के लोगों की मांग है कि इसका नाम बदलकर संभाजी नगर रख दिया जाए।

महाराष्ट्र में एक बार फिर औरंगाबाद का नाम बदलने की राजनीति शुरू हो गई है। लेकिन जिले के नामकरण की इस राजनीति में महाविकास आघाड़ी सरकार की प्रमुख घटक दल कांग्रेस रोड़ा बनकर खड़ी हो गई है। इससे नामकरण को लेकर शिवसेना और कांग्रेस फिर से आमने-सामने आ गई है।

नामकरण को लेकर महाविकास आघाड़ी में खींचतान
बीते सप्ताह औरंगाबाद के लिए 7500 के निवेश के प्रस्ताव मिले थे। इसके बाद राज्य के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने औरंगाबाद का नामकरण कर सुपर संभाजी नगर ट्वीट किया था। इसके बाद से औरंगाबाद के नामकरण की राजनीति शुरू हुई तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने इसका कड़ा विरोध किया। राजस्व मंत्री थोरात ने शिवसेना को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कोई औरंगाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव लाता है तो कांग्रेस इसका विरोध करेगी।

1653 में हुआ था शहर का नामकरण
मुगल सम्राट औरंगजेब ने सन 1653 में इस शहर का नाम बदलकर औरंगाबाद रख दिया था। सन् 1689 में यही पर औरंगजेब के इशारे पर छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र छत्रपति संभाजी महाराज को मौत की सजा दी गई थी। इसलिए यहां के लोगों की मांग है कि इसका नाम बदलकर संभाजी नगर रख दिया जाए।

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