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इंसानी मल में 5 हफ्तों तक जिंदा रहता है कोरोनावायरस, अमिताभ बच्चन ने भी वीडियो के जरिए आगाह भी किया

  • लैंसेट ने प्रकाशित चीनी वैज्ञानिकों की रिपोर्ट में दावा, जांच निगेटिव होने के बाद भी 20% मरीजों के मल से कोरोनावायरस फैल सकता है
  • चीन में हुई एक अन्य रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना के 30 फीसदी मरीजों के मल में जिंदा कोरोनावायरस मिला

दैनिक भास्कर

Mar 27, 2020, 09:56 AM IST

हेल्थ डेस्क. कोरोना वायरस इंसान मल में कई हफ्तों तक ज़िंदा रह सकता है। संक्रमित व्यक्ति अगर ठीक भी हो जाए तो कुछ हफ्तों तक उसके मल में ये वायरस मौजूद रह सकता है और अगर कोई मक्खी इस पर बैठ जाए तो वो वह वाहक का काम कर सकती है। लैंसेट जर्नल में प्रकाशित रिसर्च में यह बात कही गई है। यह रिसर्च चीनी वैज्ञानिकों ने की है। महानायक अमिताभ बच्चन ने भी इसे समझाने के लिए सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करके खुले में शौच न करने की अपील की है। 

कोरोनवायरस के तीन मामलों में पुष्टि भी हुई
लैंसेट की रिपोर्ट में कोरोना के तीनों प्रकारों का हवाला देते हुए समझाया गया है कि कैसे यह इंसान के मल में पाया गया है। यह कितने तापमान तक जिंदा रहता है, इसका भी जिक्र किया गया है।

पहला मामला: सार्स
रिपोर्ट के मुताबिक, 2002-03 में जब सार्स (कोरोना का एक प्रकार) का संक्रमण हुआ था तो मरीजों के मल में संक्रमण से पांच दिन के बाद से भी यह वायरस पाया गया। बीमारी के 11वें दिन तक मल में वायरस का आरएनए और बढ़ गया। बीजिंग के दो अस्पतालों में सीवेज वाटर की जांच में इसकी पुष्टि हुई। रिसर्च में सामने आया कि यह 4 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान पर 14 दिन तक संक्रमण करने की स्थिति में रहता है। वहीं 20 डिग्री तापमान पर दो दिन तक जिंदा रहता है। अगर तापमान 38 डिग्री है तो इसे खत्म होने में 24 घंटे लगते हैं।

दूसरा मामला: मर्स
2012 में मेर्स (कोरोनावायरस का एक प्रकार) के संक्रमण के दौरान मरीजों के 14.6 फीसदी सैम्पल में यह वायरस मिला। यह वायरस भी कम तापमान और नमी में जिंदा रह सकता है और मल के जरिए फैल सकता है। रिसर्च के मुताबिक, मेर्स इंसान के शरीर में पहुंचकर अपनी संख्या भी बढ़ा सकता है। 

तीसरा मामला: नया कोरोनावायरस
नीदरलैंड के सीवेज में भी नया कोरोनावायरस (SARS-CoV-2) मिला है। अमेरिका में कोरोना के पीड़ित पहले मरीज के मल में भी यह पाया गया है। नए कोरोनावायरस पर चीन में हुई एक और रिसर्च कहती है जब यह वायरस पाचन तंत्र की अंदरूनी लेयर को संक्रमित करता है ऐसे 50 फीसदी से अधिक मरीजों के मल से संक्रमण फैल सकता है। जांच में निगेटिव होने के बाद भी 20 फीसदी मरीजों के मल से यह फैल सकता है।

रिपोर्ट निगेटिव लेकिन मल की जांच पॉजिटव, चीन में ऐसे कई मामले
एक और रिसर्च 205 मरीजों पर की गई। रिपोर्ट के मुताबिक, 30 फीसदी मरीजों के मल में जिंदा कोरोनावायरस मिला। चीन में ऐसे मामले  भी सामने आए हैं जब मरीज की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई लेकिन मल में यह वायरस पाया गया। रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, जांच निगेटिव आने के 5 हफ्ते बाद तक यह मल में पाया जा सकता है।

कैसे बचा जाए

  • शौच के लिए खुले में न जाएं।
  • शौच करने या हॉस्पिटल से आने के बाद हाथ जरूर धोएं।
  • दिन में कई बार 20 सेकंड तक हाथों को धोएं। 
  • रोजाना शौचालय की सफाई करें।
  • अधपका खाना न खाएं और खाना परोसते समय बर्तन में नमी या पानी नहीं होना चाहिए।

दरवाजा बंद तो बीमारी बंद: अमिताभ बच्चन
अमिताभ बच्चन ने 2 मिनट 43 सेकंड के वीडियो में कोरोना से बचाव की बात कही। उन्होंने कहा, देश कोरोना वायरस से जूझ रहा है। कोरोनावायरस का मरीज ठीक भी हो जाए तो भी उसके मल में कई दिनों तक यह वायरस जिंदा रहता है। इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत है-

  • अपने शौचालय का नियमित रूप से इस्तेमाल करें, खुले में शौच के लिए न जाएं।
  • लोगों से दूरी बनाए रखें, आपातकालीन स्थिति में ही बाहर निकलें। 
  • दिन में कई बार हाथों को साबुन से 20 सेकंड तक धोएं।
  • अपने नाक और मुंह को न छुंए
  • याद रखें, दरवाजा बंद तो बीमारी बंद, शौचालय का इस्तेमाल कीजिए, हर रोज, हमेशा।

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