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भोपाल10 मिनट पहले
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भाजपा कार्यालय में ट्रेनर्स का दो दिवसीय सम्मेलन आज से शुरु हुआ। इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई। जिसमें संगठन महामंत्री सुहास भगत भी मौजूद रहे।
- भाजपा कार्यालय में ट्रेनर्स का दो दिवसीय सम्मेलन आज से शुरू
- प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित वरिष्ठ नेताओं की हुई बैठक
उपचुनाव में मिली जीत के बाद अब भाजपा कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने जा रही है। खास बात यह है कि शिविर में भााजपा में शामिल हुए ज्याेतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस अवसर पर सिंधिया समर्थक भाजपा की विचारधारा के साथ-साथ पंचनिष्ठा का पाठ सीखेंगे। सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल का कहना है कि उन्हें ट्रेनिंग की जरुरत नहीं है। गोयल ग्वालियर पूर्व सीट से उपचुनाव हार गए हैं। उनका कहना है कि पार्टी के कार्यकर्ता वोटर्स को घरों से बाहर नहीं निकाल पाए। जिसकी वजह से मेरी हार हुई है। मैने अपनी बात संगठन के सामने रख दी है।
पार्टी की विचारधारा के विस्तार के लिए 25 नंवबर से 15 दिसंबर तक प्रदेश के 1059 मंडलों में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाएंगे । इससे पहले भोपाल में गुरुवार से ट्रेनर्स का सम्मेलन बुलाया गया है। इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई। जिसमें संगठन महामंत्री सुहास भगत और सभी महामंत्री शामिल हुए। इस बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को शामिल होना था, लेकिन उनके ससुर का निधन होने की वजह से वे गोंदिया चले गए हैं।
आयोजन की दो वजह
पहली – कांग्रेस से आए नेताओं व कार्यकर्ताओं को पार्टी की विचारधारा से अगवत कराना। दरअसल, उपचुनाव के दौरान यह बात सामने आई कि सिंधिया समर्थकों और भाजपा के मूल कार्यकर्ताओं मेंं दूरिया थीं। इस खाई को पाटने के लिए शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। सिंधिया भी चाहते हैं कि उनके समर्थक भाजपा की विचारधारा को जल्दी से जल्दी स्वीकार कर आगे बढ़ें। यही वजह है कि अगस्त महीने में सिंधिया ने नागपुर में संघ प्रमुख मोहन राव भागवत तथा अन्य पदाधिकारियों से मुलाकात की थी। शिविर लगाने की दूसरी वजह नगरीय निकायों के चुनाव की तैयारी है।
चुनाव प्रबंधन के गुर भी सिखाए जाएंगे
इन शिविरों में कार्यकर्ताओं को पार्टी की रीति-नीति, चुनाव प्रबंधन, मीडिया, सोशल मीडिया एवं विभिन्न मुद्दों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान कार्यकर्ता भाजपा के गठन, उसकी पृष्ठिभूमि एवं उद्देश्य को जानेंगे। दीनदयाल उपाध्याय के विचार को निचले स्तर तक किस तरह उतारा जाए, यह भी कार्यकर्ताओं को सिखाया जाएगा।