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हरियाली के बीच 30 मिनट की वॉक, 5 मिनट की दौड़ और योग से घटेगा डिप्रेशन, जानिए 5 ऐसे ही योगासन

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एक घंटा पहले

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‘योअर नेक्स्ट बिग थिंग: 10 स्माल स्टेप टू गेट मूविंग एंड गेट हैप्पी’ किताब के लेखक डॉ. बेन मिकैलिस के मुताबिक, शरीर और मस्तिष्क दोनों एक ही हैं। जब इंसान खुद की देखभाल करता है तो वह शरीर के पूरे सिस्टम को सुधारने के लिए काम कर रहा होता है। वैज्ञानिक के अनुसार, रोजाना ये तीन एक्टिविटी किसी भी इंसान में डिप्रेशन के लक्षणों को कम करती हैं।

तीन साइंटिफिक फैक्ट्स बताते हैं दौड़ना, योग और प्रकृति के करीब रहना डिप्रेशन से बाहर लाने में मददगार हैं…

1. योग : यह गुस्सा, बेचैनी और डिप्रेशन दूर करता है

एविडेंस बेस्ड कॉम्प्लीमेंट्री एंड अल्टर्नेटिव मेडिसिन जर्नल में पब्लिश रिसर्च कहती है, योग क्लास में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों के डिप्रेशन, गुस्सा और बेचैनी के लक्षणों में कमी पाई गई।

2. प्रकृति के बीच वॉक : स्ट्रेस हार्मोन कम होता है

एन्वार्यनमेंटल हेल्थ एंड प्रिवेंटिव मेडिसिन जर्नल में पब्लिश रिसर्च के मुताबिक, जापानी शोधकर्ताओं ने कुछ प्रतिभागियों को जंगल में और कुछ को शहरी क्षेत्र में भेजा। शोधकर्ताओं ने पाया कि 20 मिनट तक जंगल में भ्रमण करने वाले प्रतिभागियों में स्ट्रेस हार्मोन का लेवल काफी कम था।

3. दौड़ : 5 मिनट की दौड़ से उम्र भी बढ़ती है

वर्ष 2014 में हेल्थ मैगजीन में पब्लिश रिसर्च के मुताबिक, रोजाना केवल 5 मिनट दौड़ने वाला इंसान भी लंबे समय तक जीता है। मिकैलिस के मुताबिक, मूड अच्छा करने वाले न्यूरोट्रांसमीटर्स सेरोटोनिन और नोरेपिनेफ्रिन दोनों ही इससे एक्टिव होते हैं। दौड़ने के दोहराव से मस्तिष्क पर ध्यान लगाने जैसा असर होता है।

जयपुर के फिटनेस एक्सपर्ट विनोद सिंह बता रहे हैं डिप्रेशन, स्ट्रेस और एंग्जाइटी को दूर करने वाले 5 आसनों के बारे में…

अधोमुख श्वानासन (डाउनवर्ड फेसिंग डॉग पोज)

ऐसे करें

  • पेट के बल लेटें और सांस खींचते हुए पैरों और हाथों के बल शरीर को उठाएं और टेबल जैसा आकार बनाएं।
  • सांस को बाहर निकालते हुए धीरे-धीरे कूल्हों (हिप्स) को ऊपर की तरफ उठाएं। अपनी कोहनियों और घुटनों को सख्त बनाए रखें। ध्यान रखें कि शरीर उल्टे ‘वी’ के आकार में आ जाए।
  • कंधे और हाथ एक सीध में रखें और पैर कूल्हे की सीध में रहेंगे। टखने बाहर की तरफ रहेंगे।
  • अब हाथों को नीचे जमीन की तरफ दबाएं और गर्दन को लंबा खींचने की कोशिश करें। आपके कान आपके हाथों के भीतरी हिस्से को छूते रहें।
  • इसी स्थिति में कुछ सेकेंड्स तक रुकें और उसके बाद घुटने जमीन पर टिका दें और मेज जैसी स्थिति में​ फिर से वापस आ जाएं।

सेतुबंधासन (ब्रिज पोज)

ऐसे करें

  • योग मैट पर पीठ के बल लेट जाएं और सांसों की गति सामान्य रखते हुए हाथों को बगल में रख लें।
  • अब धीरे-धीरे अपने पैरों को घुटनों से मोड़कर कूल्हों के पास ले आएं। कूल्हों को जितना हो सके फर्श से ऊपर की तरफ उठाएं। हाथ जमीन पर ही रहने दें।
  • कुछ देर के लिए सांस को रोककर रखें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए वापस जमीन पर आएं। पैरों को सीधा करें और विश्राम करें।
  • 10-15 सेकेंड तक ​आराम करने के बाद फिर से शुरू करें।

शवासन (कॉर्प्स पोज)

ऐसे करें

  • पीठ के बल लेटकर अपनी आंखें बंद कर लें। दोनों पैरों को अलग-अलग करें और शरीर को रिलैक्स छोड़ दें। हाथ शरीर से थोड़ी दूर रखें और हथेलियों को आसमान की ओर खुला छोड़ दें।
  • धीरे-धीरे शरीर के हर हिस्से की तरफ ध्यान देना शुरू करें। शुरुआत पैरों के अंगूठे से करें। ऐसा करते हुए सांस लेने की गति एकदम धीमी कर दें।
  • धीरे-धीरे आप गहरे मेडिटेशन में जाने लगेंगे। आलस या उबासी आने पर सांस लेने की गति तेज कर दें। शवासन करते हुए कभी भी सोना नहीं चाहिए।
  • सांस लेने की गति धीमी​ लेकिन गहरी रखें। आपका फोकस सिर्फ खुद और अपने शरीर पर ही रहेगा। 10-12 मिनट के बाद, आपका शरीर पूरी तरह से रिलैक्स हो जाएगा।

चक्रासन

ऐसे करें

  • पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथों और पैरों को सीधा रखें। अब पैरों को घुटने के यहां से मोड़ लें।
  • अब अपने हाथों को पीछे की ओर अपने सिर के पास ले जाकर जमीन से टिका लें।
  • सांस को अंदर की ओर लें और अपने पैरों पर वजन को डालते हुए कूल्हों को ऊपर उठाएं।
  • दोनों हाथों पर वजन को डालते हुए अपने कधों को ऊपर उठाएं और धीरे धीरे अपने हाथों को कोहनी के यहां से सीधे करते जाएं।
  • ध्यान रखें की दोनों पैरों के बीच की दूरी और दोनों हाथों की बीच की दूरी समान होनी चाहिए।
  • इसके बाद अपने दोनों हाथों को अपने दोनों पैरों के पास लाने की कोशिश करें और जितने पास ला सकते है लाएं।

उत्तानासन

ऐसे करें

  • सीधे खड़े हो जाएं और दोनों हाथ कूल्हों पर रख लें। सांस को भीतर खींचते हुए कमर को मोड़ते हुए आगे की तरफ झुकें।
  • धीरे-धीरे कूल्हों को ऊपर की ओर उठाएं और दबाव ऊपरी जांघों पर आने लगेगा। अपने हाथों से टखने को पीछे की ओर से पकड़ें।
  • आपके पैर एक-दूसरे के समानांतर रहेंगे। आपका सीना पैर के ऊपर छूता रहेगा। जांघों को भीतर की तरफ दबाएं और शरीर को एड़ी के बल स्थिर बनाए रखें।
  • सिर को नीचे की तरफ झुकाएं और टांगों के बीच से झांककर देखते रहें। इसी स्थिति में 15-30 सेकंड तक स्थिर बने रहें। जब आप इस स्थिति को छोड़ना चाहें तो पेट और नीचे के अंगों को सिकोड़ें।
  • सांस को भीतर की ओर खींचें और हाथों को कूल्हों पर रखें। धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठें और सामान्य होकर खड़े हो जाएं।

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