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आज का जीवन मंत्र: 2020 से सीख लें और बुरी बातों को भूलकर 2021 में प्रवेश करें, भूलेंगे नहीं तो ये बातें बोझ बन जाएंगी

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5 घंटे पहलेलेखक: पं. विजयशंकर मेहता

कॉपी लिंकश्रीराम वनवास में पिछली बुरी बातों को भूलकर आगे बढ़ गए थे, कैकेयी और मंथरा के लिए भी उनके मन में कोई गलत बात नहीं थी

कहानी- रामायण में श्रीराम को वनवास हो चुका था। वे सीता और लक्ष्मण के साथ वनवास के लिए अयोध्या से निकल गए थे। राम पिछली सभी बुरी बातों को भूलकर आगे बढ़ रहे थे। उनके मन में कैकेयी और मंथरा के लिए भी कोई गलत बात नहीं थी।

राम में यहां हमें समझाया है कि जो बीत गया है, उसे भूल जाओ, जो चल रहा है, उस पर अपनी पकड़ बनाओ। वनवास के समय उनके जीवन में शूर्पणखा, ऋषि-मुनि, शबरी आदि कई लोग आए थे। सभी के साथ राम पूरी समझ के साथ मिले थे। इसे कहते हैं वर्तमान को ठीक से जीना। लेकिन, वर्तमान के साथ ही भविष्य पर भी नजर रखनी चाहिए।

आज हम नए साल 2021 में प्रवेश कर रहे हैं। पिछले साल काफी कुछ ऐसा हुआ है, जिसकी वजह से कई लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है। नए साल में हमें श्रीराम के ये सूत्र अपनाने चाहिए। पिछले समय से शिक्षा तो लें, लेकिन बुरी बातों पर टिकना नहीं है। अगर बुरी बातों को भूलेंगे नहीं तो ये हमारे लिए बोझ बन जाएंगी। सिर पर बोझ लेकर चलेंगे तो हमारी चाल भी लड़खड़ा जाती है।

अब हमें वर्तमान पर पकड़ बनाकर रखनी है। सूझ-बूझ और सावधानी के साथ इस समय जीवन जीएं। गलतियां न करें।

श्रीराम वर्तमान पर पकड़ रखते हुए भी भविष्य के लिए दूरदृष्टि रखते थे। उन्होंने शूर्पणखा के नाक-कान काट दिए, क्योंकि भविष्य में उन्हें रावण का वध करना था।

सीख- हमें नए साल में प्रवेश करते समय तीन बातें ध्यान रखनी है। पहली- जो बीत गया है, उसकी बुरी बातों को भूल जाओ, उससे सीख लेकर आगे बढ़ें। दूसरी- वर्तमान पर पूरी पकड़ बनाकर रखें। गलतियां न करें। तीसरी- भविष्य के लिए दूरदृष्टि रखें।

(2021 इस सदी के लिए उम्मीदों का सबसे बड़ा साल है। वजह- जिस कोरोना ने देश के एक करोड़ से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में लिया, उसी से बचाने वाली वैक्सीन से नए साल की शुरुआत होगी। इसलिए 2021 के माथे पर यह उम्मीदों का टीका है।)

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