- मुकेश अंबानी ने डोनाल्ड ट्रंप से भी कही थी जियो में चाइनीज उपकरण इस्तेमाल नहीं करने की बात
- पोम्पिओ ने रिलायंस जियो को कनाडियन, ब्रिटिश और फ्रेंट टेलीकॉम कंपनियों की कतार में खड़ा किया
- अमेरिका रक्षा विभाग ने कहा- हुवावे समेत चीन की टॉप-20 कंपनियों का संचालन सेना के हाथ में
दैनिक भास्कर
Jun 25, 2020, 10:01 AM IST
नई दिल्ली. भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच अमेरिका ने भारत की तारीफ करते हुए चीन की कंपनियों पर हमला किया है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने रिलायंस जियो को ‘क्लीन’ नेटवर्क बताया है। पोम्पिओ ने चीन की कंपनी हुवावे के उपकरण इस्तेमाल नहीं करने पर जियो की सराहना करते हुए यह बात कही है। रिलायंस जियो को दुनिया के लीडिंग टेलीकॉम ऑपरेटर्स में शामिल करते हुए पॉम्पिओ ने हुवावे को चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी इंफ्रास्ट्रक्चर का हिस्सा बताया।
ब्रिटिश, कनाडियन और फ्रेंच कंपनियों में शुमार हुई जियो
पॉम्पिओ ने कहा कि रिलायंस जियो चीनी कंपनी हुवावे के उपकरण इस्तेमाल नहीं करके कनाडियन, ब्रिटिश और फ्रेंच कंपनियों की कतार में शामिल हो गई है। आतंकवाद पर सालाना रिपोर्ट जारी करते हुए पॉम्पिओ ने चाइनीज कंपनी के साथ किसी भी प्रकार का कारोबार करने से इनकार कर दिया। अमेरिका लंबे समय से चीन पर टेलीकॉम कंपनियों के जरिए जासूसी कराने का आरोप लगाता आ रहा है।
मुकेश अंबानी ने ट्रंप से कही थी चीनी उपकरण इस्तेमाल नहीं करने की बात
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने इस साल फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भारत दौरे के दौरान मुलाकात की थी। इस दौरान मुकेश अंबानी ने कहा था कि रिलायंस जियो दुनिया का पहला ऐसा नेटवर्क है जिसने चीनी उपकरणों का इस्तेमाल नहीं किया है।
5जी में स्वदेशी उपकरण इस्तेमाल करेगा जियो
4जी की सफलता के बाद रिलायंस जियो अब 5जी की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। 5जी नेटवर्क के लिए रिलायंस जियो स्वदेशी उपकरण लगाने की योजना बना रहा है। रिलायंस जियो ने डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम से स्वदेशी 5जी उपकरणों के लैब टेस्ट के लिए आवेदन किया है। जियो ने कहा है कि वह बिना थर्ड पार्टी की भागीदारी के यह लैब टेस्ट करेगा।
चीन की 20 कंपनियों को सेना का समर्थन
उधर, अमेरिका के रक्षा विभाग ने बुधवार को कहा कि हुवावे समेत चीन की टॉप-20 फर्म चाइनीज सेना की ओर से या उसके समर्थन के जरिए संचालित हो रही हैं। इस लिस्ट में फीचर वीडियो सर्विलांस फर्म हिकविजन, चाइना टेलीकॉम, चाइना मोबाइल और एवीआईसी जैसी कंपनियां भी शामिल हैं। अमेरिका का रक्षा विभाग अमेरिका में कार्यरत ऐसी कंपनियों को ट्रैक करता है जो चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी या उसके समर्थन से चल रही हैं।