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जिन देशों की सरकारें भारतीय कंपनियों से खरीदारी नहीं करतीं, वहां की कंपनियों से भारत सरकार भी खरीदारी नहीं करेगी

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  • Indian Government Will Not Buy From Companies Whose Governments Do Not Buy From Indian Companies Government Added A Reciprocity Clause In Its Public Procurement Preference To Make In India Order 2017

नई दिल्ली25 मिनट पहले

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सरकार जिन सामानों की अलग से सूची जारी करेगी, सिर्फ उन्हीं की सरकारी खरीद में उन देशों की कंपनियां भाग ले पाएंगी

  • सरकार ने पब्लिक प्रोक्योरमेंट (प्रेफरेंस टू मेक इन इंडिया) ऑर्डर, 2017 में जैसे को तैसा की शर्त जोड़ी
  • यह व्यवस्था खरीदारी करने वाली केंद्र सरकार की एजेंसियों के द्वारा जारी किए जाने वाले सभी टेंडरों में लागू होगी

जिन देशों की सरकारें भारतीय कंपनियों को सरकारी खरीद में शामिल नहीं होने देतीं, वहां की कंपनियों को भारत सरकार भी अपनी खरीदारी में हिस्सा नहीं लेने देगी। यह बात शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में कही गई। सरकार ने पब्लिक प्रोक्योरमेंट (प्रेफरेंस टू मेक इन इंडिया) ऑर्डर, 2017 में जैसे को तैसा की शर्त जोड़ी है।

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि आदेश के मुताबिक कोई भी देश किसी भी सामान की सरकारी खरीद में यदि भारतीय कंपनियों को शामिल नहीं होने देता है, तो उस देश की कंपनियों को भारत में संबंधित नोडल मंत्रालय या विभाग के किसी भी सामान की सरकारी खरीद में भाग लेने की अनुमति नहीं होगी। इसका सिर्फ एक अपवाद होगा। यदि संबंधित मंत्रालय या विभाग कुछ निश्चित सामानों की कोई सूची जारी करेगा, तो सिर्फ उन्हीं सामानों की सरकारी खरीद में उन देशों की कंपनियों को भाग लेने की अनुमति होगी।

सरकारी ई-मार्केट प्लेस से होने वाली सरकारी खरीद में भी लागू होगी यह व्यवस्था

आदेश में यह भी कहा गया है कि यह व्यवस्था केंद्र सरकार की खरीदारी करने वाली एजेंसियों के द्वारा जारी किए जाने वाले सभी टेंडरों में लागू होगी। सरकारी ई-मार्केटप्लेस पर होने वाली खरीदारी में भी नोडल मंत्रालय या विभाग द्वारा चिहि्नत सामानों के लिए भी अनिवार्य तौर पर यह व्यवस्था लागू होगी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के बयान में यह भी कहा गया है कि बिड डॉक्यूमेंट में विदेशी सर्टिफिकेशन, गैरवाजिब टेक्निकल स्पेशिफिकेशन, ब्रांड या मॉडल का उल्लेख करने से स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं के साथ पक्षपात होता है और उन्हें सरकारी खरीद में शामिल होने से रोकता है।

बिड डॉक्यूमेंट में गैर-जरूरी विदेशी सर्टिफिकेशन का उल्लेख नहीं किया जाएगा

आदेश में कहा गया है कि यदि किसी विदेशी सर्टिफिकेशन की जरूरत होगी, तो संबंधित विभाग के सचिव की मंजूरी से ही उसका उल्लेख किया जाएगा। हर साल 1,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की खरीदारी करने वाले मंत्रालय या विभाग अपने वेबसाइट पर अगले पांच साल के लिए खरीदारी का अनुमान प्रस्तुत करेंगे। खरीदारी की एक सीमा को नाटिफाई किया जाएगा, जिसके ऊपर सरकारी टेंडर में हिस्सा लेने के लिए किसी विदेशी कंपनी को भारतीय कंपनी के साथ संयुक्त उपक्रम बनाना होगा।

अब डिफेंस सेक्टर की कंपनियों में ऑटोमैटिक मार्ग से 74% तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हो सकेगा

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