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राज्यसभा चुनाव में हिस्सा लेने वाले भाजपा विधायक ओमप्रकाश सकलेचा पॉजिटिव, संपर्क में आए 3 विधायकों का भी टेस्ट हुआ

  • विधायक ओमप्रकाश सकलेचा जावद सीट से विधायक हैं, यहीं उनके घर के पास एक महिला पॉजिटिव मिली थी
  • ऐसा अंदेशा है कि सकलेचा वहीं संक्रमित हुए, इसके बाद वे भोपाल आ गए और यहां भी कई लोगों से मिले
  • राज्यसभा चुनाव के दौरान वे कई विधायकों के संपर्क में आए, 18 मई को 14 विधायकों के साथ लंच किया था

दैनिक भास्कर

Jun 20, 2020, 02:18 PM IST

भोपाल. मध्यप्रदेश भाजपा के विधायक ओमप्रकाश सकलेचा की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। सकलेचा एक दिन पहले ही राज्यसभा चुनाव में वोट डालने के लिए विधानसभा पहुंचे थे। अब उनके संपर्क में आने वाले विधायकों का टेस्ट किया जा रहा है। अब तक तीन विधायक देवीलाल धाकड़, यशपाल सिंह सिसोदिया और दिलीप सिंह मकवाना ने भोपाल के जेपी अस्पताल में टेस्ट कराया है। बाद में इन विधायकों ने कहा कि सावधानी के लिए जांच जरूरी है, क्योंकि हम चुनाव के समय विधानसभा में सकलेचा के साथ थे। 

विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने बताया, ‘वे बीते दो दिन से सकलेचा के साथ थे। शुक्रवार को वोटिंग भी साथ में की। इससे एक दिन पहले हमने 14 विधायकों के साथ मिलकर लंच किया था। हम तीनों ही सावधानी के लिए टेस्ट कराने आए हैं। उनके संपर्क में आने वाले सभी विधायकों को भी कोरोना टेस्ट कराना चाहिए।’ इससे पहले कांग्रेस के विधायक कुणाल चौधरी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। उन्होंने पीपीई किट पहनकर राज्यसभा चुनाव में वोट डाला था।

सकलेचा 16 जून से भोपाल में एक फार्म हाउस में रह रहे थे
विधायक सकलेचा की जो हिस्ट्री सामने आई है, उसके अनुसार जावद (नीमच) में इनके घर के पास एक महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद विधायक अपनी पत्नी के साथ फार्म हाउस में रहने चले गए थे। फार्म हाउस में रहने के दौरान ये लोगों से मिलते रहे और कई कंटेनमेंट एरिया में भी गए। इसके बाद 16 जून को भोपाल आ गए। लापरवाही की बात ये है कि इस दौरान प्रशासनिक अमले ने न तो उनका सैंपल लिया और न ही उन्हें कंटेनमेंट एरिया में जाने से रोका। 

सीसीटीवी फुटेज निकाल रहे
विधायक सकलेचा कई लोगों से मिले थे और राज्यसभा चुनाव से पहले हुई भाजपा की मीटिंग में शामिल हुए थे। विधानसभा सचिवालय ने राज्यसभा चुनाव में मतदान के फुटेज निकालने के आदेश दिए हैं।

नो-कोविड कॉन्टेक्ट डिक्लेरेशन

राज्यसभा चुनाव के पहले ड्यूटी में लगाए गए कर्मचारियों के साथ विधायकों को भी ‘नो-कोविड कॉन्टेक्ट डिक्लेरेशन देना अनिवार्य था। अगर कोई कोविड कॉन्टेक्ट निकलता है, तो उनकी पूरी जांच की जाएगी। ऐसे विधायकों के लिए मतदान करने की अलग से व्यवस्था की तैयारी थी। कहा गया था कि यह पूरी कवायद कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए की गई।

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