एक दिन पहलेलेखक: उमेश कुमार उपाध्याय
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एक बार फिर प्रियदर्शन के निर्देशन में बनी हंगामा 2 में राजपाल यादव ने राजा का रोल निभाया है। हंगामा टाइटल, प्रियदर्शन का निर्देशन और कम फिल्में करने की वजह आदि के बारे में उन्होंने इस बातचीत में बताया। पढ़िए, राजपाल यादव से बातचीत:
- हंगामा के बाद हंगामा 2 आ रही है। आपके लिए हंगामा टाइटल किस तरह से स्पेशल है?
जंगल फिल्म से बतौर एक्टर स्टेबलिश हो गया था, पर सही मायने में आटा और आर्ट का कॉम्बिनेशन हंगामा ने किया था। बतौर एक्टर हंगामा से हमारी रोजी-रोटी बड़े सुचारू रूप से चलने लगी। हंगामा मेरे करियर के लिए बहुत स्पेशल फिल्म है। अब हंगामा 2 डिज्नी+हॉट स्टार पर 23 जुलाई को आ रही है। यह सबके दिलों में खूब हंगामा करे, सबको लॉफ्टर की थैरेपी मिले, लोगों का ब्लड सर्कुलेशन अच्छा करे, सबका मन प्रसन्न करे… यही दुआ करता हूं।
- कैरेक्टर के लिए क्या खास तैयारी करनी पड़ी?
प्रियन जी के किरदार की सबसे खास तैयारी यह होती है कि वे कहते हैं कि हम रियलिटी तो नहीं करते, पर रील के माध्यम से रियलिटी का इल्यूजन तो क्रिएट करते हैं। इसलिए रील के रियल चरित्र में दिखें। उसमें एक्टिंग न करें। इसमें वही करने की कोशिश की है। प्रियन जी एक कॉमन मैन का किरदार तैयार करते हैं।
- प्रियदर्शन के डायरेक्शन को किस तरह से एन्जॉय करते हैं?
प्रियन सर के साथ मेरा 17-18 साल का एसोसिएशन है। उनकी मेकिंग, क्राफ्ट और काबिलियत पर बहुत ज्यादा विश्वास करता हूं। उनसे कभी कहानी और किरदार के बारे में नहीं पूछा। दरअसल, उनकी एक सोच होती है कि बच्चे, बूढ़े, नौजवान सहित पूरी फैमिली को कैसे फिल्म एंटरटेन करे। इस मामले में वे वैज्ञानिक हैं। उन्होंने एक-दो नहीं, बल्कि कई फिल्मों में प्रूव किया है। उनकी यूनिट का हिस्सा होने का मुझे भी सौभाग्य मिलता है। इस तरह प्रियन सर की कहानी देशकाल, वातावरण, सिचुएशन जो होता है, उसमें अपने आपको एक विद्यार्थी की तरह डालकर निकल जाता हूं। हंगामा 2 में भी जितने किरदार दिखेंगे, वह प्रियन के किरदार होंगे। वह न तो मीजान, न प्रणिता, न परेश जी, न राजपाल और न ही जॉनी भाई का किरदार होगा। यह प्रियन सर का एक क्रॉफ्ट होता है, वे सारे किरदारों को बड़े अच्छे से सजाते हैं। उनकी खूबी है कि लेंथ और स्टेंथ, हर कैरेक्टर का बैलेंस बहुत अच्छे से बनाते हैं।
- आप बेहद संजीदा और परिपक्व एक्टर हैं, पर आपकी कुछ सालों से फिल्में कम आ रही हैं। कुछ खास वजह है?
मैं रामगोपाल वर्मा, डेविड धवन, प्रियदर्शन आदि जिस सेटअप में काम करता था, उसमें फिल्में ही कम बनी हैं। आज दर्शकों का प्यार इतना है कि अगर साल में दो-तीन फिल्में आएं तो उन्हें अच्छा नहीं लगता। इसे आशीर्वाद मानते हैं। अगर पिछले पांच वर्षों में मेरी भूमिकाएं कम देखने को मिलीं, तब चिंता मत कीजिए, अगले पांच वर्षों में उसकी कोर-कसर पूरा कर दूंगा। अगले पांच साल में मेरी फादर ऑन सेल, क्रेजी किंग, ऑर्डर ऑर्डर, भूल भुलैया आदि फिल्में और वेब सीरीज आ रही हैं।