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दोस्त या रिश्तेदार से बातचीत करने में 7 बातों का ध्यान रखें; ऐसे लोगों से बात करें जो खुशी दें, ह्यूमर का इस्तेमाल करें

  • किसी से बातचीत से पहले एक-दो टॉपिक सोच लें, बुरा महसूस करने पर साथी को बताएं
  • कोरोनावारयस के डर के कारण लोग आपस में बात करने में असहज महसूस कर रहे हैं
  • संतुलित रहकर बातचीत करें, बार-बार चर्चा घुमाकर खुद पर न लाएं, साथी को तरजीह दें

दैनिक भास्कर

Jun 16, 2020, 03:42 PM IST

एना गोल्डफार्ब. कोरोनावायरस के चलते लोगों के बातचीत करने के तरीके में भी बदलाव आए हैं। रिश्तेदारों या दोस्तों से फोन पर बात करते वक्त हमारे दिमाग में कुछ और चल रहा होता है। अगर आप बुरा या दुखी महसूस कर रहे हैं तो बातचीत में संतुलन बनाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है।

हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की एसोसिएट प्रोफेसर एलिसन ब्रूक्स बताती हैं कि हो सकता है कुछ लोग सकारात्मक बातचीत में परेशानी महसूस कर रहे हैं, क्योंकि दुनिया की स्थिति खराब है। घर में भीड़ के साथ रहने वाले बातचीत में थकान महसूस कर रहे हैं। जबकि कुछ लोग चाहते हैं कि काश वे और बात कर सकते, ताकि अकेलेपन से लड़ सकें।

इस वक्त ऐसी कई सारी चीजें हैं, जिनपर हमारा कंट्रोल नहीं है। जब चीजें बातचीत पर आती हैं तो हम इसे नियंत्रित कर सकते हैं। हम यह भी चुन सकते हैं कि हमें किससे बात करनी है। डॉक्टर ब्रूक्स के अनुसार, उन लोगों से बात करने की कोशिश करें जो आपको खुशी दें। बातचीत के बाद सोचें कि आपको कैसा लग रहा है, अगर कोई लगातार आपको नीचे खींच रहा है तो बेहतर होगा कि आप किसी और से बात करें।

ह्यूमर करेगा शांत
हम बातचीत के दौरान जोक्स सुना सकते हैं। रिसर्च बताती है कि निगेटिव खबरों से दिमाग हटाने और ठीक होने का सबसे अच्छा तरीका ह्यूमर है। डॉक्टर ब्रूक्स के मुताबिक, लोगों को हंसाए और खुद भी हंसना न भूलें। भले ही आप किसी गंभीर मुद्दे पर बात कर रहे हों, यह जरूरी नहीं की आप गंभीर ही रहें। आप एक ही वक्त में रो भी सकते हैं और मुस्कुरा भी सकते हैं।

बातचीत के लिए 7 बातों का ध्यान रखें 

  • पहले तैयारी कर लें- डॉक्टर ब्रूक्स ने रिसर्च में पाया कि बातचीत शुरू करने से पहले एक या दो टॉपिक तैयार करना बातचीत के दौरान घबराहट को कम करता है और मजा बढ़ाता है। बातचीत के पहले 20 सेकंड में एक या दो आइडियाज के बारे में सोचना भी मदद कर सकता है।
  • विषय के साथ बात शुरू करें- द फाइन आर्ट ऑफ स्मॉल टॉक की राइटर डेब्रा फाइन से जब कोई पूछता है कि वे कैसी हैं? तो वे इसपर खुश होकर जवाब देती हैं। वे कहती हैं कि मैंने अभी तक खुद को तैयार नहीं किया है या मेरे पसंदीदा टीवी शो का एक एपिसोड बाकी है। इससे दूसरे व्यक्ति को बात करने के लिए टॉपिक मिल जाता है।
  • एकतरफा बात न करें- बातचीत के दौरान दो व्यक्तियों के बीच चीजें काफी मुश्किल हो सकती हैं, हो सकता है कि आप हमदर्दी जताने के लिए बात कर रहे हों। इस दौरान एक व्यक्ति बुरा भी महसूस करे। ऐसे में आपसे अनुभव साझा कर रहे व्यक्ति का समर्थन करें। उदाहरण के लिए अगर फोन पर आपका साथी कहता है कि पार्क बंद होने के कारण मैं फंसा हुआ महसूस कर रहा हूं, तो बजाए यह कहने के कि कभी एक छोटे से घर में रहकर देखो, आप उनका समर्थन करें। उनसे कहें कि वाकई में यह परेशान करने वाला है या हां मैं आपकी परेशानी समझती हूं।
  • रोज की चीजों के बारे में पूछें- यह बहुत जरूरी है कि आप उन लोगों से गंभीरता से बात करें जो नौकरी से हटा दिए गए हैं या बाहर काम कर रहे हैं। अगर आपका दोस्त इस बारे में बात करना चाहता है कि पाबंदी हटने के बाद दुनिया कैसी लगेगी, तो उनका साथ दें। यह पक्का करें कि बाहर काम कर रहा व्यक्ति सपोर्ट महसूस करे। भले ही वो अपने काम की चिंताओं को लेकर अभी बात न करना चाहता हो।
  • बातचीत को संतुलित रखें- लगातार बात को अपनी ओर घुमाकर न लाएं। यह आदत कई लोगों को होती है पर उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं होता है। यह आदत बातचीत करने वाले को तंग कर सकती है। डॉक्टर ब्रूक्स के मुताबिक, इसके बाद लोग बातचीत छोड़कर चले जाते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि आपको उनमें दिलचस्पी नहीं है। 
  • मामूली बातों को रोचक बनाएं- रोज की जिंदगी में जिन बेतुकी चीजों को देख रहे हैं, उनपर आश्चर्य करें। Elle.com के सीनियर एडिटर और “हेयर फॉर इट: और हाउ टू सेव योर सोल इन अमेरिका” के लेखक आर एरिक थॉमस लोगों से बात करते वक्त लोगों की बात सुनने में भरोसा करते हैं। कहते हैं कि आप यह जानकर सरप्राइज हो जाएंगे कि मैं कैसे अपने दोस्त के क्वारैंटाइन पीरियड के बारे में सुनने में दिलचस्पी लेता हूं। अपनी जिंदगी के बारे में बताओ और भविष्य की अनिश्चितता पर कम बात करो।
  • ईमानदार रहें- अगर आपको ऐसा महसूस हो रहा है कि आप दूसरे व्यक्ति से बात नहीं कर पाएंगे तो उन्हें बता दें। थॉमस के मुताबिक, बातों में लगने से मौजूद होना भी ठीक है। यह कहने में भी कोई बुराई नहीं है कि मुझे पॉजिटिविटी खोजने में परेशानी हो रही है, बल्कि हो सकता है कि इससे सामने वाला व्यक्ति भी आपसे खुलकर बात करे।

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