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- The Operators Said That The Madhya Pradesh Government Had To Decide To Open At Least 9 To 12 Schools; Demanded To Open School Soon
भोपालएक घंटा पहले
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एसोसिएशन ऑफ अन ऐडेड प्राइवेट स्कूल्ज मध्यप्रदेश ने गत दिनों स्कूल फीस और स्कूल खुलने को लेकर प्रदर्शन भी किया था। नारा दिया गया था शिक्षा-शिक्षक बचाओ सत्याग्रह।- फाइल फोटो
- प्रदेश में पहली से 8वीं तक के स्कूल खोलने पर 15 नवंबर के बाद निर्णय होगा
- अभी 9वीं से 12वीं तक की क्लास भी सिर्फ आंशिक रूप से चलाने के निर्देश हैं
राज्य सरकार द्वारा 15 अक्टूबर से स्कूल नहीं खोलने के निर्णय का निजी स्कूल संचालकों ने सरकार के फैसले का विरोध जताया है। इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा 15 अक्टूबर से सभी स्कूलों में नियमित शिक्षण कार्य शुरू करने की अनुमति दे दी है। हालांकि उन्होंने इसका निर्णय करने के लिए राज्य सरकारों को अधिकृत किया गया था। प्रदेश सरकार ने अभी स्कूल नहीं खोलने का जो निर्णय लिया है, उससे निजी विद्यालयों को अत्यधिक निराशा हुई है। एसोसिएशन ऑफ अन ऐडेड प्राइवेट स्कूल्ज मध्य प्रदेश के सचिव बाबू थॉमस ने बताया कि हमें पूरी आशा थी कि पड़ोसी राज्यों द्वारा लिए गए निर्णयों की तरह प्रदेश सरकार कम से कम कक्षा 9वीं से 12वी तक की नियमित कक्षाएं 50% उपस्थिति के साथ चालू करने का आदेश जारी करेंगी।
अभी तक नियमित नहीं हो सके
कोविड के कारण इस साल प्रदेश में अभी तक नियमित स्कूल नहीं खुल सके हैं। सभी स्कूलों में विगत 21 सितंबर से सिर्फ मार्गदर्शन हेतु लगातार कक्षाएं चल रही हैं। सभी सदस्य विद्यालय एसओपी का पालन करते हुए अपने विद्यार्थियों को सुरक्षित वातावरण में शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि आधे से ज्यादा शिक्षण सत्र गुजर चुका है। सेकेंडरी कक्षाओं को चालू करना अति आवश्यक है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुपम चौकसे ने सरकार द्वारा जारी आदेश के दोबारा विचार करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कम से कम कक्षा 9वीं से 12वी तक कि नियमित कक्षाएं 50% उपस्थिति के साथ 1 नवंबर से चालू करने का आदेश जारी करें। इससे विद्यार्थियों को होने वाले शैक्षणिक नुकसान की भरपाई हो सके।
जल्द स्कूल खोलने के पीछे कारण पढ़ाई बताया जा रहा
उप सचिव प्रमोद सिंह के अनुसार, केंद्र सरकार ने कंटेनमेंट जोन के बाहर के सभी स्कूलों को 15 अक्टूबर से फिर से खोलने की अनुमति दे दी थी। हालांकि, इस बारे में आखिरी फैसला लेने का अधिकार राज्यों को दिया गया था। इस पर हमने अभी की स्थिति में 15 नवंबर तक स्कूल नहीं खोले जाने का फैसला किया गया है। अभी की स्थिति में स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस ले सकते हैं। एक जानकारी के अनुसार ऐसे में स्कूलों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। कई स्कूलों में तो शिक्षकों को वेतन देने तक में परेशानी हो रही है। हालांकि संचालकों का कहना है कि इससे बच्चों की पढ़ाई पर काफी असर पढ़ रहा है।