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14 साल के हर्ष ने बनाया कोरोना खत्म करने वाला वाटरप्रूफ बैंड, यह चेहरा छूने से रोकेगा और इससे निकलने वाले आयन वायरस का खात्मा करेंगे

  • हर्ष ने ट्रायल देने के लिए आईसीएमआर और पीएम मोदी को डिवाइस का प्रस्ताव भेजा
  • वेंटिलेटेड मास्क भी तैयार किया, दावा, इसके जरिए कार्बन डाई ऑक्साइड की जगह साफ हवा शरीर में पहुंचेगी

दैनिक भास्कर

Apr 27, 2020, 11:01 AM IST

महाराष्ट्र के 14 वर्षीय के हर्ष चौधरी ने हाथ में पहना जाने वाला खास तरह का बैंड बनाया है जो हाथ को चेहरा छूने से रोकेगा। हर्ष का दावा है कि यह कोरोनावायरस को मारकर संक्रमण फैलने से रोकेगा। साथ ही दूसरों से हाथ मिलाते वक्त भी यह मना करेगा। डिवाइस का ट्रायल देने के लिए हर्ष ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और पीएम नरेंद्र मोदी को प्रस्ताव भेजा है। 

10वीं के छात्र हैं हर्ष
महाराष्ट्र के विरार में रहने वाले हर्ष 10वीं के छात्र हैं। पिता कुंजन चौधरी ऑटोमोबाइल क्षेत्र से जुड़े हैं और मां श्रद्धा चौधरी शिक्षिका हैं। हर्ष के मुताबिक, इस बैंड को पहनने के बाद हाइड्रोऑक्साइड आयन से निकलने वाला इलेक्ट्रोनिगेटिव आयोनाइजेशन कोरोनावायरस को खत्म करने का काम भी करेगा। साथ ही चेहरे को छूने से भी रोकेगा। 

ऐसा करता है काम बैंड
हर्ष के मुताबिक, बैंड में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सॉल्यूशन रखा गया है। डिवाइस पूरी तरह से वाटरप्रूफ है। नहाते वक्त या हाथ धोते समय भी इसे उतारने की जरूरत नहीं है। डिवाइस में एक बजर लगा है जो आवाज करता है। जब भी कोई इंसान दूसरे से हाथ मिलाता है या चेहरा छूता है तो इस डिवाइस को पता चल जाता है और बजर आवाज करता है। अगर चाहें तो आवाज बंद करके इसे वाइब्रेशन मोड में भी डाल सकते हैं। 

कबाड़ से तैयार की डिवाइस
हर्ष में बैंड को घर में मौजूद कबाड़ी और पुरानी चीजों से तैयार किया है। बजर, स्विच, बटन सेल, सेंसर, एल्युमिनियम की चादर, प्लास्टिक टबिंग और दूसरी चीजों से बैंड बनाया गया है। हर्ष का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान, मैटेरियल खरीदना संभव नहीं था, इसलिए घर में मौजूद पुरानी चीजों से इसे तैयार किया। 

एक बैंड की लागत 90 रुपए
हर्ष के मुताबिक, एक बैंड की लागत 90 रुपए है। अगर इसे बड़े स्तर पर बनाया जाए तो इसकी कीमत 40 रुपए प्रति बैंड पहुंच सकती है। जल्द ही पेटेंट रजिस्टर्ड कराउंगा। बड़े स्तर पर निर्माण शुरू होने के बाद ही यह आम लोगों तक पहुंच सकेगा। मुझे लोगों से इसके बारे में काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।

वेंटिलेटेड मास्क भी तैयार किया
हर्ष ने वेंटिलेटेड मास्क भी तैयार किया है। इसमें एक पंखा लगा है तो इंसान को ठंडक पहुंचाता है। हर्ष का कहना है कि पुलिसकर्मी और स्वास्थ्य कर्मचारी जब पीपीई पहनते हैं तो उसमें वेंटिलेंशन न होने के कारण कार्बन डाई ऑकसाइड वापस शरीर में सांस के रास्ते चली जाती है। नया वेंटिलेटेड मास्क हवा को सर्कुलेट करता रहता और राहत पहुंचाता है। 

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