उज्जैन8 मिनट पहले
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रामघाट स्थित सभी छोटे-बड़े मंदिर पानी में समा गए हैं।
- उज्जैन में पिछले 24 घंटे में 6 इंच से ज्यादा बारिश हुई, गंभीर डेम के चार गेट खुले
- शिप्रा नदी किनारे रामघाट स्थित सभी मंदिर जलमग्न हुए, निचली बस्तियां पानी-पानी
लगातार बारिश से उज्जैन में शिप्रा ने अपना राैद्र रूप धारण कर लिया है। राम घाट पर शिप्रा नदी का लगातार जलस्तर बढ़ने से सभी मंदिर जलमग्न हाे गए हैं। लगातार पानी आने से बड़े और छाेटे दाेनाें ही पुलिस जलमग्न हो गए हैं। बड़े पुल पर जहां चार फीट ऊपर पानी बह रहा है। वहीं, छोटे पुल से पानी करीब 8 फीट ऊपर है। सीजन में यह पहली बार हुआ है जब शिप्रा अपने पूरे शबाब पर है। उज्जैन में अब तक 6 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। शिप्रा का जल गणगौर गेट तक पहुंचे पर यहां रहने वाले 15 परिवारों का रेस्क्यू किय गया।
इस सीजन पहली बार शिप्रा इतनी उफनी है।
उज्जैन और आसपास के इलाकों में देर रात से हो रही लगातार बारिश के चलते राम घाट पर शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ा है। राम घाट स्थित सभी मंदिरों के जलमग्न होने के साथ ही शहर की प्यास बुझाने वाला गंभीर डेम भी लबालब हो गया है। इंदौर के यशवंत सागर डेम से पानी छोड़े जाने के बाद गंभीर के भी 4 गेट खोल दिए गए हैं। गंभीर डेम में कुछ दिन पहले तक सिर्फ शहर की प्यास बुझाने के लिए 30 दिन का पानी बचा था।
शिप्रा का पानी निचली बस्तियों में पहुंच गया है।
लगातार हो रही तेज बारिश के कारण कई निचले इलाकों में भी पानी भरा गया है, जिसके कारण आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। उज्जैन के केडी गेट, एटलस चौराहा, नई सड़क, चामुंडा माता चौराहा, तोपखाना जैसे कई इलाकों में जलभराव देखने को मिला।
शिप्रा के उफान पर आने से पुल भी डूब गए।
तेज बहाव में पीएचई का टैंकर भी शिप्रा में समा गया।
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