दैनिक भास्कर
Jun 27, 2020, 05:48 PM IST
कंगना रनोट ने शनिवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर उन 20 भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि दी, जो गलवान वैली में चीनी सेना के साथ संघर्ष में शहीद हो गए थे। इसके साथ ही उन्होंने देश की जनता से चीनी सामान के बहिष्कार की अपील की।
टीम कंगना रनोट के ट्विटर हैंडल से एक्ट्रेस का वीडियो शेयर करते हुए लिखा गया है, “कंगना रनोट ने लद्दाख में चीनी सेना द्वारा भारतीय जवानों पर किए गए क्रूर हमले की निंदा की है। साथ ही आह्वान किया है कि देश की जनता को शहीदों के बलिदान को नहीं भूलना चाहिए। क्योंकि यह देश पर हमला है।”
#KanganaRanaut condemns the brutal Chinese attack on the Indian Army in Ladakh & calls the nation to not forget the sacrifice of our martyrs & treat this as an attack on nation.
To honour the supreme sacrifice of our bravehearts & to teach China a lesson,it’s time #अब_चीनी_बंदpic.twitter.com/jrehc8Qqwp— Team Kangana Ranaut (@KanganaTeam) June 27, 2020
वीडियो में कंगना ने जो कहा
वीडियो में कंगना कह रही हैं- अगर कोई हमारे हाथ से हमारी उंगलियां काटने की कोशिश करे? या हमारी भुजाओं से हमारी हथेली काटने की कोशिश करे तो किस तरह का कष्ट होगा आपको? वही कष्ट पहुंचाया है चाइना ने हमें लद्दाख पर अपनी लालची नजरें गड़ाकर। और वहां हमारी सीमा का एक-एक इंच बचाते हुए हमारे 20 जवान शहीद हो गए।
क्या भूल पाएंगे आप उनकी मांओं के आंसू? उनकी विधवाओं की सीखें? और उनके बच्चों के दिए बलिदान को? क्या ये सोचना ठीक है कि सेनाओं का सरहदों पर जो युद्ध होता है, वो सिर्फ सेनाओं का होता है? वो सिर्फ सरकार का होता है? क्या उसमें हमारा कोई योगदान नहीं है?
क्या हम भूल गए वो वक्त, जब महात्मा गांधी जी ने कहा था कि अगर अंग्रेजों की रीढ़ तोड़नी है भारत में तो उनके बनाए हुए हर उत्पाद का बहिष्कार करना पड़ेगा। तो क्या ये जरूरी नहीं है कि हम भी इस युद्ध में हिस्सा लें? क्योंकि लद्दाख सिर्फ जमीन का एक टुकड़ा नहीं है, भारत की अस्मिता का एक बहुत बड़ा हिस्सा है। भारत की हथेली है। हम किसी तरह से दुश्मनों को उनके गंदे इरादे में सफल नहीं होने दे सकते।
तो क्या हम लोगों को इसमें हिस्सा नहीं लेना चाहिए कि जितने भी चाइनीज सामान हैं, जितने भी उनके प्रोडक्ट हैं, जिन भी कंपनियों में उन्होंने इन्वेस्ट किया है,जिनसे उनको रिटर्न्स आते हैं, रेवेन्यु आते हैं, ऑर्गेनाइजेशन हैं, उन सबका बहिष्कार करें? वो उस संपत्ति से, जो यहां से इकट्ठी करके जाते हैं, उस संपत्ति से हथियार खरीदकर हमारे सैनिकों के सीने छलनी करते हैं।
तो क्या हम इस युद्ध में चाइना का साथ दे सकते हैं? आप बताइए। क्या हमारा कर्तव्य नहीं है कि हम अपनी सेनाओं का और अपनी सरकार का साथ दें? तो हम ये प्रतिज्ञा लेते हैं कि हम आत्मनिर्भर बनेंगे और चाइनीज सामान का बिल्कुल बायकॉट करेंगे। और इस युद्ध में हिस्सा लेंगे भारत को जिताएंगे। जय हिंद।
15 जून को गलवान वैली में हुई थी झड़प
15 जून को गलवान वैली में चीनी सेना ने अचानक भारतीय जवानों पर हमला कर दिया थाष इस झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे। जबकि चीन के लगभग 43 सैनिकों के मारे जाने की खबर आई थी।