April 26, 2024 : 8:38 AM
Breaking News
लाइफस्टाइल

कोरोना कैसे फैला, इसकी सटीक भविष्यणी अब तक कोई गणितिय मॉडल नहीं कर पाया: आईसीएमआर प्रमुख

  • आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव के मुताबिक, जांच, वायरस की ट्रैकिंग और इलाज ही महामारी रोकने का सटीक बचाव है
  • नेशनल हेल्थ अथॉरिटी चीफ एग्जीक्यूटिव इंदु भूषण का कहना है, कोरोनावायरस किसी खास परिस्थिति में कैसे व्यवहार करेगा, यह गणितीय मॉडल से नहीं समझा जा सकता

दैनिक भास्कर

Jul 01, 2020, 12:20 PM IST

कोरोना कैसे फैला अब तक कोई भी मॉडल इसकी सटीक भविष्यवाणी नहीं कर पाया है। देश को सिर्फ महामारी से बचाव के तरीकों पर फोकस करने की जरूरत है। यह कहना है आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव का। डॉ. बलराम के मुताबिक, जांच, वायरस की ट्रैकिंग और इलाज ही महामारी को रोकने का बेसिक बचाव है। 

गणितिय मॉडल सिर्फ अलर्ट करते हैं
डॉ. बलराम ने एक इंटरव्यू में कहा, कोई भी गणितिय मॉडल यह नहीं बता सकता कि कोरोना के फैलने के लिए कौन-कौन से फैक्टर जिम्मेदार हैं। ऐसे मॉडल से सिर्फ ये आइडिया दिया जा सकता है कि देश के लिए सबसे अच्छी और बुरी स्थिति क्या हो सकती है ताकि हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने की तैयारी रखी जा सके।

क्या होता है गणितिय मॉडल
गणितिय मॉडल का प्रयोग रिसर्च में किया जाता है। इसकी मदद से शोधकर्ता बताते हैं कि किसी चीज का कितना प्रभाव भविष्य में पड़ सकता है। उसके व्यवहार में कितना बदलाव आ सकता है। ये अनुमान पर आधारित होते हैं। कोरोना के मामले में भी शोधकर्ताओं ने अपनी रिसर्च में अलग-अलग गणितीय मॉडल का प्रयोग किया, लेकिन अब तक कोई भी मॉडल सटीक जानकारी नहीं दे पाया है।

इतने मॉडल फेल हुए
देश में 28 जून को 2000 से अधिक कोविड-19 के नए मामले सामने आए और आंकड़ा 546,771 तक पहुंच गया। रोजाना संक्रमण केबढ़ते मामलों ने कोरोना की भविष्यवाणी करने वाले गणितीय मॉडल को गलत साबित किया है। कई मॉडल ने भविष्यवाणी की थी कि जुलाई कोरोना का पीक सीजन होगा। वहीं, कुछ मॉडल्स के मुताबिक, देश में मई-जून तक मामले थम जाएंगे। इसके अलावा कुछ में यह भी कहा गया था कि भारत में कोरोना का ग्राफ घटेगा। ये सारी भविष्यवाणी फेल साबित हुई हैं।

वायरस कब कैसे बदलेगा, समझना मुश्किल
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी और आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के चीफ एग्जीक्यूटिव इंदु भूषण के मुताबिक, गणितीय मॉडल हमेशा मौजूद डाटा के आधार पर अनुमान लगाते हैं। महामारी से जुड़े कई ऐसे फैक्टर हैं जो अज्ञात हैं। कोरोनावायरस किसी खास परिस्थिति में कैसे व्यवहार करके, यह पूरी तरह से नहीं समझा जा सकता।

Related posts

इंदौर में परीक्षा से पहले अगले सेमेस्टर की फीस मांग रहे कालेज, विद्यार्थियों ने विवि को की शिकायत

News Blast

पत्नी ने दबाया मुंह, प्रेमी ने मरने तक चाकू से किए 19 वार; जानिए क्यों उठाया खौफनाक कदम

News Blast

गाय प्लास्टिक भी पचा सकती है:वैज्ञानिकों ने गाय के पेट में जीवाणुओं का ऐसा समूह खोजा जिसमें 3 तरह के प्लास्टिक को पचाने की ताकत; ऑस्ट्रिया के वैज्ञानिकों का दावा

News Blast

टिप्पणी दें