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महाराष्ट्र की कोंकण भूमि के बुरोंडी में शांति और सुकून का केंद्र है परशुराम भूमि

दैनिक भास्कर

Apr 24, 2020, 06:37 PM IST

महाराष्ट्र की कोंकण भूमि में दापोली से करीब 10 से 12 किलोमीटर दूर बुरोंडी में भगवान परशुराम की विशाल मूर्ति स्थापित है। इस स्थान को परशुराम भूमि के नाम से भी जाना है। यह जगह एक पहाड़ पर स्थित है और इस पहाड़ के नीचे समुद्र है। यहां पृथ्वी के आकार की तरह एक ध्यान कक्ष बनाया गया है जिस पर भगवान परशुराम की 21 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित है। इस बनावट के पीछे पुराणों की मान्यता है। जिसके अनुसार कार्तवीर्य अर्जुन के अत्याचारों से पृथ्वी के सभी जीव दुखी थे और पृथ्वी ने सभी जीवों को बचाने के लिए भगवान विष्णु से प्रार्थना की। इसके बाद माता पृथ्वी की मदद के लिए भगवान विष्णु ने परशुराम के रूप में देवी रेणुका और ऋषि जमदग्नि के पुत्र के रूप में अवतार लिया। 

ध्यान कक्ष के ऊपर है निर्मित 
यहां भगवान परशुराम की मूर्ति लगभग 21 फीट ऊंची है, जिसे एक 40 फीट व्यास की आधी पृथ्वी के आकार के ध्यान कक्ष पर बनाया गया है। इसमें वह परशु (फरसा) और धनुष के साथ खड़े हैं। मान्यता है कि भगवान परशुराम ने अपने इसी अस्त्र से पूरी पृथ्वी जीत ली थी, इसी वजह से उन्हें यहां पृथ्वी के आकार के बने ध्यान कक्ष के ऊपर स्थापित किया गया है।

करते हैं ॐ का जाप
बुरोंडी की भौगोलिक विशेषता के कारण समुद्र का केवल यही हिस्सा तांबे के रंग का नजर आता है। इसलिए इसे ताम्र तीर्थ भी कहा जाता है। यहां  आने वाले भक्त अंदर बैठकर तेज आवाज में ॐ का जाप करते हैं, इससे निकलने वाली प्रतिध्वनि शरीर में ऊर्जा का संचार करती है। यहां आने वाले लोग विशेष तौर पर इस कक्ष में बैठकर ध्यान लगाने के लिए आते हैं।

सुनाई देती है प्रतिध्वनि 
इस ध्यान कक्ष की खास बात यह है कि इसके अंदर आकर शांति का एहसास होता है। इसको इस तरह से तैयार किया गया है कि प्रतिध्वनि सुनाई देती है। समुद्र के किनारे होने पर भी यहां न तो लहरों की अवाज सुनाई देती है और न ही यहां से वह दिखाई देता है।

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