May 27, 2024 : 11:41 AM
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गुप्त नवरात्र 12 से 21 तक: संवत 2077 की आखिरी नवरात्रि में बनेंगे 5 शुभ योग, तिथि बढ़ने से 10 दिन का रहेगा ये पर्व

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2 घंटे पहले

कॉपी लिंकनए कामों की शुरुआत और हर तरह की खरीदारी करने के लिए 7 दिन विशेष योग

विक्रम संवत 2077 के आखिरी नवरात्र माघ शुक्लपक्ष प्रतिपदा यानी 12 फरवरी से शुरू होंगे। जो कि 21 फरवरी तक चलेंगे। तंत्र-मंत्र साधना के लिए खास माने जाने वाले इस गुप्त नवरात्र में कुछ खास और शुभ योग बनेंगे। गुप्त नवरात्र में मंत्र सिद्धि के लिए माता की पूजा-अर्चना करने का विधान है। इन दिनों में माता की नौ शक्तियां और दस महाविद्याओं के रुप में देवी दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है। ये पूजा और अनुष्ठान किसी खास इच्छा को पूरा करने की कामना से भी किया जाता है। इन नौ दिनों में गुप्त रुप से किसी खास मंत्र जप से देवी की पूजा की जाती है।

सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि समेत 7 शुभ योगकाशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र ने बताया कि इस बार छठ तिथि बढ़ने से नवरात्र 9 की बजाय 10 दिन के होंगे। नवरात्र में कई खास योग भी रहेंगे। 10 दिन में से 7 दिन ऐसे विशेष योग रहेंगे जिनमें किसी भी तरह की खरीदारी और शुभ काम करना फलदाई रहेगा। इन दिनों में 1 त्रिुपष्कर, 2-2 अमृतसिद्धि और राजयोग, 3 सर्वार्थसिद्धि और दिन 4 रवियोग रहेंगे। इन शुभ संयोगों में नए कामों की शुरुआत के साथ ही ज्वेलरी, फर्नीचर और नए कपड़ों की खरीदी करना शुभ होता है।

प्रॉपर्टी और व्हीकल खरीदारी के लिए पांच दिनगुप्त नवरात्र में प्रॉपर्टी और व्हीकल खरीदारी के लिए पांच दिन शुभ रहेंगे। इनमें 13,14,16,17 और 21 तारीख को प्रॉपर्टी और रियल स्टेट में निवेश करने का विशेष मुहूर्त है। साथ ही इन दिनों में हर तरह की खरीदारी करना भी शुभ रहेगा।

साल में आते हैं 4 नवरात्रसाल में चार नवरात्र आते हैं। वासंती और शारदीय नवरात्र। इन दोनों नवरात्र में मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है। दो बार गुप्त नवरात्र आते हैं। एक आषाढ़ के महीने में और दूसरा माघ के महीने में। इनमें मां भगवती कि 10 विधाओं की आराधना और तंत्र-मंत्र साधना की जाती है।

किस दिन कौन सा शुभ योगदिन और वारशुभ योगसमय13 फरवरी, शनिवारत्रिपुष्कर योगदोपहर 3:11 से अगले दिन सुबह तक14 फरवरी, रविवारसर्वार्थसिद्धि योगशाम 4:30 से अगले दिन सुबह तक15 फरवरी, सोमवाररवि योगसूर्योदय से सूर्यास्त तक16 फरवरी, मंगलवारसर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि और रवियोगरात साढ़े 8 से अगले दिन सुबह तक17 फरवरी, बुधवाररवियोगसुबह सूर्योदय से रात 12 बजे तक20 फरवरी, शनिवारसर्वार्थसिद्धि और अमृत सिद्धिसुबह सूर्योदय से अगले दिन सूर्योदय तक21 फरवरी, रविवाररवियोगसुबह 8:45 से अगले दिन सूर्योदय तक

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