May 14, 2024 : 6:59 AM
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इंदौर में 100 फीट से भी ऊंचा रावण जलाकर आधे घंटे होती थी आतिशबाजी, अबकी बार बिना आतिशबाजी के सिर्फ 21 फीट का रावण जलेगा

इंदौरएक घंटा पहले

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चिमनबाग में कोरोना महामारी के चलते केवल 21 फीट के रावण का दहन किया जाएगा।

  • दशहरा मैदान, चिमनबाग मैदान, विजय नगर सहित करीब 300 स्थानों पर रावण दहन होगा

कोरोना काल में भी इंदौर में दशहरा मैदान, जीपीओ, तिलक नगर, चिमनबाग मैदान, विजय नगर, उषागंज हाईस्कूल मैदान, किला मैदान, कालानी नगर सहित शहर में करीब 300 स्थानों पर रावण दहन होगा। इनमें 10 से ज्यादा वे स्थान हैं, जहां पर इसका स्वरूप व्यापक होता है। वैसे तो शहर में इन स्थानों पर 100 फीट से ज्यादा ऊंचाई वाले रावण जलते थे, लेकिन इस बार इनका आकार सिमट कर 21 फीट ऊंचा रह गया है। आयोजकों का कहना है कि कोरोना गाइड लाइन के साथ ही आयोजन होंगे। इस बार उनकी ओर से किसी को भी आयोजन में शामिल होने का आमंत्रण नहीं दिया गया है। वे केवल शहर की परंपरा को कायम रखने के लिए प्रतीकात्मक रूप से रावण का दहन कर रहे हैं।

इस बार 50 फीसदी कारीगर से ही रावण निर्माण का कार्य हो जा रहा है।

इस बार 50 फीसदी कारीगर से ही रावण निर्माण का कार्य हो जा रहा है।

ऑर्डर 50 फीसदी कम, लागत 25 फीसदी ज्यादा
रावण निर्माता शशिकांत राउत ने बताया कि हमारे यहां 3 फीट से लेकर 21 फीट के रावण बनाए गए हैं। पहले हम 51 फीट तक के रावण का निर्माण करते थे। तीन फीट के रावण की कीमत 11 रुपए और 21 फीट के रावण की कीमत 27 हजार रुपए है। पिछले साल से करीब 50 फीसदी ऑर्डर कम मिले हैं। जो 21 फीट के 8 रावण की बुकिंग होती थी इस बार वह चार ही है।

वे भी अभी-अभी आए हैं। पिछले साल हमारे पर 15 वर्कर के साथ काम कर रहा था। इस बार ऑर्डर नहीं होने से 6 मजदूरों में ही काम चल रहा है। लागत भी बहुत ज्यादा बढ़ गई है। पिछले साल के मुकाबले इस बार 25 फीसदी लागत ज्यादा हो गई है। जैन साहब रावण वाले ने बताया कि इस बार 21 फीट और 15 फीट के रावण हैं। पिछले तक हम 20 दिन के लिए कारीगरों को 50 हजार तक रुपए वेतन पर बुलाते थे। इस बार ऑर्डर नहीं होने से छोटे कारीगरों के साथ ही हमने काम किया है। हमारे पास 700 से लेकर 51 हजार तक रावण की कीमत है।

रावण बना रहे दिलीप बोले- कोराेना के कारण कोई काम ही नहीं है।

रावण बना रहे दिलीप बोले- कोराेना के कारण कोई काम ही नहीं है।

लोग घर आकर विनती करते 500 रुपए एडवांस देते, कहते एक घंटे के लिए चलो, इस बार कोई काम नहीं
रावण को अंतिम रूप देने वाले दिलीप जगताप ने बताया कि काेरोना के पहले मैं तीन से चार मिलों की झांकियां बनाते थे। एक घंटे के लोग घर आकर 500 रुपए एडवांस देकर जाते थे। इतना ही नहीं एक घंटे के लिए आने की विनती भी करते थे। उन्हें मैं जो टाइम देता था वे उसी टाइम पर आते और लेकर जाते थे। यदि मैं कहूं की सुबह 6 बजे आना है तो वे हां कर देते थे। लाने लेकर जाने का काम वही करते थे। इस साल जब कुछ काम नहीं मिला तो 500 माटी गणेश बनाए, लेकिन पानी बरसने से सब नुकसान हो गया। पहले जो कमाई होती थी उसमें 10 फीसदी ही कमाई रह गई है। अब यहां दो दिन का काम है, इसके बाद दीपावली में थोड़ा बहुत काम मिलेगा। इसके बाद फिर खाली ही बैठना है। हमारी लाइन में हजारों मजदूर बेरोजगार बैठे हैं।

रावण निर्माता शशिकांत राउत बोले- आधे कारीगर से ही चल जा रहा काम।

रावण निर्माता शशिकांत राउत बोले- आधे कारीगर से ही चल जा रहा काम।

21 फीट का रावण दहन होगा
दशहरा उत्सव समिति चिमनबाग द्वारा इस बार कोरोना महामारी के चलते केवल 21 फीट के रावण का दहन किया जाएगा। समिति के अध्यक्ष अनिल यादव और संयोजक अरविंद यादव ने बताया कि अभी तक रावण को 10 फीट की ऊंचाई का बनाया जा रहा था, लेकिन मंगलवार को निर्णय लिया गया कि इसकी ऊंचाई को बढ़ाया जाए। इस पर अब इसकी ऊंचाई 21 फीट की रखी जाएगी। हम आयोजक मिलकर रावण दहन की परंपरा निभाएंगे। हमने इस बार किसी को आमंत्रण नहीं दिया है।

रामबाग दशहरा उत्सव समित के आयोजक सचिन, आकाश गौड़ ने बताया कि 15 नंबर स्कूल के पीछे मैदान में 21 फीट का रावण तैयार किया जा रहा है। इस पर इसकी ऊंचाई को कम कर दिया गया है। हम केवल परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं। सिर और धड़ तैयार हो चुका है। इसे बस जोड़ने का काम बचा है। इस पर हमने किसी को रावह दहन के लिए आमंत्रण नहीं दिया है। पूरे रावण को बनाने में गाइड लाइन का पालन करते हुए सैनिटाइजेशन भी किया जा रहा है।

रावण निर्माण का काम अंतिम दौर में चल रहा है।

रावण निर्माण का काम अंतिम दौर में चल रहा है।

पिछले साल 111 फीट के रावण की स्थिति

  • आरएनटी मार्ग नंबर- 2 स्कूल मैदान में 111 फीट के रावण को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर जलाया गया था।
  • स्कीम 78 में अरण्य धाम मंदिर के पास मैदान में 75 फीट का रावण तैयार किया था।
  • चौराहे पर 51 फीट ऊंचा रावण बनाया गया था। रंगारंग आतिशबाजी के साथ यहां आतंकवाद रूपी रावण का दहन किया गया था।
  • दशहरा मैदान में 111 फीट के रावण का दहन किया गया था।
  • रामबाग मैदान पर 101 फीट का वाटर प्रूफ रावण बनाया गया था।
  • उषागंज में 51 फीट का वाटर प्रूफ रावण बनाया गया था।
  • चिमनबाग मैदान में 110 फीट के रावण के साथ 250 फीट की लंका को जलाया गया था।
  • विजय नगर में 51 फीट के रावण का दहन किया गया था।
  • तिलक नगर में 51 फीट ऊंचा रावण, 40 फीट लंबी लंका का दहन हुआ था।
  • कनाड़िया क्षेत्र में 15 फीट के रावण के साथ बिजली के बढ़े हुए बिलों काे भी दहन किया गया था।
इस बार रावण के सामान्य मुखौटे ही तैयार हो रहे हैं।

इस बार रावण के सामान्य मुखौटे ही तैयार हो रहे हैं।

पिछले साल 600 स्थानों पर जला था रावण
पिछले साल की बात करें तो शहर में 10 से ज्यादा बड़े स्थानों और कॉलोनियों और गलियों में मिलाकर करीब 600 जगह पर रावण दहन किया गया था। पिछले साल सबसे बड़े 111 फीट के रावण दशहरा मैदान पर जलाए गए थे, जिसे देखने 60 हजार से ज्यादा लोग यहां पहुंचे थे। रावण बनाने के लिए बड़े आयोजक पहले से ही कलाकार तय तय कर लेते हैं। इस बार हाइट कम होने और रावण दहन की मंजूरी देर से मिलने के कारण काफी लोगों को नुकसान हुआ है।

इस कारण रावण दहन कई स्थानों पर नहीं किया जा रहा है। रावण को बनाने में सैनिटाइजेशन का उपयोग किया जा रहा है। आतिशबाजी भी बहुत कम मात्रा में डाली जा रही है। कोरोना के कारण इस बार रावण दहन के पहले किसी प्रकार की शोभायात्रा भी नहीं निकलेगी। दशहरा मैदान, चिमनबाग में आतिशबाजी भी देखने को नहीं मिलेगी, जबकि पिछले साल तक यहां आधे घंटे से ज्यादा समय तक आतिशबाजी होती है।

दिलीप रावण के मुखौटे को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं।

दिलीप रावण के मुखौटे को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं।

आयोजकों को कराना होगा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
डीआईजी हरिनारायणाचारी मिश्र ने बताया कि दशहरे के पर्व को लेकर शहर में दशहरा मैदान, चिमनबाग मैदान, छावनी और अन्य बड़े क्षेत्रों के रावण दहन करने वाले आयोजकों को स्पष्ट निर्देश दे दिए गए हैं कि वे किसी भी सूरत में भारी संख्या में भीड़ नहीं जुटने देंगे। पुलिस की दो कंपनियां शहर में होने वाले बड़े रावण दहन कार्यक्रम के लिए सुरक्षा में लगाई जाएगी। इसमें पुलिस की विशेष सख्ती मास्क न पहनने वालों और सोश्यल डिस्टेंसिंग का पालन न करने वालों पर होगी। किसी भी तरह का जुलूस या रैली नहीं निकालने दी जाएगी।

आयोजन स्थल पर बिना मास्क पहनने वालों को इंट्री नहीं मिलेगी। भीड़ में महिला-बच्चों व परिवार के साथ झुंड में किसी को नहीं आने दिया जाएगा। आयोजन स्थल पर सभी को हैंड ग्लब्स, मास्क के साथ सोश्यल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। बड़े मैदानों में होने वाले रावण दहन के लिए कलेक्टर के निर्देश पर नगर निगम की टीम से सोशल डिस्टेंसिंग के लिए व्यवस्था, पिकेट्स, बेरिकेडिंग और गोल राउंड भी बनवाए जाएंगे। लोगों से अपील है कि वे बच्चों व बुजुर्गों को भीड़ में कार्यक्रम में न लेकर आएं।

यहां पर इस बार 21 फीट तक के ही रावण बनाए जा रहे हैं।

यहां पर इस बार 21 फीट तक के ही रावण बनाए जा रहे हैं।

प्रशासन ने 16 शर्तों पर दी है रावण दहन की मंजूरी
धार्मिक कार्यक्रमों के लिए जिला प्रशासन द्वारा प्रतिबंधात्मक धारा 144 के तहत जारी किए गए निर्देशों के अनुसार एसडीएम द्वारा रावण दहन कार्यक्रम की मंजूरी 16 शर्तों के आधार पर जारी की जा रही है, इसमें मुख्य तौर पर भीड़ पर नियंत्रण करने, मैदान की साइज के हिसाब से ही लोगों के आने देने की मंजूरी देने जिससे की सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे, सभी को मास्क अनिवार्य जैसी शर्त शामिल हैं।

महंगे कारीगर इस बार बेरोजगार ही रह गए।

महंगे कारीगर इस बार बेरोजगार ही रह गए।

सौ से अधिक जनसमूह वाले कार्यक्रम के आयोजकों को एसडीएम से मंजूरी लेने के बाद कार्यक्रम की 48 घंटे के अंदर वीडियोग्राफी की सीडी भी जमा कराना है। इन कार्यक्रमों का राजनीतिक उपयोग नहीं हो सकेगा। उल्लंघन होने पर धारा 188 के तहत वैधानिक कार्रवाई आयोजक पर होगी। सभी गाइडलाइन का पालन कराने की जिम्मेदारी आयोजक की होगी।

  • रावण की ऊंचाई पर प्रतिबंध नहीं, लेकिन पंडाल 30 बाय 45 फिट से अधिक बड़ा नहीं होगा
  • प्रतीकात्मक रूप से परंपरागत श्रीराम का चल समारोह निकल सकेगा। मेला नहीं लगेगा।
  • सौ से अधिक जनसमूह वाले आयोजन को मंजूरी लेना होगी और मैदान के हिसाब से ही लोगों को शामिल होने की मंजूरी होगी, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे।
  • आयोजक को मंजूरी लेते समय बताना होगा कि कितने बजे कार्यक्रम होगा, सभा का एरिया कितना बड़ा, कितने लोग आएंगे।
  • मैदान का साइज एक लाख वर्गफीट (करीब ढाई एकड़) होने पर अधिकतम 500 लोग ही रहेंगे।
  • सभी को फेस मास्क लगाना होगा, आने वाले हर व्यक्ति का तापमान जांचा जाएगा, अधिक होने पर रोक लगाई जाएगी। सोशल डिस्टेंसिंग रहेगी।

आयोजक सैनिटाइजेशन की भी व्यवस्था करेगा

  • प्राथमिक चिकित्सा, फायर ब्रिगेड व्यवस्था आयोजक करेगा, रावण दहन के अतिरिक्त किसी भी अन्य सामूहिक चल समारोह की मंजूरी नहीं होगी। सोशल डिस्टेंसिंग में छह फीट की दूरी हो, ट्रैफिक जाम नहीं हो।

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