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हडि्डयों और मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाली एक्सरसाइज है ‘रीबाउंडिंग’, इसका 30 मिनट का वर्कआउट 200 कैलोरी बर्न करता है

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13 घंटे पहले

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  • वजन घटाना चाहते हैं तो रीबाउंडिंग को अपने फिटनेस रूटीन में शामिल करें
  • यह पेट, पीठ और पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बनाती है और इम्युनिटी बढ़ाती है

रीबाउंडिंग एरोबिक एक्सरसाइज का एक प्रकार है। इसे ट्रैम्पोलिन पर किया जाता है। इसमें कई प्रकार के प्रयोग भी किए जा सकते हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रीबाउंडिंग एंड हेल्थ के अल्बर्ट ई कार्टर ने दावा किया है कि ‘रीबाउंडिंग’ अब तक की सबसे पॉवरफुल एक्सरसाइज है। 2018 में प्रकाशित शोध के मुताबिक, हफ्ते में तीन दिन 15 से 20 मिनट का सेट करने पर इसके फायदे मिलने लगते हैं।

30 मिनट का रीबाउंडिंग वर्कआउट 200 कैलोरी बर्न करता है। जब भी ट्रैम्पोलिन खरीदें तो ध्यान रखें कि इसकी क्षमता 100 से 113 किलो वजन सहने की होनी चाहिए। इस वर्कआउट को करने के लिए ट्रैम्पोलिन पर बैलेंस बनाते हुए कूदते हैं। पहली बार कर रहे हैं तो किसी एक्सपर्ट से इसकी ट्रेनिंग ले लें।

रीबाउंडिंग वर्कआउट को कई तरह से किया जा सकता है

रीबाउंडिंग वर्कआउट को कई तरह से किया जा सकता है

रीबाउंडिंग वर्कआउट

1. मांसपेशियों और हडि्डयों को मजबूत बनाता है
हफ्ते में पांच दिन की रीबाउंडिंग एक्सरसाइज हडि्डयों और मांसपेशियों को मजबूत बनाती है। यह शरीर में लचीलापन लाने के साथ बॉडी को बैलेंस करना सिखाती है। इससे पेट, पैर और पीठ की मांसपेशियां टोन होती हैं।

2. हृदय रोगों का खतरा घटता है
इसमें कमर से पैरों तक के हिस्से का मूवमेंट लगातार होने के कारण चर्बी घटती है। पूरी बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और हृदय रोगों का खतरा घटता है।

3. टॉक्सिंस बाहर निकालते हैं
हैवी वर्कआउट होने के कारण इसे करने पर पसीना अधिक निकलता है, जिससे धीरे-धीरे शरीर में टॉक्सिंस की मात्रा कम होती है। टॉक्सिंस कम होने पर इम्युनिटी बढ़ती है।

पीठ और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए ये वैरिएशन ट्राय कर सकते हैं।

पीठ और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए ये वैरिएशन ट्राय कर सकते हैं।

थकान और सिरदर्द दूर करती है
रीबाउंडिंग शरीर में ऑक्सीजन को सर्कुलेट करती है। थकान और सिरदर्द से जूझ रहे हैं तो इस वर्कआउट को ट्राय करें।

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