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पूजा विधान:शुभ काम में सिर्फ कलश स्थापना करने से ही हो जाती है गणेश, शक्ति और त्रिदेवों की पूजा

20 घंटे पहले

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  • पूजा में नारियल को माना जाता है गणेश जी का प्रतीक, कलश में होता है शक्ति का वास

हिंदू धर्म में पूजा पाठ में पवित्र कलश की स्थापना के बिना कोई धार्मिक कार्य संपन्न नहीं होता। पौराणिक मान्यता के अनुसार कलश के मुख में विष्णुजी, कंठ में महेश तथा मूल में ब्रह्मा स्थित हैं और कलश के मध्य में दैवीय मातृशक्तियां निवास करती हैं। कलश स्थापना से जुड़ीं ध्यान में रखने वाली खास बातें…

1. कलश में क्यों भरें जल
पूजा वाले कलश में जल, अनाज, इत्यादि रखा जाता है। पवित्र जल इस बात का प्रतीक है कि हमारा मन भी जल की तरह हमेशा ही स्वच्छ, निर्मल और शीतल रहे। मन में क्रोध, लोभ, मोह-माया, ईष्या और घृणा का कोई स्थान न हो। बिना जल के कलश स्थापना शास्त्रों में अशुभ माना गया है। इससे घर में सुख-समृद्धि आती है।

2. स्वस्तिक क्यों बनाएं
कलश पर लगाया जाने वाला स्वस्तिक चिह्न हमारी 4 अवस्थाओं, जैसे बाल्य, युवा, प्रौढ़ और वृद्धावस्था का प्रतीक है। अत: चारों अवस्थाओं में हम स्वस्थ और सुखी रहें इसलिए इस स्वस्तिक को कलश पर बनाना अति आवश्यक है।

3. नारियल क्यों जरूरी है
शास्त्रों के अनुसार कलश स्थापना में कलश के ऊपर रखा नारियल भगवान गणेश का प्रतीक होता है। ध्यान रखें नारियल का मुख साधक की तरफ रहे। अत: इन बातों का ध्यान रखकर आप अपनी पूजा का पूर्ण फल और लाभ पा सकते हैं ।

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