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स्टेडियम बैंक्वेट हाल, कम्युनिटी हॉल और स्कूलों में बेड बढ़ाने की तैयारी

  • दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा – टेस्टिंग के लिए आईसीएमआर करे गाइडलाइन में बदलाव
  • एलएनजेपी के वीडियो कॉन्ट्रेक्ट कर्मचारियों ने बनाई, सस्पेंड किया गया

दैनिक भास्कर

Jun 14, 2020, 04:02 AM IST

दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के दिल्ली सरकार पर टेस्टिंग कम करने के सवाल उठाने के एक दिन बाद शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने अपने बयान में कहा कि हम आईसीएमआर की गाइड लाइन के अनुसार जांच की संख्या बढ़ाते हैं। हम आईसीएमआर की गाइड लाइन का उल्लंघन नहीं कर सकते हैं। आईसीएमआर ने जो भी शर्तें लगा रखी हैं, उन्हीं के आधार पर पूरे देश के अंदर जांच हो सकती है। आईसीएमआर की गाइडलाइन में स्पष्ट कहा गया है कि किसकी जांच हो सकती है और किसकी नहीं हो सकती है।

आईसीएमआर शर्तों को हटा दे तो जो भी लोग चाहेंगे वह अपनी जांच करा सकते हैं।  लेकिन ऐसा करने से एक समस्या यह आएगी कि बीमार लोग कम और स्वस्थ्य लोग अधिक जांच कराएंगे। ऐसे में बीमार व्यक्ति का नंबर महीने भर में आएगा। जैन ने दिल्ली में बढ़ रहे कोरोना मामले पर सरकारी की तैयारियों को लेकर बताया कि विशेषज्ञों ने बेड आदि के इंतजाम करने का आंकलन करके दिया है। उसी के अनुसार हम चल रहे है। जैन ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि 30 जून तक जितने बेड की जरूरत पड़ने की संभवना है, उसकी तैयारियां हम 20 जून तक पूरी कर लेंगे और 15 जुलाई तक जितने बेड की जरूरत पड़ेगी, उसकी हम 30 जून तक तैयारी कर लेंगे। स्टेडियम, बैंक्वेट हॉल, कम्युनिटी हॉल और स्कूलों के अंदर भी बेड बनाने की व्यवस्था देखी जा रही है। 

पत्र लिखकर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन से गाइडलाइन्स बदलने की अपील

आम आदमी पार्टी (आप) से सांसद संजय सिंह ने कहा कि पूरे देश भर में कोरोना महामारी के तौर पर फैल रहा है और अभी तक हमारे पास प्रमाणिक तौर पर डाटा है। उसके मुताबिक अभी तक तीन लाख से अधिक लोग इसके शिकार हो चुके हैं, लेकिन कोराेना और भी कितने लोगों को हो चुका है, यह किसी को जानकारी नहीं है। इस समय सबसे ज्यादा जरूरी है कि जांच को बढ़ाया जाए। अधिक से अधिक जांच हो, लेकिन उसके लिए आईसीएमआर की गाइड लाइन की जो बाध्यता है, उस बाध्यता को खत्म किया जाना चाहिए।  पूरे देश में अधिक से अधिक पैथोलॉजी को लाइसेंस दीजिए और सभी राज्यों को अधिक से अधिक टेस्टिंग किट उपलब्ध कराइएं। वरना हम आग के गोले पर बैठकर विस्फोट होने का इंतजार कर रहे हैं। क्योंकि देश भर में कितने लोगों को कोरोना हो चुका है, यह तो पता चले। अगर लोगों को पता चलेगा, तो वे अपने आप को आइसोलेशन में रखेंगे, होम क्वारंटीन सेंटर में रखेंगे या जरूरत पड़ेगी तो अस्पताल में जाएंगे। यदि किसी को पता ही नहीं चलेगा कि उसको क्या बीमारी है, तो मुझे लगता है कि हम शांति से आग के गोले पर बैठे हुए और आने वाले दिनों के अंदर इसका विस्फोट बहुत भयानक तरीके से होगा। इसलिए मैंने केंद्र सरकार और स्वास्थ्य मंत्री से निवेदन किया है कि वे आईसीएमआर की गाइड लाइन को बदलें। 

दिल्ली के अस्पतालों में सभी को इलाज का हक: रमेश विधूड़ी
दिल्ली सरकार के द्वारा दिल्ली के अस्पतालों दिल्ली वालों के इलाज करने के लिए गए निर्णय को लेकर दक्षिण दिल्ली के सांसद रमेश विधूड़ी ने मुख्यमंंत्री अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाया है। सांसद बिधूड़ी ने मुख्यमंत्री द्वारा सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में केवल दिल्ली के लोगों के इलाज होने के निर्णय के पीछे वोट बैंक की राजनीति का आरोप लगाया है। बिधूड़ी ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि यह केजरीवाल का असंवैधानिक कार्य था और कोरोना संकट के दौरान वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। विधूड़ी ने कहा कि उन्होंने कहा कि भारत के नागरिक का संवैधानिक अधिकार है कि वह कहीं भी इलाज करा सकता है और ऐसे ही एक मामले में जब एक मरीज को इलाज करने से मना किया गया था तो दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि यह कैसे हो सकता है।

सभी राज्यों में है डेथ ऑडिट कमेटी 
जैन ने कहा कि देश के सभी राज्यों में डेथ आडिट कमेटी बनी है। राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात समेत सभी राज्यों में है। कई राज्यों में यह कमेटी जिला स्तर पर भी बनाई गई है। इस कमेटी का काम मौतों की संख्या को कम या ज्यादा करने का नहीं है। जो भी रिपोर्ट आती है, कमेटी उसी रात 10 से 11 बजे तक जारी कर देती है। सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीज के वार्ड के अंदर नर्स, डॉक्टर और वार्ड ब्वॉयज की तैनाती होती है। उनको अपने-अपने वार्ड का ध्यान रखना होता है। एलएनजेपी अस्पताल में मरीजों को दिन में चार बार भोजन दिया जाता है। इसके अलावा फल और पानी का भी इंतजाम किया जाता है। इस तरह मरीजों के खाने और रहने सहित सभी बातों का ख्याल रखा जाता है।  एलएनजेपी अस्पताल के संबंध में कहा कि कुछ प्रोत्साहित लोग ऐसा कर रहे हैं। जैसा कि दो दिन पहले की एक वीडियो वायरल हुई थी, वह एक संविदा कर्मचारी ने बनाई थी। उसे निलंबित भी कर दिया गया है। वह वीडियो जानबूझ कर बनाई गई थी।

सभी निजी अस्पतालों की रेट लिस्ट मंगाई

निजी अस्पतालों की मनमानी रेट लिस्ट पर जैन ने कहा कि अभी सभी अस्पतालों से इलाज करने का रेट मंगाया गया है। ज्यादातर अस्पतालों के रेट आ चुके हैं। कोरोना का केस दिल्ली सहित पूरे देश में हैं। हर जगह पर कोरोना के केस हैं। हमें लगता है कि यह मान कर नहीं चलना चाहिए कि सिर्फ इसी क्षेत्र में ज्यादा केस है। कुछ समय बाद दूसरे का भी नंबर आ सकता है। एक समय कहा जा रहा था कि अमेरिका, इटली और यूके में ज्यादा केस है। भारत में बिल्कुल केस नहीं है।। तब भारत में 100 केस थे।  इसके बाद भारत में भी केस बढ़े। भारत में भी अलग-अलग जगह और शहरों का अलग-अलग पैरामीटर है। कोई एक महीना पीछे हैं तो कोई एक महीना आगे है। दिल्ली अभी मुम्बई में 10 से 12 दिन पीछे चल रही है।  

13 से 14 दिन में हो जाएंगे केस दोगुने

जैन ने कहा कि दिल्ली में अभी भी केस के दोगुना होने की दर 13 से 14 दिन है। मसलन, आज की तारीख में 37 हजार केस है। यह 37 हजार केस होने में तीन से चार महीने लगे, लेकिन आने वाले 13 से 14 दिन में 37 हजार से केस दोगुने हो सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि रिकवरी रेट कम नहीं है। क्योंकि मरीज को पूरी तरह से ठीक होने में 14-15 दिन लगते हैं। अभी नए केस अधिक आए हैं। अभी भी 100 मरीजों में 97 से 98 लोग ठीक हो रहे हैं। एमसीडी का कहना है कि उनके अस्पतालों में जनवरी फरवरी, मार्च और अप्रैल, हर महीने पिछले साल के मुकाबले मौतें कम हुई हैं और दूसरी तरफ वो सर्टिफिकेट दिखा रहे हैं। एमसीडी मीडिया में सर्टिफिकेट दिखाने की बजाय दिल्ली सरकार को देती तो ज्यादा अच्छा रहता। 

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