May 28, 2024 : 3:34 PM
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मोरेटोरियम पर सुनवाई: सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से पूछा- आपको क्रेडिट कार्ड पर एक्स ग्रेशिया क्यों चाहिए?

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मुंबई7 मिनट पहले

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सुप्रीम कोर्ट में लोन मोरटोरियम मामले में सुनवाई जारी है। सरकार ने इसका फायदा लेने वालों का कंपाउंड इंटरेस्ट चुकाने का वादा किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इंटरेस्ट पर इंटरेस्ट लेने का कोई मतलब नहीं है। केंद्र और रिजर्व बैंक को 5 अक्टूबर को हलफनामा दायर करने के लिए और वक्त दिया थाRBI ने 4 जून को कहा था कि अगर बैंक EMI पर ब्याज माफ करते हैं तो उन्हें 2 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा

सुप्रीम कोर्ट में लोन मोरेटोरियम मामले में सुनवाई जारी है। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें क्रेडिट कार्ड पर एक्स ग्रेशिया का एसएमएस मिल चुका है। इसकी रकम भी मिल गई है। इस पर कोर्ट ने कहा कि क्या आपको एक्स ग्रेशिया की जरूरत थी? आप जैसे लोगों को इसका फायदा नहीं मिलना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि क्रेडिट कार्ड पर एक्स ग्रेशिया का फायदा नहीं दिया जाना चाहिए। वे कार्ड का उपयोग करके चीजें खरीद रहे हैं और उनके पास कोई लोन नहीं है।

कोर्ट ने मेहता से कहा कि सवाल ये है कि आपका क्रेडिट कार्ड कौन इस्तेमाल करता है? इस पर मेहता ने कहा कि हम दोनों में से मैं कम कंजूस हूं और मैं इसका इस्तेमाल करता हूं। इसके साथ ही कोर्ट ने मामले की सुनवाई अगले हफ्ते करने की बात कही।

बैंक खुद कर्जदारों से संपर्क कर रहे हैं

सुनवाई के दौरान मेहता ने कोर्ट को बताया कि कंपाउंड इंटरेस्ट को वापस करना बैंकों की जिम्मेदारी है। कर्जदारों को इसके लिए बैंक के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है। मेहता ने कहा, हमने यह फैसला लिया है कि जिन लोगों ने मोरेटोरियम के दौरान EMI भरी है, उन्हें सजा नहीं मिलनी चाहिए। मोरेटोरियम का फायदा लेने वाले या नहीं लेने वाले दोनों को इसका फायदा होगा।

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कंपाउड इंटरेस्ट चुकाने की बात कही थी

इससे पहले 2 अक्टूबर को वित्त मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था। इसमें केंद्र सरकार की तरफ से यह जानकारी दी गई थी कि सरकार 2 करोड़ रुपए तक के लोन की EMI पर वसूला जाने वाला कंपाउंड इंटरेस्ट चुकाएगी।

आरबीआई ने कहा- ब्याज माफी से बैंकों की बैलेंस शीट पर बुरा असर होगा

आज भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है। इसमें कहा गया है कि अगर बैंक ब्याज माफी करते हैं तो इससे उनकी बैलेंस शीट पर बुरा असर होगा जिससे बैंक के डिपॉजिटर्स भी प्रभावित होंगे। RBI ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने 4 सितंबर को EMI ना चुकाने वालों को डिफॉल्टर की लिस्ट में ना डालने का जो फैसला किया था, उसे तुरंत खत्म किया जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था – ब्याज पर ब्याज लेने का मतलब नहीं है

कोरोना के चलते लोन मोरेटोरियम का फायदा लेने पर कंपाउंड इंटरेस्ट वसूलने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। कोर्ट ने कहा था कि इंटरेस्ट पर इंटरेस्ट लेने का कोई मतलब नहीं है। इसके बाद 5 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक को हलफनामा दायर करने के लिए और वक्त दिया था। 14 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को इस मामले में एक पुख्ता प्लान लेकर आने को कहा था।

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