दैनिक भास्कर
Jun 29, 2020, 04:15 PM IST
सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या मामले में सोनू सूद का कहना है कि किसी की मौत के लिए बॉलीवुड के एक सेक्शन को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है। दरअसल, सुशांत की मौत के बाद से लगातार कई लोग यह दावा कर रहे हैं कि इंडस्ट्री में नेपोटिज्म को बढ़ावा देने वालों की वजह से वे डिप्रेशन में थे और इसी के चलते उन्होंने अपनी जिंदगी की खत्म कर ली।
यह सुनना बहुत मुश्किल कि आप किसी की मौत के दोषी हैं
हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में जब सोनू से पूछा गया कि क्या किसी की मौत के लिए बॉलीवुड के एक सेक्शन को जिम्मेदार ठहराया जाना सही है? तो उन्होंने जवाब में कहा- लोगों के एक सेक्शन को जिम्मेदार ठहराना बिल्कुल सही नहीं है। उनके लिए भी यह सुनना बहुत मुश्किल होता है कि आप किसी की मौत के दोषी हैं।
सोनू के मुताबिक, किसी पर किसी की मौत का दोष होना बहुत बड़ी बात है। जो इंसान जिंदगी में एक बार इस अनुभव से गुजरता है, वह कभी बाहर नहीं आ सकता। वे कहते हैं- मैं यह भी कहूंगा कि यह बहुत बड़ी त्रासदी है। कई लोग कई तरह की बातें कर रहे हैं और मैं श्योर हूं कि आने वाले दिनों में सबकुछ सामने आ जाएगा। इसलिए मेरा मानना है कि फिलहाल सबको शांत रहना चाहिए।
कुछ दिन सुशांत और नेपोटिज्म याद रहेगा
सोनू ने इस बातचीत में कहा कि कुछ दिन तक लोग सुशांत और नेपोटिज्म को याद रखेंगे। फिर कोई नया विषय आ जाएगा। कोई नया आउटसाइडर इंडस्ट्री में आएगा और पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रहा होगा।
नेपोटिज्म पर सोनू की राय
नेपोटिज्म पर चर्चा करते हुए सोनू ने कहा- जब मैं इंडस्ट्री में आया तो मैं जानता था कि यह ऐसी दुनिया है, जहां लोग जान-पहचान वालों को ही सपोर्ट करते हैं। मैं आज किसी को जानता हूं और मैं उसके लिए फोन लगाऊंगा तो शायद उसे आसानी से एंट्री मिल जाएगी, बजाय उस नए आदमी के, जो पहली बार मुंबई आया है।
यह कभी बदलने वाला नहीं है। यह इस पर निर्भर करता है कि आउटसाइडर्स इसे कैसे स्वीकार करते हैं। आउटसाइडर्स के लिए न आसान था और न कभी होगा। उन्हें इंडस्ट्री में एंट्री लेते वक्त यह मान लेना चाहिए कि आप एक वाइल्ड जंगल में एंटर हो रहे हैं, जहां आपको सर्वाइव करना होगा।
आप तभी सर्वाइव कर सकते हैं, जब आप मानसिक रूप से स्ट्रॉन्ग होंगे और आपको परिवार और करीबियों का सपोर्ट होगा। आप सिर्फ इस तरह ही सर्वाइव कर सकते हैं। नहीं तो आपकी जिंदगी में उतार-चढ़ाव आएंगे, कभी आपको चीट किया जाएगा, कभी आप टूट जाएंगे और आपको सब छोड़कर अपने घर वापस लौटना पड़ेगा।
सभी इंडस्ट्रीज में सर्वाइव करना मुश्किल होता है, लेकिन बॉलीवुड में सबसे ज्यादा मुश्किल है। अगर आप इस इंडस्ट्री में पिछले 50-60 साल का सक्सेस रेट देखें तो आउटसाइडर्स मुश्किल से 0.0001 फीसदी ही निकलेंगे।