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- Now Businessmen With Annual Turnover Up To Rs 40 Lakh Will Get Exemption From GST, Earlier This Limit Was Rs 20 Lakh
नई दिल्लीएक घंटा पहले
इस बैठक में राज्यों के मुआवजा भुगतान और राजस्व में कमी को पूरा करने पर चर्चा हो सकती है।
- यह बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी
- सोमवार को वित्त मंत्रालय की तरफ से सिलसिलेवार ट्वीट किए गए
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की 41वीं बैठक 27 अगस्त को होगी। यह बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी। खबर है कि इस बैठक में राज्यों के मुआवजा भुगतान और राजस्व में कमी को पूरा करने पर चर्चा हो सकती है।
On the first death anniversary of Shri Arun Jaitley, we pay our respects and remember his lasting contribution to nation-building and the legacy he left behind as Union Finance Minister during 2014-19. (1/6)@nsitharamanoffc @Anurag_Office @PIB_India
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) August 24, 2020
इधर, सोमवार को वित्त मंत्रालय की तरफ से सिलसिलेवार ट्वीट किए गए। वित्त मंत्रालय ने पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को याद करते हुए वस्तु एवं सेवा कर (GST) और उसमें समय-समय पर किए गए तमाम सुधारों को याद किया है।
It is now widely acknowledged that GST is both consumer and taxpayer-friendly. While the high tax rates of the pre-GST era acted as a disincentive to paying tax, the lower rates under GST helped to increase tax compliance. (6/6)
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) August 24, 2020
अधिकतर चीजों पर लगने वाले टैक्स रेट में कमी की गई
मंत्रालय के ट्वीट में कहा गया है कि जीएसटी को लागू किए जाने के बाद से अधिकतर चीजों पर लगने वाले टैक्स रेट में कमी की गई है। मंत्रालय ने कहा है कि अब 28 फीसदी के टैक्स स्लैब के अंतर्गत लग्जरी आइटम और डेट्रिमेंट्ल वस्तुएं ही रह गई हैं। इस टैक्स स्लैब के अंतर्गत 230 वस्तुएं थीं लेकिन करीब 200 वस्तुओं को कम टैक्स वाले स्लैब में शिफ्ट कर दिया गया।
Once GST was implemented, the tax rate on a large number of items was brought down. As of now, the 28% rate is almost solely restricted to sin and luxury items. Out of a total of about 230 items in the 28% slab, about 200 items have been shifted to lower slabs. (2/5)
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) August 24, 2020
सिनेमा टिकट पर पहले जीएसटी 35 प्रतिशत से 110 प्रतिशत था
सिनेमा टिकट पर पहले जीएसटी 35 प्रतिशत से 110 प्रतिशत था। बाद में इसे कम कर के 12 से 18 प्रतिशत के बीच रख दिया गया था। रोजाना के उपयोग वाले ज्यादातर आइटम शून्य या पांच प्रतिशत के जीएसटी टैक्स स्लैब में हैं। रेसिडेंशियल कांप्लेक्स के कंस्ट्रक्शन की टैक्स दरों में कमी आई और यह 5 प्रतिशत तथा एक प्रतिशत के स्लैब में हैं। कॉमन यूज आइटम जैसे बालों के तेल, टूथपेस्ट, साबुन आदि 29.3 प्रतिशत के टैक्स स्लैब से घटकर 18 प्रतिशत पर जीएसटी में आ गए हैं।
Tax on cinema tickets, earlier between 35% to 110%, has been brought down to 12% & 18% in GST regime. Most items of daily use are in 0 or 5% slab. Construction of residential complexes saw a steep reduction in rates to 5% in general & 1% for affordable houses: Ministry of Finance https://t.co/VOosWaoaO8 pic.twitter.com/3LUNx6IXol
— ANI (@ANI) August 24, 2020
40 लाख रुपए तक के सालाना कारोबार वाले कारोबारियों को छूट
वित्त मंत्रालय ने अपने एक ट्वीट में यह भी कहा है कि अब 40 लाख रुपए तक के सालाना कारोबार वाले कारोबारियों को जीएसटी से छूट है। शुरूआत में यह सीमा 20 लाख रुपए थी। इसके अलावा 1.5 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाले कंपोजिशन स्कीम भी चुन सकते हैं और 1 फीसदी कर का भुगतान कर सकते हैं।
Now, Businesses with an annual turnover of up to Rs 40 lakh are GST exempt. Initially, this limit was Rs 20 lakh. Additionally, those with a turnover up to Rs 1.5 crore can opt for the Composition Scheme and pay only 1% tax. (1/5) pic.twitter.com/Jy589R1qNV
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) August 24, 2020