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10वीं में मैथ्स, साइंस और सोशल साइंस में से किसी एक में फेल होने पर भी माना जाएगा पास

  • कक्षा 10वीं की सत्र 2019-2020 परीक्षा के रिजल्ट पर भी यह नियम लागू होगा
  • छठे विषय के रूप में स्किल सब्जेक्ट चुनने वाले छात्रों को ही मिलेगा फायदा

दैनिक भास्कर

May 28, 2020, 10:31 AM IST

लॉकडाउन बढ़ने के साथ ही 10वीं कक्षा की परीक्षाएं देने वाले छात्रों का रिजल्ट का इंतजार भी बढ़ रहा है। इस बीच 10वीं के स्टूडेंट्स के लिए एक राहत की खबर आई है। सीबीएसई ने इस बार अपने नियमों में कुछ बदलाव किए हैं, जिससे इस साल का पासिंग पर्सेंटेज बढ़ने की संभावना है। बोर्ड के जिन छात्रों ने 10वीं में छठे विषय के रूप में स्किल सब्जेक्ट को चुना है, उन्हें एक बड़ा फायदा होने जा रहा है। यह विद्यार्थी अपने मुख्य तीन विषय मैथ्स, साइंस और सोशल साइंस में से किसी एक में फेल भी होते हैं, तो उन्हें पास कर दिया जाएगा।   जिस विषय में छात्र फैल हुआ है उसे स्किल विषय से रिप्लेस कर दिया जाएगा। इस नियम का लाभ सत्र 2019-20 की परीक्षाएं दे रहे स्टूडेंट्स को भी मिलेगा। 
 सीबीएसई द्वारा 10वीं में 100 से अधिक स्किल विषय चलाए जा रहे हैं। अब तक मुख्य विषय में फेल होने वाले विद्यार्थियों को कंपार्टमेंटल परीक्षा देनी होती थी। 10वीं में छठे विषय के तौर पर स्किल विषय की सुविधा 2019 में शुरू हुई थी। 2019 में नौवीं के छात्रों को भी यह सुविधा दी गई।

2022 से 12वीं के छात्र भी चुन सकेंगे स्किल विषय
2022 से 12वीं के छात्रों को भी स्किल विषय चुनने का मौका मिलेगा। सीबीएसई ने 2020-21 सत्र के 11वीं के छात्रों को स्किल विषय रखने का अवसर दिया है, जो छात्र स्किल विषय रखेंगे उन्हें बोर्ड परीक्षा में किसी एक विषय में फेल होने पर स्किल विषय से रिप्लेस करने का मौका मिलेगा।

जून के आखिर तक आ सकता है रिजल्ट 

यह तय हो चुका है कि सीबीएसई बोर्ड में 10वीं का कोई भी बचा हुआ पेपर दिल्ली को छोड़कर देश के किसी भी हिस्से में नहीं होना है। सीबीएसई ने  मूल्यांकन प्रक्रिया शुरू करने के आदेश भी जारी कर दिए हैं। 15 जून तक 10वीं के सभी विषयों का मूल्यांकन पूरा हो सकता है। यानी दिल्ली क्षेत्र को छोड़ देश भर में 10वीं परीक्षा का रिजल्ट जून के अंत तक आ सकता है। 

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