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- Ravi Pushya Mahayoga Is Being Organized On October 11, In This Auspicious Combination, Shopping And Investment Increases Prosperity
6 घंटे पहले
- ये साल का पहला और आखिरी रवि पुष्य योग है जो पूरे दिन रहेगा, इसके बाद 2021 में बनेगा ऐसा संयोग
11 अक्टूबर रविवार को पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है। ज्योतिष में इसे रवि पुष्य योग कहा जाता है। इस योग में खरीदारी और अन्य शुभ काम करने से उनका फायदा मिलेगा। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के मुताबिक ये साल का पहला और आखिरी ऐसा रवि पुष्य संयोग है जो पूरे दिन रहेगा। इससे पहले 12 जनवरी को सुबह करीब साढ़े 4 घंटे के लिए ये योग बना था फिर 13 सितंबर की रात में बना था। अब 8 नवंबर को सुबह साढ़े 8 बजे तक ही रहेगा।
- ये स्थिति साल में तीन से चार बार ही बनती है। इसलिए हर तरह के शुभ काम और नए काम की शुरुआत के लिए 11 तारीख को बन रहा शुभ संयोग बहुत ही खास रहेगा। इस शुभ संयोग में किए गए लेन-देन, निवेश, खरीदारी और शुरू किए काम से धन लाभ होता है।
प्रॉपर्टी में निवेश और खरीदारी के लिए शुभ दिन
पं. मिश्रा के मुताबिक इस योग में खरीदारी बहुत शुभ फलदायी होती है। रविवार को पुष्य नक्षत्र होने से रविपुष्य योग बन रहा है। इस दिन पुष्य नक्षत्र सुबह 6:20 से शुरू होगा और रात को 1.20 तक रहेगा। इस दिन हीरे के आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक, ऑटोमोबाइल, जमीन, मकान, कपड़े और अन्य खरीददारी करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है। इसके अलावा जमीन, मकान में निवेश करना चाहते हैं तो यह दिन फायदेमंद साबित हो सकता है। वहीं, वाहन, फर्नीचर, ज्वेलरी, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य घरेलू सामान की खरीदारी भी शुभ रहेगी।
27 नक्षत्रों में 8वां है पुष्य
ज्योतिष शास्त्र में बताए गए 27 नक्षत्रों में 8वें नंबर पर पुष्य नक्षत्र होता है। ये नक्षत्र गुरुवार और रविवार के दिन होने पर महायोग बनाता है। इसके साथ ही सोम और शुक्रवार के दिन ये नक्षत्र होने से शुभ माना जाता है। इसलिए सभी नक्षत्रों में पुष्य को सबसे श्रेष्ठ माना है। इस नक्षत्र का स्वामी बृहस्पति है। रवि पुष्य योग में मांगलिक कार्य और खरीदारी की जा सकती है।
पुष्य नक्षत्र पर खरीदारी सबसे शुभ
सोना-चांदी, वाहन और प्रॉपर्टी खरीदने के लिए रवि पुष्य नक्षत्र को पवित्र माना गया है। बारह राशियों में एकमात्र कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है और पुष्य नक्षत्र के सभी चरणों के दौरान ही चंद्रमा कर्क राशि में रहता है। इसलिए पुष्य नक्षत्र को धन के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है।