एक घंटा पहले
- अमेरिका में हुई रिसर्च के मुताबिक, कोरोना के जिन मरीजों में विटामिन-डी पर्याप्त मात्रा था उनकी हालत नही बिगड़ी
- बार-बार खांसी-जुकाम होना, थकान, हडि्डयों में दर्द, पीठ के निचले हिस्से में दर्द विटामिन-डी की कमी के संकेत हैं
कोरोनाकाल में शरीर में विटामिन-डी की कमी न होने दें। कई रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि विटामिन-डी कोरोना से लड़ने में मदद करता है और मरीज की हालत नाजुक होने से रोकता है। विटामिन-डी की कमी पूरी करने का सबसे आसान तरीका है, सुबह 10 बजे से पहले सूरज की रोशनी में बैठें। रोजाना 15 से 20 मिनट यहां बैठकर विटामिन-डी की कमी पूरी की जा सकती है और संक्रमण का खतरा भी घटाया जा सकता है।
यह क्यों जरूरी है रिसर्च से समझिए
बॉस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन ने कोरोना के मरीजों और विटामिन-डी का कनेक्शन समझने के लिए रिसर्च की। रिसर्च में सामने आया कि जिन मरीजों में विटामिन-डी पर्याप्त मात्रा में पाया गया उनकी हालत नाजुक नहीं हुई। इसके अलावा विटामिन-डी ब्लड में सी-रिएक्टिव प्रोटीन का लेवल कम करता है। जिससे सूजन का खतरा कम रहता है।
शोधकर्ता माइकल एफ होलिक का कहना है, विटामिन-डी कोरोना मरीजों में वायरस को गंभीर होने से रोकता है और मौत का खतरा भी घटाता है। रिसर्च कोरोना के 235 मरीजों पर की गई है।
विटामिन-डी की कमी को कैसे समझें
आकाश हेल्थकेयर के ऑर्थोपेडिक और जॉइंट रिप्लेसमेंट डिपार्टमेंट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. आशीष चौधरी से जानिए विटामिन-डी की कमी को कैसे समझें और इसकी कमी को कैसे पूरा करें…
ये विटामिन-डी की कमी के लक्षण हैं
विटामिन-डी की कमी के लक्षण आसानी से पहचान में नहीं आते। ऐसे में इन बातों पर गौर करें।
- बार-बार खांसी-जुकाम होना, थकान, हड्डियों में दर्द, पीठ के निचले हिस्से में दर्द इसके चंद संकेत हो सकते हैं।
- हमेशा सुस्त रहना, सर्जरी या चोट के बाद घाव का बहुत धीमी गति से भरना भी कमी लक्षण हैं।
- महिलाओं में बालों के झड़ने की समस्या भी हो सकती है।
- विटामिन-डी की कमी महसूस हो रही है, तो पुष्टि के लिए जांच कराएं।
- कितनी कमी है, इस आधार पर डॉक्टर्स डाइट प्लान और सप्लीमेंट्स लिखते हैं।
ऐसे दूर करें कमी
- रोज़ाना 15 मिनट तक नियमित रुप से धूप लें।
- साल्मन मछली प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन-डी का सबसे अच्छा स्रोत होती है।
- अंडे के पीले हिस्से में विटामिन-डी मौजूद होता है। इसके अलावा इसमें फैट, अन्य विटामिन और मिनरल्स भी पाए जाते हैं।
- संतरे में विटामिन-सी होता है जो विटामिन डी के अवशोषण में मदद करता है। इसलिए ताज़े संतरों के रस का सेवन करें।
- गाय का दूध और दही दोनों ही विटामिन-डी के स्रोत हैं। फुल क्रीम दूध लेना चाहिए। दही घर पर जमाया हो, तो बेहतर।
- इसके अलावा बादाम का दूध और चावल का दूध ले सकते हैं। फोर्टिफाइड अनाज भी ले सकते हैं।
- चिकित्सक सप्लीमेंट्स दे सकते हैं। इंजेक्शन और दवाइयों के रूप में भी विटामिन-डी दे सकते हैं।