May 15, 2024 : 6:13 PM
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लगातार चौथे महीने महंगा हुआ स्टील, कंपनियों ने 2000 रुपए प्रति टन तक बढ़ाई कीमत

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नई दिल्ली3 घंटे पहले

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सबसे बड़े स्टील उत्पादक और खपत वाले चीन में कीमतों में गिरावट से अभी भी भारत में कीमतों पर दबाव बना हुआ है।

  • आर्थिक गतिविधियों में रिकवरी के बावजूद कीमतों में बढ़ोतरी
  • प्री-कोविड स्तर से ज्यादा हुए कई स्टील उत्पादों के दाम

अनलॉक के दौरान आर्थिक गतिविधियों में लगातार रिकवरी के संकेत दिख रहे हैं। इस बीच स्टील निर्माता कंपनियों ने लगातार चौथे महीने स्टील की कीमतों में 2 हजार रुपए प्रति टन तक की बढ़ोतरी कर दी है। मांग बढ़ने और विदेशी बाजारों में प्राइस ट्रेंड के कारण कंपनियों ने यह फैसला लिया है।

हॉट रोल्ड कॉइल की कीमत 1 से 2 हजार रुपए तक बढ़ी

बैंचमार्क हॉट रोल्ड कॉइल (एचआरसी) की कीमतों में 1 से 2 हजार रुपए प्रति टन तक की बढ़ोतरी की गई है। अक्टूबर डिलिवरी के लिए एचआरसी की कीमत 43 हजार से 43500 रुपए प्रति टन हो गई हैं। वहीं, कोल्ड रोल्ड कॉइल (सीआरसी) की कीमत 52 हजार रुपए प्रति टन पर हैं। अक्टूबर में बढ़ोतरी के साथ एचआरसी की कीमत प्री-कोविड स्तर से ज्यादा हो गई है। कोविड-19 संक्रमण से पहले एचआरसी की कीमत 42 हजार रुपए प्रति टन थी। एक अनुमान के मुताबिक, एचआरसी स्टील की कीमतें जुलाई से अब तक 7 से 7.5 हजार रुपए तक बढ़ गई हैं।

लॉन्ग प्रोडक्ट की कीमतें भी बढ़ीं

अक्टूबर में स्टील की कीमतों में बढ़ोतरी चीन में कीमतों में गिरावट के विपरीत हैं। चीन में सितंबर में फ्लैट स्टील की कीमतों में 4 फीसदी की गिरावट रही है। रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में इस्तेमाल किए जाने वाले लॉन्ग स्टील प्रोडक्ट की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, फ्लैट प्रोडक्ट्स के मुकाबले लॉन्ग प्रोडक्ट्स की कीमत अभी भी 1500 रुपए प्रति टन नीचे हैं।

कीमतों में बढ़ोतरी से घरेलू मांग पर असर पड़ेगा

ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल के एक एनालिसिस में कहा गया है कि स्टील की कीमतों में बढ़ोतरी से घरेलू मांग पर असर पड़ेगा। एनालिसिस के मुताबिक, ऑटो और व्हाइट गुड्स सेक्टर में रिकवरी के कारण घरेलू स्तर पर फ्लैट स्टील की मांग मजबूत हुई है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि निवेशकों को एचआरसी की कम सप्लाई के कारण फ्लैट रोल्ड स्टील की मांग भी काफी मजबूत बनी हुई है। हालांकि, अक्टूबर के निर्यात वादों के कारण कंपनियां घरेलू स्तर पर सप्लाई में कमी कर सकती हैं।

चीन में 25 डॉलर प्रति टन की कमी

घरेलू संकेतों से देश में स्टील की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। लेकिन सबसे बड़े स्टील उत्पादक और खपत वाले चीन में कीमतों में गिरावट से अभी भी भारत में कीमतों पर दबाव बना हुआ है। चीन में सितंबर 2020 में स्टील की कीमतों में 25 डॉलर प्रति टन की गिरावट आई है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि चीन में इस समय राष्ट्रीय अवकाश चल रहा है। यदि इस अवकाश के बाद वहां स्टील की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं होती है तो भारतीय कीमतों पर जोखिम बना रहेगा।

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