May 18, 2024 : 9:16 AM
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इबोला वायरस खोजने वाले डॉक्टर की चेतावनी: नए वायरस ‘डिसीज एक्स’ के फैलने का खतरा, यह कोरोना से ज्यादा खतरनाक और तेजी से फैलता है

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18 घंटे पहले

कॉपी लिंकइबोला की तुलना में नए वायरस से मरने वालों की संख्या 50 से 90% तक हो सकती हैWHO ने कहा, अगर यह बीमारी फैलती है तो दुनिया में तबाही आ जाएगी

दुनिया कोरोना से जूझ रही है। इस बीच एक नए वायरस के फैलने का खतरा जताया गया है। नए वायरस का नाम ‘डिसीज-एक्स’ है। अफ्रीकी वायरस इबोला की खोज करने वाले डॉ. जीन जैक्स मुएंब तामफम ने यह चेतावनी जारी की है। डॉ. तामफम के मुताबिक, ‘डिसीज-एक्स’ ज्यादा घातक है। कोरोना के मुकाबले यह तेजी से फैलता है और इबोला से ज्यादा जानलेवा है।

मौत का खतरा 50 से 90% जयादाइबोला की तुलना में इससे मरने वालों की संख्या 50 से 90% तक ज्यादा हो सकती है। एक अमेरिकी टीवी चैनल से बातचीत में डॉ. तामफम ने कहा, ‘आज हम ऐसी दुनिया में हैं, जहां नए वायरस बाहर आएंगे। ये वायरस मानवता के लिए खतरा बन जाएंगे। भविष्य में आने वाली महामारी कोरोना वायरस से ज्यादा खतरनाक और तबाही मचाने वाली होगी।

कांगो की महिला मरीज में ‘डिजीज-एक्स’ के लक्षण दिखेकांगो के इगेंड में एक महिला मरीज को खून आने के साथ बुखार के लक्षण देखे गए हैं। इस मरीज की इबोला जांच कराई गई, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आई। डॉक्टरों को डर है कि यह “डिसीज-एक्स’ की पहली मरीज है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक वैज्ञानिकों का कहना है कि ‘डिसीज-एक्स’ महामारी अभी परिकल्पना है, लेकिन अगर यह फैलती है तो पूरी दुनिया में इससे तबाही आएगी।

कौन हैं डॉ. तामफमडॉ. तामफम की 1976 में इबोला वायरस का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका थी। इबोला वायरस का जब पहली बार पता चला तो कांगो के यामबूकू म‍िशन अस्प्ताल में 88% मरीजों और 80% कर्मचारियों की मौत हो गई थी।

हर साल वायरस की 3 से 4 नई प्रजाति सामने आ रही

एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी में इंफेक्शियस डिसीज एपिडेमियोलॉजी के प्रो. मार्क वूलहाउस का कहना है, हर साल 3 से 4 नए वायरस की प्रजाति सामने आ रही है। इसमें से ज्यादातर वायरस ऐसे हैं जो जानवर में पाए जाते हैं। ये जानवरों के जरिए इंसानों में पहुंचकर बीमारी फैलाते हैं। जैसे इबोला और कोविड-19। जब इन्हें काटा जाता है या भोजन के रूप में लिया जाता है तो ये वायरस इंसानों तक पहुंचता है।

पशु बाजार ‘डिसीज-X’ का बड़ा खतरा साबित हो सकता है। यह वायरस वहां के किसी भी जानवर में हो सकता है। पिछले कुछ सालों में वैज्ञानिकों ने पशु बाजार से एवियन फ्लू और सार्स जैसे वायरस फैलने का कनेक्शन ढूंढा है।

जानवरों का घर उजड़ना इंसानों तक वायरस पहुंचने की वजहडॉ. तामफम का कहना है, भविष्य में ऐसी बीमारियां बढ़ेंगी जो जानवरों से इंसानों तक पहुंचेंगी। यलो फीवर, इन्फ्लुएंजा, रैबीज और लाइम डिसीज के उदाहरण सामने हैं। ये बीमारियां जानवरों के जरिए इंसानों तक पहुंची।एक्सपर्ट्स कहते हैं, दुनियाभर में वायरस की संख्या बढ़ने की बड़ी वजह हैं- जानवरों का घर उजड़ना, जंगलों का तबाह होना और जानवरों की तस्करी।

जानवरों के रहने की जगह उजड़ने पर बड़े जानवर तेजी से कम हुए। चूहे, चमगादड़ जैसे जीव जिंदा रहे। इनके जरिए कई बीमारियां इंसानों तक पहुंची। कोरोना के फैलने की वजह अभी भी चमगादड़ को ही माना जा रहा है।

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