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अफ्रीकी देश बोत्सवाना में 60 दिन में 350 हाथियों ने दम तोड़ा, किसी को पता नहीं किस बीमारी से मर रहे बेजुबान

  • बोत्सवाना के ओकावांगो डेल्टा का मामला, स्थानीय लोगों के मुताबिक, जून के मध्य तक 70 फीसदी हाथी जलाशय के किनारे मरे हुए मिले
  • पिछले साल राष्ट्रपति ने शिकार पर 5 साल से लगा बैन हटाया, वैज्ञानिकों ने जानवरों की जांच करने की मांग की

दैनिक भास्कर

Jul 02, 2020, 03:02 PM IST

अफ्रीकी देश बोत्सवाना में पिछले दो महीने में 350 से अधिक हाथियों की रहस्यमय मौत हो गई है। मामला ओकावांगो डेल्टा का है जो देश के उत्तरी हिस्से में है। अफ्रीका में सबसे ज्यादा हाथी यहीं पाए जाते हैं। हाल ही में हाथियों की कई सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं जो चौकाने वाली हैं। 2 महीने से अधिक समय बीतने के बाद भी मौत का कारणों का पता नहीं चल पाया है। 

हाथियों की रहस्यमय मौत का पहला मामला मई में सामने आया था। इसके बाद लगातार मौत हुईं और जून के अंत तक आंकड़ा 350 को पार कर गया है। इससे पहले जिम्बाब्वे में शिकारियों द्वारा जानवरों को सायनाइड देने का मामला सामने आया था।  2018 में बोत्सवाना में 90 हाथियों में शव मिले थे। इनमें ज्यादातर ऐसे हाथी शामिल थे जिनकी हत्या उनके दांतों के लिए की गई थी।

ऐसा मामला पहले नहीं देखा गया
ब्रिटेन के नेशनल पार्क रेस्क्यू के कंजर्वेशन डायरेक्टर डॉ. नियाल मैक्केन के मुताबिक, हाथियों की मौत बड़े स्तर पर हुई है। इससे पहले ऐसा मामला नहीं देखा गया है। सूखे की स्थिति को अलग कर दें तो मुझे नहीं लगता है इनकी मौत इससे पहले किसी दूसरी चीज से हुई होगी। नियाल कहते हैं कि उनके सहयोगियों ने मई की शुरुआत से लेकर अभी तक ओकावांगो डेल्टा में 350 से अधिक मृत हाथियों की पहचान की है। सरकार ने लैब में जांच कराई है लेकिन अब तक नतीजे सामने नहीं आए हैं।

वैज्ञानिकों ने सरकार से हाथियों की जांच करने का आग्रह किया है ताकि ये साफ हो सकते कि इनसे इंसानों के लिए कोई खतरा नहीं है और न ही इंसानों से कोई संक्रमण इनमें पहुंचा। 

कुछ की मौत झटके से तो कुछ ने धीरे-धीरे दम तोड़ा
स्थानीय लोगों के मुताबिक, हाथियों को एक सर्कल में घुमते हुए भी देखा गया था। इन्हें देखकर लग रहा था या तो बैक्टीरिया-वायरस के कारण इनकी मानसिक स्थिति बिगड़ी है या फिर जहर शरीर में पहुंचा है। डॉ. नियाल मैक्केन के मुताबिक, शवों को देखकर लगता है कि कुछ ने एक झटके में दम तोड़ा है क्योंकि हाथियों का मुंह जमीन की तरफ है। वहीं कुछ की मौत धीरे-धीरे हुई है जब वे चल-फिर रहे थे। ऐसा किस तरह के जहर से हुआ है कहना मुश्किल है।

सरकार ने 280 जानवरों की पुष्टि की
बोत्सवाना वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट के एक्टिंग डायरेक्टर डॉ. सिरिल ताओलो ने गार्जियन को बताया, हम हाथियों की मौत से वाकिफ हैं, 350 में से 280 जानवरों की पुष्टि हुई है। हम अन्य जानवरों का पता लगा रहे हैं। कोविड-19 के कारण हाथियों की जांच धीमी गति से हो रही है क्योंकि सैम्पल को एनालिसिस के लिए दूसरे देश भेजा गया है।

दलदलीय और हराभरा क्षेत्र है ओकावांगो डेल्टा
ओकावांगो डेल्टा दलदलीय और हराभरा क्षेत्र है। अफ्रीका में सबसे ज्यादा हाथी यहीं पाए जाते हैं। यह जगह सफेद और काले गैंडों के लिए भी जानी जाती है। यहां करीब 15 हजार हाथी हैं। बोत्सवाना की वाइल्डलाइफ दुनियाभर के सैलानियों के लिए खास आकर्षण है। देश की जीडीपी का 12 फीसदी रेवेन्यू यहीं से आता है।

कोविड-19 का खतरा भी
स्थानीय लोगों के मुताबिक, शवों के आसपास गिद्द नहीं मंडरा रहे हैं इसलिए मौत की वजह जंगल से बाहर की कोई चीज हो सकती है, कोविड-19 की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता। अफ्रीका में शिकार के बढ़ने मामलों के कारण हाथियों की संख्या घट रही है। शिकार के मामले में बोत्सवाना की हालत सबसे ज्यादा खराब है।

देश हाथियों को बचाने में नाकाम रहा
नेशनल पार्क रेस्क्यू के कंजर्वेशन डायरेक्टर डॉ. नियाल मैक्केन ने इस घटना को ‘संरक्षण त्रासदी’ बताते हुए कहा, बोत्सवाना अपने देश की सबसे कीमती चीज को सहेजने में फेल रहा। 

राष्ट्रपति ने 5 साल से लगा शिकार पर बैन हटाया
देश में हाथी सबसे ज्यादा खतरे में हैं क्योंकि किसान इन्हें फसलों के लिए खतरा मानते हैं और शिकारी शिकार करने से बाज नहीं आते हैं। राष्ट्रपति मोकेगविसी मसासी ने पिछले साल ही शिकार पर 5 साल से लगा बैन हटाया था। पूर्व राष्ट्रपति ईयान खाना ने अफ्रीका में जानवरों के शिकार पर बैन लगाया था। 

डॉ. नियाल मैक्केन के मुताबिक, अगर मान लिया जाए कि इन हाथियों की मौत सूखे के कारण हुई तो भी यह बेहद अजीबोगरीब स्थिति है क्योंकि मरने वाले सिर्फ हाथी हैं और कोई दूसरा जीव नहीं। अगर ये अवैध शिकार का मामला होता तो दूसरे जानवर भी मिलते जिनका शिकार हुआ होता लेकिन ऐसा नहीं है।

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